Saturday, 18 April 2015

रमन की बदली नीति


विगत 2003 से लगातार सत्ता में रहने वाले मुख्यमंत्रीजी डॉ रमन सिंह का जन्म लग्र कर्क और राशि सिंह है। वर्ष 2003 में शनि की महादशा में गुरू की अंतरदशा में यानि भाग्येश की दशा में सत्ता पर काबिज हुए रमन जी लगातार अंदर और बाहर के झंझावातों को झेलते हुए तटस्थ रूप से अपने लक्ष्य में बने रहे। 2008में जब अंतराष्टीय बाजार टूटा, आर्थिक तौर पर गरीब बहुत परेशान होने लगे तब 2008में ही मुख्यमंत्री खादयान योजना के तहत छत्तीसगढ़ के गरीब एवं आदिवासी परिवारों को 3 रूपये, 2 रूपये तथा 1 रूपये में चावल उपलब्ध कराकर उन्होंने न केवल उनकी रक्षा की और उसी समय वो चाउर वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध हो गए। ये वो मौका था जब 2008में चुनाव होने थे, बुध की महादशा में केतु का अंतर चल रहा था और 2008के चुनाव में उन्होंने जबरदस्त जीत हासिल की। इसके बाद ये भारत के एवं भारतीय जनता पार्टी के अंदर भी अत्यंत प्रभावशाली नेता के रूप में उभरे। जब बुध की महादशा में चंद्रमा का अंतर शुरू हुआ यानि वर्ष 2013 तो वे काफी परेशान रहे, पार्टी के अंदर असंतोष पनप रहा था। लगता था कि पार्टी इस बार हार जायेगी क्योंकि लग्रेश चंद्रमा चतुर्थस्थ हैं इन्ही दिनों पत्नी के स्वास्थ्य को लेकर भी उन्हे चिंता होने लगी। अक्टूबर, 2014 से दशमेश मंगल की अंतरदशा प्रारंभ होने से वे पुन: अपनी नई विकास की नीतियों एवं आतंरिक अनुशासन बनाने में जुट गए। सितंबर, 2014 में ही या शायद उससे पहले उन्होने अपनी नीतियों को बदलने का मन बना लिया था, ये वो वक्त था जब पत्नी बीमार और चारो तरफ मुख्यमंत्री बदलने की अफवाह फैलने लगी पर ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने सितंबर के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी कटिबद्धता को दिखाते हुए छत्तीसगढ़ के चुने हुए अफसरों को एकत्र कर इस मुहिम में लगाया। संभवत: उनके कानों तक गरीबो की रोटियों में डाका डालने वालो की खबर जा चुकी थी और उन्होंने बड़ी तत्परता और दिलेरी से नान के बड़े अधिकारियों के यहां छापे डलवाकर गरीबो के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त कर दी हालांकि पुरा विपक्ष इन्हें भ्रष्टाचार में घेरने को आतुर था।
वर्ष 2015 अक्टूबर तक लगभग बुध में मंगल का अंतर इन्हें पुन: प्रसिद्धि की उसी शिखर पर पहुंचा देगा जहाँ ये 2008में थे। मगर अक्टूबर, 2015 के बाद बुध में राहु का अंतर चलने से, जबकि राहु उनके जन्मांग में सातवें स्थान में है, यह द्धितीय श्रेणी का राजयोगकारक होता है तथा सातवां भाव पत्नी, सहयोगियो एवं मित्रों का होता है अत: बुध में राहु की दशा में अक्टूबर, 2015 के बाद पत्नी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है तथा इनके खिलाफ बढ़ी राजनैतिक साजिश हो सकती है। क्योंकि पिछली बार शनि की महादशा में राहु के अंतर में उन्होंने केंद्र में राज्यमंत्री का पद छोड़कर छत्तीसगढ़ का नेतृत्व संभाला था और अब फिर राहु की दशाएॅ चल रही हैं, इन्हें सावधान रहकर राजनीति को समझना होगा हालांकि उस समय वे छत्तीसगढ़ में संघर्ष कर रहे थे अब फिर से राहु की दशा में भुचाल संभव है। इसका दूसरा अर्थ यह भी होता है कि सत्ता के संघर्ष में अपने आप को स्थापित करने के सात महिने हैं।
यक्ष प्रश्र है कि क्या वे ऐसा कर पायेंगे? सच तो ये है कि इस बात का आभास उन्हें भी है तथा उन्होंने अपनी रीत-नीत में परिवर्तन कर अपनी सत्ता को पुर्नस्थापित कर रहे हैं। इन्होंने चावल वितरण जैसे कार्यक्रमों से इतर विकास को मुद्दा बनाते हुए विकास हेतु अपनी नीति और रीति में परिवर्तन किया तथा इसके लिए आवश्यक पहल भी की जिसमें विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं कि उन्होंने आम लोगों तक सरकार की पहुंच आसान बनाने के लिए नये जिलों का गठन किया, लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011 लागू कर आम जनता को सरकारी सेवाएं समय-सीमा में मिलेंगी, ये सुनिश्चित करायी। बिजली के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया जिससे जनवरी 2008से राज्य में बिजली कटौती खत्म। