जब भी मेष लग्र या कर्क लग्र के जातक हों या वृषभ लग्र के जातक हों और उनका बुध, चंद्रमा अष्टमस्थ या द्वादशस्थ हो, उस स्थिति में जातक मानसिक परेशानी से घिरता है। निरन्तर तनावग्रस्त बने रहना जीवन में हानिकारक है। चूँकि जीवन-उद्देश्य आपके सामने है, तनाव से दूर रहना ही आपके लिए श्रेष्ठतर होगा। अत: आप तनाव के बहुत से कारकों से बचें, जो आप आसानी से कर सकते हैं और साथ में ये भी।
इस तरह के परेशानी वाले जातकों को संबंधित ग्रहों की शांति कराने के साथ तनाव से बचने के उपाए करने चाहिए।
* जब भी लग्रस्थ राहु, तीसरा राहु या चंद्रमा राहु से आक्रांत हो, उस स्थिति में जातक आलस्य के कारण कार्य को टालने की प्रवृत्ति रखता है। काम को टालने की प्रवृत्ति से बचें, अगले सप्ताह में पडऩे वाले कार्यो की अग्रिम सूची बना लें, सूची के अनुसार कार्य करें।
* अपने पास उतना ही कार्य लें, जितना कि आप आसानी से कर सकें।
* समय अमूल्य धरोहर है, इसलिए इसका उपयोग ध्यानपूर्वक करें।
* गतिशील रहने पर आप अपनी समस्याएं भूल जाते हैं, जॉगिंग करने से भी आपके मन को शांति मिलेगी।
* कार्बोहाइडेट के सेवन से चित्त शांत होता है, कैफीन वाले पदार्थो के सेवन में कमी करें। चाय-कॉफी के स्थान पर नीबू पानी या फलों के रस का सेवन करें।
* शोध से पता चलता है कि अपने पालतू पशु को प्यार करने सेे मन को शांति मिलती है।
* कार्य के प्रति, जीवन के प्रति आशावादी रुख अपनाने से आप जीवन के कठिन से कठिन क्षणों में भी विजय हासिल कर सकते हैं।
* बंटी हुई चिताएं आधी हो जाती हैं, इसलिए समस्याओं और दुखों को मन में न रखें, किसी निकटतम व्यक्ति से बातें करके, आपको हलकापन महसूस होगा।
* बीच-बीच में अपनी मनपसंद गतिविधि जैसे-बागवानी, घूमना, मनपसंद खेल, टीवी देखना, संगीत, समाचार, पत्र-पत्रिका वाचन, लेखन आदि कार्यो को करके आप तरोताजा महसूस करेंगे।
* अपना कुछ समय बाहर बिताएं, देखें कि बाहर क्या हो रहा है। छोटी-छोटी बातों पर गौर करने से आपको महसूस होगा कि जिंदगी में जीने लायक कितना कुछ है।
* चिडिय़ा की चहक सुनें, सूरज को डूबते देंखें, प्रकृति, वन, नदी को देखकर मन खुश हो जाता है।
* चिंता करना छोड़कर हमेशा खुश रहें, जीवन इतना गंभीर नहीं है, जितना आपने बना डाला है। उस स्थिति में हास्य का पुट दें, ऐसा करने से स्वयं को हलका महसूस करेंगे। ऐसे जातक को बुध, चंद्रमा, राहु की शांति करानी चाहिए और किसी कुशल चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
इस तरह के परेशानी वाले जातकों को संबंधित ग्रहों की शांति कराने के साथ तनाव से बचने के उपाए करने चाहिए।
* जब भी लग्रस्थ राहु, तीसरा राहु या चंद्रमा राहु से आक्रांत हो, उस स्थिति में जातक आलस्य के कारण कार्य को टालने की प्रवृत्ति रखता है। काम को टालने की प्रवृत्ति से बचें, अगले सप्ताह में पडऩे वाले कार्यो की अग्रिम सूची बना लें, सूची के अनुसार कार्य करें।
* अपने पास उतना ही कार्य लें, जितना कि आप आसानी से कर सकें।
