महाकौशल कला वीथिका:
सन 1875 में राजनान्दगान्व के राजा घासीदास के महत्वपूर्ण योगदान से वर्तमान घड़ी चौक के पास स्थित महाकौशल कला वीथिका भवन का निर्माण हुआ था. जिसे पहले अजायबघर कहा जाता था. यहां पुरातत्व से सन्बन्धित वस्तुएं, जानवरों के खालयुक्त शरीर आदि का संग्रह कर नागरिकों के प्रदर्शन हेतु रखा गया था. परिसर के एक खन्ड मेंं महन्त सर्वेश्वरदास स्मृति ग्रन्थालय भी स्थापित था जिसे अब शहीद स्मारक भवन के भूतल में स्थानान्तरित कर दिया गया है. भवन तीन मन्जिला व सर्वसुविधायुक्त है.
Pt.P.S Tripathi
Mobile no-9893363928,9424225005
Landline no-0771-4035992,4050500
Feel Free to ask any questions in
सन 1875 में राजनान्दगान्व के राजा घासीदास के महत्वपूर्ण योगदान से वर्तमान घड़ी चौक के पास स्थित महाकौशल कला वीथिका भवन का निर्माण हुआ था. जिसे पहले अजायबघर कहा जाता था. यहां पुरातत्व से सन्बन्धित वस्तुएं, जानवरों के खालयुक्त शरीर आदि का संग्रह कर नागरिकों के प्रदर्शन हेतु रखा गया था. परिसर के एक खन्ड मेंं महन्त सर्वेश्वरदास स्मृति ग्रन्थालय भी स्थापित था जिसे अब शहीद स्मारक भवन के भूतल में स्थानान्तरित कर दिया गया है. भवन तीन मन्जिला व सर्वसुविधायुक्त है.
Pt.P.S Tripathi
Mobile no-9893363928,9424225005
Landline no-0771-4035992,4050500
Feel Free to ask any questions in
No comments:
Post a Comment