एक अद्भुत संयोग है रामनवमी का
राशि के अनुसार करें पूजन
वर्तमान में मेष, वृषभ,सिंह तथा कुम्भ राशि वाले शनि की ढैया तथा धनु, तुला व वृश्चिक राशि वाले जातक शनि की साढ़ेसाती को अनुभव कर रहें हैं। तुला राशि वाले को शनिदेव की साढ़ेसाती का अंतिम ढैया, वृश्चिक राशि वालों को द्वितीय ढैया तथा धनु राशि वाले जातकों को प्रथम ढैया चल रहा है। ऐसे में शनिदेव की कृपा प्राप्ति के लिए राम नवमी का दिन श्रेष्ट है।
यह होंगे लाभ : दिन विशेष पर श्रीराम व हनुमान आराधना से उक्त राशि के जातकों को शत्रु शमन, उच्च पद की प्राप्ति, मानसिक शांति, नेतृत्व क्षमता, मनोबल में वृद्घि, संबंधों में मधुरता तथा प्रगति के अवसरों की प्राप्ति के साथ समय की अनुकूलता प्राप्त होगी।
शनि की ढैया और साढ़ेसाती में मिलेगी अनुकूलता :- इस वर्ष रामनवमी शनिवार पुनर्वसु नक्षत्र के दिव्य संयोग के साथ आ रही है। करीब 12 वर्षों के बाद ऐसा शुभ संयोग बना है। इस दिन भगवान श्रीराम के साथ हनुमानजी की आराधना करने से शनि की ढैया तथा साढ़ेसाती से प्रभावित जातकों को अनुकूलता प्राप्त होगी।
विभिन्न राशि के जातक क्या करें :-
मेष- श्रीराम रक्षा स्त्रोत का पाठ ।
वृषभ- श्रीराम स्तुति।
मिथुन- इंद्रकृत रामस्त्रोत का पाठ ।
कर्क- श्रीरामाष्टक का पाठ ।
सिंह- श्रीसीता रामाष्ट्कम का पाठ ।
कन्या- श्रीराम मंगलाशासनम का पाठ ।
तुला- श्रीराम प्रेमाष्ट्कम का पाठ ।
वृश्चिक- श्रीराम चंद्राष्ट्कम का पाठ ।
धनु- जटायुकृत श्री रामस्त्रोत का पाठ ।
मकर- आदित्य हृदय स्त्रोत के साथ श्री रामरक्षा स्त्रोत कवच का पाठ ।
कुंभ- सुंदरकांड के साथ श्रीराम रक्षा कवच।
मीन- अयोध्याकांड के साथ बाल कांड का पाठ करे।
* श्रीराम नवमी के दिन रामरक्षास्त्रोत, राम मंत्र, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदर कांड आदि के पाठ से ना सिर्फ अक्षय पुण्य मिलता है बल्कि धन संपदा के निरंतर बढ़ने के योग जाग्रत होते हैं।
* किसी भी नए कार्य की शुरुआत, नया व्यवसाय आरंभ कर सकते है।
* नवरात्रि के नौंवे दिन यानी रामनवमी के दिन मां दुर्गा के नवमें स्वरूप सिद्धिदात्री की उपासना करें एवं अपनी शक्तिनुसार मां दुर्गा के नाम से दीप प्रज्ज्वलित करें।
रामनवमी सनातन धर्म का अत्यधिक पवित्र दिन माना जाता है। शास्त्रानुसार इस दिन दान पुण्य व विशेष पूजन करने से अनेक ग्रह बाधा और ग्रहों के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है। इस दिन भगवान विष्णु के सातवें अवतार के रूप मे मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन पूरे समय पवित्र मुहूर्त होता है।
इस दिन नए घर, दुकान या प्रतिष्ठान में प्रवेश किया जा सकता है।
इस वर्ष रामनवमी पर अद्भुत संयोग बन रहा है।
इस बार 12 वर्षों के बाद रामनवमी पर पुनर्वसु नक्षत्र शनिवार के दिन पर बन रहा है तथा बृहस्पति अपनी उच्च राशि कर्क में विद्यमान है।
रामदरबार के चित्र विधिवत षोडशोपचार पूजन करें तथा पंचमुखी रुद्राक्ष माला से इस अद्भुत मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप के बाद राशि अनुसार पूजन और उपाय करने से विभिन्न राशि के जातकों को शत्रु शमन, उच्च पद की प्राप्ति, मानसिक शांति, नेतृत्व क्षमता, मनोबल में वृद्घि, संबंधों में मधुरता तथा प्रगति के अवसरों की प्राप्ति के साथ समय की अनुकूलता प्राप्त होगी।
मंत्र: रां रामाय जानकीवल्लभाय स्वाहा
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