* समय अमूल्य धरोहर है, इसलिए इसका उपयोग ध्यानपूर्वक करें।
* गतिशील रहने पर आप अपनी समस्याएं भूल जाते हैं, जॉगिंग करने से भी आपके मन को शांति मिलेगी।
* कार्बोहाइडेट के सेवन से चित्त शांत होता है, कैफीन वाले पदार्थो के सेवन में कमी करें। चाय-कॉफी के स्थान पर नीबू पानी या फलों के रस का सेवन करें।
* शोध से पता चलता है कि अपने पालतू पशु को प्यार करने सेे मन को शांति मिलती है।
* कार्य के प्रति, जीवन के प्रति आशावादी रुख अपनाने से आप जीवन के कठिन से कठिन क्षणों में भी विजय हासिल कर सकते हैं।
* बंटी हुई चिताएं आधी हो जाती हैं, इसलिए समस्याओं और दुखों को मन में न रखें, किसी निकटतम व्यक्ति से बातें करके, आपको हलकापन महसूस होगा।
* बीच-बीच में अपनी मनपसंद गतिविधि जैसे-बागवानी, घूमना, मनपसंद खेल, टीवी देखना, संगीत, समाचार, पत्र-पत्रिका वाचन, लेखन आदि कार्यो को करके आप तरोताजा महसूस करेंगे।
* अपना कुछ समय बाहर बिताएं, देखें कि बाहर क्या हो रहा है। छोटी-छोटी बातों पर गौर करने से आपको महसूस होगा कि जिंदगी में जीने लायक कितना कुछ है।
* चिडिय़ा की चहक सुनें, सूरज को डूबते देंखें, प्रकृति, वन, नदी को देखकर मन खुश हो जाता है।
* चिंता करना छोड़कर हमेशा खुश रहें, जीवन इतना गंभीर नहीं है, जितना आपने बना डाला है। उस स्थिति में हास्य का पुट दें, ऐसा करने से स्वयं को हलका महसूस करेंगे। ऐसे जातक को बुध, चंद्रमा, राहु की शांति करानी चाहिए और किसी कुशल चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
अव्यवस्थित जीवन:-
जिस जातक के लग्र या तीसरे या ग्यारहवें स्थान में राहु हो, वह जातक अव्यवस्थित जीवन जीने का आदि होता है।
* किसी कार्य की अपेक्षा रखना और फिर न होना।
* अवसाद से भी तनाव उत्पन्न होता है
* ऐसे और भी कारक जो तनाव पैदा करते है तनाव मुक्त जीवन के लिए हास्य का विशेष महत्व है।
* प्रतिदिन कुछ मिनट ध्यान करने से मन को शांति मिलती है। इससे मानसिक, भावनात्मक व शारीरिक राहत महसूस होगी।
* नौकरी करते हैं, तो छुट्टियों में आराम करके तरो-ताजा हो जाएं।
* कोई भी फोन करने से पहले मन में भलीभांति सोच लें कि क्या बातें करनी हैं, तुरन्त हा ना कहते हुए सोचकर जवाब दें।
* मन उचटाने वाली गतिविधियों से दूर रहें।
* संगीत को जीवन का हिस्सा बनाए।
* अपनी रूचि ॥शड्ढड्ढद्बद्गह्य बढ़ाए, जिससे जीवन में रचनात्मकता आए।
* कपट छल प्रपंचना से बचने के लिए भी तनाव मन में डर के कारण कि कहीं ये बातें खुल ना जायें टैंशन हो जाती है। मन को, तन को, मस्तिष्क को, निर्मल रखिए। कथनी करनी में भेद नहीं उलझने समस्याऐं तो आज हर किसी के जीवन में रहती हैं। कायर पुरूष उनसे घबड़ा जाते हैं पुरुषार्थी उनसे सामना करके विजय पाते हैं।
* शाकाहार फलाहारी बने, तले, चटपटे, मसालेदार खाने के पदार्थ ना लें। गुटके, तम्बाकू, चाय, मदिरा, धूम्रपान सेहत के लिए घातक हैं, हवा, जल, धूप, बागवानी श्रेष्ठ है।
