Saturday, 11 April 2015

सूर्य का इलाज

लालकिताब में सूर्य के खराब होने के जो कारण बताये गये है वह इस प्रकार से है अगर व्यक्ति का सूर्य खराब होता है तो सबसे पहले वह ह्रदय पर असर डालता है और दिल की चलने वाली धड़कन को बाधित करता है या तो अधिक चिन्ता के कारण यह होता है या अधिक खुशी गमी मे ह्रदय की चाल का बिगडना माना जाता है वैसे देखा जाये तो एक आदमी औसतन एक मिनट के अन्दर पन्द्रह सांस गिनती से लेता है इन सांसो की चाल धीरे धीरे चिन्ता या शोक या खुशी, गमी में बदलने लगती है जैसे ही सांसो की चाल अपनी गति को बदलती है धीरे धीरे शरीर के रक्त प्रवाह मे कमी बेसी आने लगती है और सीधा सा प्रभाव ह्रदय की रक्तवाहिनी नशों पर पडता है वास्तविकता मे ह्रदय के रोग शुरु हो जाते है खून जाम होने लगता है या खून का प्रेशर अधिक बन जाता है तो हाई ब्लड प्रेशर बन जाता है और धीरे चलने पर लो ब्लड प्रेशर की बीमारी शुरु हो जाती है,इसके बाद पेट की खराबियां भी शुरु हो जाती है भोजन पचता नहीं है, पचता भी है तो वह भोजन के शरीर को लगने वाले तत्व नही प्रदान कर पाता है या तो भोजन का समय ही बदल जाता है या शरीर की मेहनत करने और मेहनत के बाद भूख का ख्याल नही रखा जाता है आराम या तो बहुत शरीर को मिल जाता है या शरीर को बिलकुल ही आराम नही मिलता है किसी प्रकार की चिन्ता के कारण लोगो के मान अपमान की चिन्ता, बच्चों के शादी विवाह की चिन्ता, घर में बरकत की चिन्ता, राज दरबार से मिलने वाली चिन्ता या किसी प्रकार के गलत काम हो जाने से सजा या बदनामी की चिन्ता, चोरी डकैती आदि के समाप्त होने की चिन्ता में व्यक्ति दिक्कत में आ जाता है जैसे ही चिन्ता लगती है अकस्मात ही आंखों पर भी असर जाता है जैसे पुत्र की मौत हो जाना पिता के द्वारा बडी बीमारी का झेलना या रोजाना के कामों मे सरकारी रुकावट, सामाजिक रूप से किसी बडे कष्ट का बन जाना मान अपमान हो जाना,आदि बातो से आंखो की रोशनी जाने लगती है इसके अलावा भी यह देखा जाता है कि किसी प्रकार से अनैतिक रिश्तों के बनते ही ताकत और शरीर का सूर्य जो वीर्य और रज के रूप मे होता है बेकार मे बहा दिया जाना आदि भी बात मानी जा सक्ती है,अच्छा खासा धन कमाया जा रहा था अचानक सरकारी कानून बना और धन कमाने का रास्ता साफ हो गया जो प्लान कल के लिये बनाये गये थे सभी उस रुकावट के कारण समाप्त हो गये आदि बाते धन की चिन्ता के लिये माने जाते है इसी प्रकार से अपयश होना जो प्रसिद्धि बनी थी वह बिगडने पर भी सूर्य का खराब होना माना जाता है वैसे दांतो की तकलीफ होना मुंह से लार का अधिक आना घर मे लकडी आदि का लगा सामान जल जाना खराब हो जाना दीमक के द्वारा खराब कर दिया जाना आदि बाते भी सूर्य के खराब होने के लिये मानी जाती है इसके लिये सबसे पहला उपाय होता है शराब कबाब मांस आदि के भोजन बन्द कर देना,अधिक मनोरंजन और अनैतिक लोगो का साथ छोड देना फिर सूर्य की पूजा के लिये रोजाना सुबह सूर्योदय पर सूर्य को अर्घ देना हरिवंश पुराण का पाठ करना पिता की सेवा करना पूर्वजो के प्रति श्रद्धा रखना उनके लिये तर्पण आदि काम करना लकड़ी और उसके काटने छांटने के काम बन्द कर देना जंगल आदि से प्राप्त सामग्री को व्यापार मे नही लाना पुत्र की संगति को अच्छा बनाने के लिये स्थान का बदलाव कर देना नौकरी मे अडचन आ रही है तो कोयले बहते पानी मे बहाना कोयले नही मिले तो गेंहू की चापड को बहते पानी मे बहाना भूसा और खली मिलाकर जानवरो को चारा डालना लोगो के ठहरने के लिये छाया वाले कारण पैदा करना यह सब कार्य राहु को सुधारने के लिये किये जाते है सूर्य तभी खराब होगा जब राहु अपना ग्रहण दे रहा होगा शनि सूर्य की युति मे केवल बाप बेटे की नही बनेगी लेकिन शरीर का अहित नही होगा,आदि बाते ध्यान मे रखकर करनी चाहिये.