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चौबीसों घंटे लगातार बिजली आपूर्ति करने वाला पहला राज्य छत्तीसगढ़। उनके प्रयास से चावल उत्पादन के लिए मिला राष्ट्रीय पुरस्कार। अटल विहार योजना लागू कर अटल विहार योजना के तहत छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा प्रदेश के शहरी, अर्ध्दशहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एक लाख जरूरतमंद परिवारों के लिए मकान बनाने की योजना बनाई। बस्तर और सरगुजा के गरीबों को चना वितरण लागू कर आम आदिवासियों के लिए आहार की सुविधा दी, जिससे बस्तर संभाग के गरीबी रेखा श्रेणी के लगभग साढ़े चार लाख परिवारों को प्रति माह पांच रूपए में एक किलो चना वितरण योजना का शुभारंभ किया गया। किसानों के लिए उन्होंने वित्तीय वर्ष 2012-13 से सिर्फ एक प्रतिशत ब्याज पर खेती के लिए ऋण सुविधा देने वाला राज्य है छत्तीसगढ़। पहली बार कृषि बजट- वर्ष 2012-13 में पहली बार कृषि बजट पेश किया गया। साथ ही प्रदेश के युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए कौशल विकास मिशन प्रारंभ किया। मुख्यमंत्री बाल हृदय सुरक्षा योजना द्वारा गरीब परिवारों के हृदय रोग से पीडि़त बच्चों का नि:शुल्क इलाज और ऑपरेशन सरकारी खर्च पर प्रारंभ किया। मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना से कॉक्लीयर इम्प्लांट के लिए गरीब परिवारों के मूक-बधिर बच्चों के नि:शुल्क ऑपरेशन की व्यवस्था की। ऑपरेशन मुस्कान द्वारा आदिवासी क्षेत्रों और नक्सल हिंसा ग्रस्त जिलों में निवास कर रहे कटे-फटे होंठो और तालू की विकृतियों से पीडि़त मरीजों की प्लास्टिक सर्जरी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से अप्रैल 2010 से संचालित ऑपरेशन मुस्कान योजना को शानदार सफलता मिली है। मुख्यमंत्री शहरी विद्युतीकरण योजना से विद्युत की आपूर्ति नियमित करने की सफल कोशिश की। संजीवनी कोष से गरीबी रेखा श्रेणी के लोगों को तेरह प्रमुख चिन्हांकित बीमारियों के इलाज के लिए राज्य शासन द्वारा आर्थिक सहायता देने की योजना पर कार्य किया। कुपोषण मुक्ति की ठोस पहल से राज्य में कुपोषण दूर करने के लिए व्यापक कार्ययोजना बनाई गई है। जिससे शिशु और मातृ मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आई। बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और आंगनबाड़ी सेवाओं के फलस्वरूप पिछले छह वर्षों में छत्तीसगढ़ में शिशु मृत्यु दर में देश में सर्वाधिक कमी दर्ज की गई है। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण विकास प्राधिकरण का गठन ग्राम विकास के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया। आदिवासियों को वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान कर जीवन आसान बनाने की कोशिश की। अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बना कर प्रदेश की पहचान खेल के क्षेत्र में अंतराष्टीय स्तर पर कराई। इसके साथ ही सड़क नेटवर्क का हुआ विस्तार, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के अलावा छत्तीसगढ़ में तीन रेल कारीडोर बनाने के लिए प्रयासरत हैं।
इन नीतियों को और वर्ष 2015 के लगभग सत्तर हजार करोड़ के बजट को देखकर लगता है कि वे छत्तीसगढ़ में विकास की नई धारा प्रवाहित कर पायेंगे मगर ध्यान रहे उन्हें अपनी शराब नीति पर पुन: विचार करना होगा ताकि विकास तो हो पर जान की कीमत पर नहीं। वहीं नक्सलियों पर प्रभावशाली पर दबाव भी कायम करना होगा एवं अंधाधुंध औद्योगिक विकास से बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण पर्यावरणीय क्षति को भी ध्यान करना होगा। वरना ये मुद्दे भविष्य में जबरदस्त दर्द दे जायेंगे और इससे बचने के लिए महामृत्युंजय का पाठ, रूद्राभिषेक के साथ 72 हजार राहु के मंत्रों का जाप कराना चाहिए एवं व्यवहार में नियंत्रण हेतु अपने सहयोगियों एवं शासन के कार्यो में अत्यंत सावधानी रखनी चाहिए।

Pt.P.S Tripathi
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