* धार्मिक साहित्य नियम से पढे और आचरण मन, वचन, कर्म से शुद्धता की ओर हों। दया, प्रेम सहिष्णुता, सरलता सर्वोपरि है।
* बदले की प्रवृति छोड़ दें जो जैसा करेगा, भरेगा आप प्रभु पर छोड़ दें समझ लें क्षमा कर दिया पर उसके कुकर्म उसे बेमौत मार डालेंगे। और कोई अपील नहीं।
* ऐसे जातक को चंद्रमा, बुध तथा राहु की शांति करानी चाहिए। कई बार अनुवांशकीय बीमारी भी हो सकती है, इसके लिए अच्छे चिकित्सक की सलाह लें और अज्ञात पितृ श्राद्ध कराएं।
* आशावादी रहें। पक्का इरादा अपने लक्ष्य में रखें। अपना हर कार्य स्वयं करें विनम्र सदाचारी और उपकारी रहें। तनाव आपसे सदा दूर ही रहेगा। आचरण करें।
* यदि आप तनाव को चुनौती के रूप में स्वीकार सकते हैं, तो उसके आगे आप कभी हिम्मत नहीं हारेंगे और सफलता आपके कदम चूमेगी।
जिस जातक के लग्र या तीसरे या ग्यारहवें स्थान में राहु हो, वह जातक अव्यवस्थित जीवन जीने का आदि होता है।
* किसी कार्य की अपेक्षा रखना और फिर न होना।
* अवसाद से भी तनाव उत्पन्न होता है
* ऐसे और भी कारक जो तनाव पैदा करते है तनाव मुक्त जीवन के लिए हास्य का विशेष महत्व है।
* प्रतिदिन कुछ मिनट ध्यान करने से मन को शांति मिलती है। इससे मानसिक, भावनात्मक व शारीरिक राहत महसूस होगी।
* नौकरी करते हैं, तो छुट्टियों में आराम करके तरो-ताजा हो जाएं।
* कोई भी फोन करने से पहले मन में भलीभांति सोच लें कि क्या बातें करनी हैं, तुरन्त हा ना कहते हुए सोचकर जवाब दें।
* मन उचटाने वाली गतिविधियों से दूर रहें।
* संगीत को जीवन का हिस्सा बनाए।
* अपनी रूचि ॥शड्ढड्ढद्बद्गह्य बढ़ाए, जिससे जीवन में रचनात्मकता आए।
* कपट छल प्रपंचना से बचने के लिए भी तनाव मन में डर के कारण कि कहीं ये बातें खुल ना जायें टैंशन हो जाती है। मन को, तन को, मस्तिष्क को, निर्मल रखिए। कथनी करनी में भेद नहीं उलझने समस्याऐं तो आज हर किसी के जीवन में रहती हैं। कायर पुरूष उनसे घबड़ा जाते हैं पुरुषार्थी उनसे सामना करके विजय पाते हैं।
* शाकाहार फलाहारी बने, तले, चटपटे, मसालेदार खाने के पदार्थ ना लें। गुटके, तम्बाकू, चाय, मदिरा, धूम्रपान सेहत के लिए घातक हैं, हवा, जल, धूप, बागवानी श्रेष्ठ है।
* धार्मिक साहित्य नियम से पढे और आचरण मन, वचन, कर्म से शुद्धता की ओर हों। दया, प्रेम सहिष्णुता, सरलता सर्वोपरि है।
* बदले की प्रवृति छोड़ दें जो जैसा करेगा, भरेगा आप प्रभु पर छोड़ दें समझ लें क्षमा कर दिया पर उसके कुकर्म उसे बेमौत मार डालेंगे। और कोई अपील नहीं।
* ऐसे जातक को चंद्रमा, बुध तथा राहु की शांति करानी चाहिए। कई बार अनुवांशकीय बीमारी भी हो सकती है, इसके लिए अच्छे चिकित्सक की सलाह लें और अज्ञात पितृ श्राद्ध कराएं।
* आशावादी रहें। पक्का इरादा अपने लक्ष्य में रखें। अपना हर कार्य स्वयं करें विनम्र सदाचारी और उपकारी रहें। तनाव आपसे सदा दूर ही रहेगा। आचरण करें।
* यदि आप तनाव को चुनौती के रूप में स्वीकार सकते हैं, तो उसके आगे आप कभी हिम्मत नहीं हारेंगे और सफलता आपके कदम चूमेगी।
No comments:
Post a Comment