कब प्रारंभ करें मकान बनवाना ?
शुक्ल पक्ष मेंं करें गृह निर्माण: वास्तुशास्त्र मेंं प्राचीन मनीषियों ने सूर्य के विविध राशियों पर भ्रमण के आधार पर उस माह मेंं घर निर्माण प्रारंभ करने के फलों की विवेचना की है।
1. मेष राशि मेंं सूर्य होने पर घर बनाना प्रारंभ करना अति लाभदायक होता है।
2. वृषभ राशि मेंं सूर्य संपत्ति बढऩा, आर्थिक लाभ
3. मिथुन राशि मेंं सूर्य गृह स्वामी को कष्ट
4. कर्क राशि मेंं सूर्य धन-धान्य मेंं वृद्धि
5. सिंह राशि का सूर्य यश, सेवकों का सुख
6. कन्या राशि का सूर्य रोग, बीमारी आना
7. तुला राशि का सूर्य सौख्य, सुखदायक
8. वृश्चिक राशि का सूर्य धन लाभ
9. धनु राशि का सूर्य हानि, विनाश
10. मकर राशि का सूर्य धन, संपत्ति वृद्धि
11. कुंभ राशि का सूर्य रत्न, धातु लाभ
12. मीन राशि का सूर्य चौतरफा नुकसान
घर बनाने का प्रारंभ हमेशा शुक्ल पक्ष मेंं करना चाहिए। फाल्गुन, वैशाख, माघ, श्रवण और कार्तिक माहों मेंं शुरू किया गया गृह निर्माण उत्तम फल देता है।
शुक्ल पक्ष मेंं करें गृह निर्माण: वास्तुशास्त्र मेंं प्राचीन मनीषियों ने सूर्य के विविध राशियों पर भ्रमण के आधार पर उस माह मेंं घर निर्माण प्रारंभ करने के फलों की विवेचना की है।
1. मेष राशि मेंं सूर्य होने पर घर बनाना प्रारंभ करना अति लाभदायक होता है।
2. वृषभ राशि मेंं सूर्य संपत्ति बढऩा, आर्थिक लाभ
3. मिथुन राशि मेंं सूर्य गृह स्वामी को कष्ट
4. कर्क राशि मेंं सूर्य धन-धान्य मेंं वृद्धि
5. सिंह राशि का सूर्य यश, सेवकों का सुख
6. कन्या राशि का सूर्य रोग, बीमारी आना
7. तुला राशि का सूर्य सौख्य, सुखदायक
8. वृश्चिक राशि का सूर्य धन लाभ
9. धनु राशि का सूर्य हानि, विनाश
10. मकर राशि का सूर्य धन, संपत्ति वृद्धि
11. कुंभ राशि का सूर्य रत्न, धातु लाभ
12. मीन राशि का सूर्य चौतरफा नुकसान
घर बनाने का प्रारंभ हमेशा शुक्ल पक्ष मेंं करना चाहिए। फाल्गुन, वैशाख, माघ, श्रवण और कार्तिक माहों मेंं शुरू किया गया गृह निर्माण उत्तम फल देता है।
वर्जित: मंगलवार व रविवार, प्रतिपदा, चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या तिथियाँ, ज्येष्ठा, रेवती, मूल नक्षत्र, वज्र, व्याघात, शूल, व्यतिपात, गंड, विषकुंभ, परिध, अतिगंड, योग - इनमेंं घर का निर्माण या कोई जीर्णोद्धार भूलकर भी नहीं करना चाहिए अन्यथा घर फलदायक नहीं होता।
अति शुभ योग: शनिवार, स्वाति नक्षत्र, सिंह लग्न, शुक्ल पक्ष, सप्तमी तिथि, शुभ योग और श्रावण मास ये सभी यदि एक ही दिन उपलब्ध हो सके, तो ऐसा घर दैवी आनंद व सुखों की अनुभूति कराने वाला होता है।
घर किस नगर, मोहल्ले मेंं बनवाना शुभ है। इस हेतु तीन विधियों से विचार करने का मत हमारे प्राचीन वास्तुशास्त्रियों ने दिये हैं-
घर किस नगर, मोहल्ले मेंं बनवाना शुभ है। इस हेतु तीन विधियों से विचार करने का मत हमारे प्राचीन वास्तुशास्त्रियों ने दिये हैं-
