"मेष एवं वृश्चिक लग्न की कुंडली में ""मेष एवं वृश्चिक लग्न की कुंडली में "कालसर्प दोष "हो तो ?
-मेष एवं वृश्चिक लग्न की कुंडली में यदि "कालसर्प दोष "बनता हो तो -उस जातक को न तो नौकरी में संतुष्टि मिलती है और न व्यापार में सफलता मिलती है ।नौकरी और व्यापार की अवधि में भारी से भारी उतार -चढाव देखना पड़ता है ।उत्तरोत्तर संघर्षों के कारण इनका आत्मविश्वास प्रबल नहीं बन पाता और दिल में यह विस्वास भी नहीं जम पाता कि "अब असंतोष और बेचैनी बढ़ाने वाले कई कारण स्वयं ही उत्पन्न होते रहते हैं ,जो कि थोड़े -थोड़े समय पर कभी आशान्वित करते रहते हैं ,तो कभी निराश कर देते हैं ।
------अगर आपकी कुंडली में मेष या वृश्चिक लग्न के साथ -साथ "कालसर्प दोष "हो तो फलित यथावत होगा } "कालसर्प दोष "बनता हो तो -उस जातक को न तो नौकरी में संतुष्टि मिलती है और न व्यापार में सफलता मिलती है ।नौकरी और व्यापार की अवधि में भारी से भारी उतार -चढाव देखना पड़ता है ।उत्तरोत्तर संघर्षों के कारण इनका आत्मविश्वास प्रबल नहीं बन पाता और दिल में यह विस्वास भी नहीं जम पाता कि "अब असंतोष और बेचैनी बढ़ाने वाले कई कारण स्वयं ही उत्पन्न होते रहते हैं ,जो कि थोड़े -थोड़े समय पर कभी आशान्वित करते रहते हैं ,तो कभी निराश कर देते हैं ।
------अगर आपकी कुंडली में मेष या वृश्चिक लग्न के साथ -साथ "कालसर्प दोष "हो तो फलित यथावत होगा }
Pt.P.S Tripathi
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