अमलेश्वर महाकाल धाम:
छत्तीसगढ़ की धरा पर अमलेश्वर ग्राम का नामकरण बहुत पूर्व भगवान शंकर के विशेष तीर्थ के कारण रखा गया होगा क्योंकि खारून नदी के दोनों तटों पर भगवान शंकर के मंदिर रहे होंगे, जिसमें से एक तट पर हटकेश्वर तीर्थ आज भी है और दूसरे तट पर अमलेश्वर तीर्थ रहा होगा, इसी कारण इस ग्राम का नाम अमलेश्वर पड़ा। अमलेश्वर महाकाल धाम छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से दक्षिण पश्चिम में रिंग रोड नं. 1 से 5 कि.मी. दूर रायपुर पाटन रोड पर खारून नदी के किनारे निर्माणाधीन है जिसका पटवारी खसरे में नं.-786है जो इस्लाम में पवित्रतम् माना जाता है तथा इस धाम के पूर्व में पूर्व से उत्तर की ओर बहने वाली पवित्र खारून नदी छत्तीसगढ़ की प्राण वहिनी दुर्ग की ओर जाती है। इस स्थान पर स्वयंभू भगवान श्री अमलेश्वर का पवित्र धाम है। नारायण नागबलि क्रिया के लिए यह स्थल प्रसिद्ध है। इस स्थल के निर्माण में लगभग साढ़े आठ करोड़ की लागत का दो तल्ला भव्य मंदिर की कल्पना की गई है। इसके तट पर महाकाल श्री अमलेश्वर धाम के पावन सान्निध्य में नारायण नागबलि की क्रिया की जाती है। यहां विवाह में बाधा दूर करने हेतु कुंभ विवाह, अर्क विवाह एवं सभी प्रकार के आध्यात्मिक कृत्य किये जाते हैं।
कैसे पहुंचे रायपुर :
हवाई मार्ग:
दिल्ली, भुवनेश्वर, भोपाल, जबलपुर से रायपुर जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग:
रायपुर दक्षिण-पूर्वी रेल्वे का मुंबई, नागपुर-कोलिकाता रुट पर एक महत्वपूर्ण स्टेशन है
सड़क मार्ग:
रायपुर से राष्ट्रीय मार्ग नं. 6गुजरता है। इस क्षेत्र के सभी महत्वपूर्ण शहर भिलाई(25किमी), दुर्ग(41किमी), जगदलपुर(297किमी), राजनांदगांव(70किमी), बिलासपुर(115किमी), जबलपुर (369किमी) तथा भोपाल (712किमी) है।
Pt.P.S Tripathi
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