नक्षत्र विधि: सर्वप्रथम अपने जन्म नक्षत्र का ज्ञान करें जो कि जन्मकुंडली से जाना जा सकता है और यदि जन्मकुंडली न हो तो जो प्रचलित नाम हो उसके प्रथम अक्षर से ज्ञात कर लें। इसी प्रकार जिस नगर, ग्राम, मोहल्ले मेंं घर बनवाना हो उसका भी नक्षत्र नाम के प्रथम अक्षर के अनुसार जान लें। अब ग्राम, नगर, मोहल्ले की नक्षत्र संख्या से अपने जन्म नक्षत्र की संख्या तक गिनें और फल इस प्रकार जानें यदि- संख्या फल 1 से 5 लाभदायक, 6से 8धन हानि, 9 से 13 समृद्धि धन लाभ, यश, 14 से 19 पत्नीकष्ट, हानि, विवाह सुख का अभाव 20 अंग भंग 21 से 24 सुखदायक, संपति से बढ़ोश्ररी 25 कष्टकारक तथा भयकारक 26कष्टकारी, शोककारी 27 ग्राम, नगर, मोहल्ले वालों से बैर इसमेंं अभिजित को संज्ञान मेंं लिया गया है। उदाहरण- माना कि आपका नाम मनमोहन सिंह तथा आप दिल्ली मेंं घर बनवाना चाहते हैं तो उपरोक्त विधि से विचार करने पर दिल्ली का नक्षत्र है पूर्वाभाद्रपद जिसकी नक्षत्र संख्या 25 है तथा नाम नक्षत्र मघा की नक्षत्र संख्या 10 है नगर नक्षत्र से नाम नक्षत्र तक गणना करने पर 13 अंक आ रहा है विवरण अनुसार यह अंक आपके लिए समृद्धि, धन लाभ एवं लाभ कारक है। अर्थात शुभ है।
वर्ग विचार विधि: इस विधि मेंं अपना तथा ग्राम, नगर, मोहल्ले का नाम लेने का विधान है। इस विधि मेंं यह विचारा जाता है कि अपना नाम एवं ग्राम, नगर, मोहल्ले का नाम किस वर्ग मेंं है। किस अक्षर का किस अक्षर तक क्या वर्ग है उसका विवरण इस प्रकार है- अक्षर वर्ग अ से अं तक अ वर्ग में जिसका स्वामी गरुण। क से ड. तक क वर्ग में जिसका स्वामी बिल्ली। च से ञ तक च वर्ग जिसका स्वामी सिंह। ट से ण तक ट वर्ग जिसका स्वामी श्वान। त से न तक त वर्ग का स्वामी सांप। प से म तक प वर्ग का स्वामी चूहा। य से व तक य वर्ग जिसका स्वामी हिरन। श से ह तक श वर्ग का स्वामी बकरी। अपने नाम की वर्ग संख्या को दो से गुणा कर उसमेंं नगर, ग्राम, मोहल्ले आदि वर्ग संख्या जोड़ दें फिर इसमेंं आठ का भाग दें।
अब नगर, ग्राम, मोहल्ले की वर्ग संख्या को दूना करके उसमेंं अपने वर्ग की संख्या जोड़ दें। अब यदि ग्राम, नगर, मोहल्ले की संख्या कम और नाम अधिक है तो यह ग्राम, नगर, मोहल्ला आपके 4, 8, 12 होने पर स्वास्थ्य की दृष्टि से शुभ नहीं है। घर किस ग्राम/नगर/मोहल्ले मेंं बनवाना है निश्चित हो जाने के बाद प्रश्न यह उठता है कि घर स्थान के किस भाग मेंं बनवाया जाये। राशि के अनुसार वृष, मकर, सिंह, मिथुन राशि के जातकों को बीच मेंं, वृश्चिक राशि वालों को पूर्व मेंं, मीन वाले को पश्चिम मेंं, तुला वालों को वायव्य मेंं, उत्तर दिशा मेंं मेष वालों को तथा कुंभ वालों को ईशान दिशा मेंं घर बनवाना चाहिए।
अब नगर, ग्राम, मोहल्ले की वर्ग संख्या को दूना करके उसमेंं अपने वर्ग की संख्या जोड़ दें। अब यदि ग्राम, नगर, मोहल्ले की संख्या कम और नाम अधिक है तो यह ग्राम, नगर, मोहल्ला आपके 4, 8, 12 होने पर स्वास्थ्य की दृष्टि से शुभ नहीं है। घर किस ग्राम/नगर/मोहल्ले मेंं बनवाना है निश्चित हो जाने के बाद प्रश्न यह उठता है कि घर स्थान के किस भाग मेंं बनवाया जाये। राशि के अनुसार वृष, मकर, सिंह, मिथुन राशि के जातकों को बीच मेंं, वृश्चिक राशि वालों को पूर्व मेंं, मीन वाले को पश्चिम मेंं, तुला वालों को वायव्य मेंं, उत्तर दिशा मेंं मेष वालों को तथा कुंभ वालों को ईशान दिशा मेंं घर बनवाना चाहिए।
Pt.P.S Tripathi
Mobile no-9893363928,9424225005
Landline no-0771-4035992,4050500
Feel Free to ask any questions in
No comments:
Post a Comment