का झेलना या रोजाना के कामों मे सरकारी रुकावट, सामाजिक रूप से किसी बडे कष्ट का बन जाना मान अपमान हो जाना,आदि बातो से आंखो की रोशनी जाने लगती है इसके अलावा भी यह देखा जाता है कि किसी प्रकार से अनैतिक रिश्तों के बनते ही ताकत और शरीर का सूर्य जो वीर्य और रज के रूप मे होता है बेकार मे बहा दिया जाना आदि भी बात मानी जा सक्ती है,अच्छा खासा धन कमाया जा रहा था अचानक सरकारी कानून बना और धन कमाने का रास्ता साफ हो गया जो प्लान कल के लिये बनाये गये थे सभी उस रुकावट के कारण समाप्त हो गये आदि बाते धन की चिन्ता के लिये माने जाते है इसी प्रकार से अपयश होना जो प्रसिद्धि बनी थी वह बिगडने पर भी सूर्य का खराब होना माना जाता है वैसे दांतो की तकलीफ होना मुंह से लार का अधिक आना घर मे लकडी आदि का लगा सामान जल जाना खराब हो जाना दीमक के द्वारा खराब कर दिया जाना आदि बाते भी सूर्य के खराब होने के लिये मानी जाती है इसके लिये सबसे पहला उपाय होता है शराब कबाब मांस आदि के भोजन बन्द कर देना,अधिक मनोरंजन और अनैतिक लोगो का साथ छोड देना फिर सूर्य की पूजा के लिये रोजाना सुबह सूर्योदय पर सूर्य को अर्घ देना हरिवंश पुराण का पाठ करना पिता की सेवा करना पूर्वजो के प्रति श्रद्धा रखना उनके लिये तर्पण आदि काम करना लकड़ी और उसके काटने छांटने के काम बन्द कर देना जंगल आदि से प्राप्त सामग्री को व्यापार मे नही लाना पुत्र की संगति को अच्छा बनाने के लिये स्थान का बदलाव कर देना नौकरी मे अडचन आ रही है तो कोयले बहते पानी मे बहाना कोयले नही मिले तो गेंहू की चापड को बहते पानी मे बहाना भूसा और खली मिलाकर जानवरो को चारा डालना लोगो के ठहरने के लिये छाया वाले कारण पैदा करना यह सब कार्य राहु को सुधारने के लिये किये जाते है सूर्य तभी खराब होगा जब राहु अपना ग्रहण दे रहा होगा शनि सूर्य की युति मे केवल बाप बेटे की नही बनेगी लेकिन शरीर का अहित नही होगा,आदि बाते ध्यान मे रखकर करनी चाहिये.
होता है शराब कबाब मांस आदि के भोजन बन्द कर देना,अधिक मनोरंजन और अनैतिक लोगो का साथ छोड देना फिर सूर्य की पूजा के लिये रोजाना सुबह सूर्योदय पर सूर्य को अर्घ देना हरिवंश पुराण का पाठ करना पिता की सेवा करना पूर्वजो के प्रति श्रद्धा रखना उनके लिये तर्पण आदि काम करना लकड़ी और उसके काटने छांटने के काम बन्द कर देना जंगल आदि से प्राप्त सामग्री को व्यापार मे नही लाना पुत्र की संगति को अच्छा बनाने के लिये स्थान का बदलाव कर देना नौकरी मे अडचन आ रही है तो कोयले बहते पानी मे बहाना कोयले नही मिले तो गेंहू की चापड को बहते पानी मे बहाना भूसा और खली मिलाकर जानवरो को चारा डालना लोगो के ठहरने के लिये छाया वाले कारण पैदा करना यह सब कार्य राहु को सुधारने के लिये किये जाते है सूर्य तभी खराब होगा जब राहु अपना ग्रहण दे रहा होगा शनि सूर्य की युति मे केवल बाप बेटे की नही बनेगी लेकिन शरीर का अहित नही होगा,आदि बाते ध्यान मे रखकर करनी चाहिये.

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