Saturday, 18 April 2015

अंक देते हैं आशा और निराशा


अंक-शास्त्र विश्व की प्राचीन विधा मेंं से एक है। इस विज्ञान मेंं शून्य के अलावा शेष सभी नौ अंकों का प्रयोग किया जाता है। प्रत्येक मनुष्य के जीवन मेंं किसी खास अंक का महत्व होता है और जीवन मेंं उस व्यक्ति के महत्वपूर्ण कार्यों मेंं उस अंक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इतने महत्वपूर्ण विधा से व्यक्ति की पहचान संभव है तो निश्चित ही इसके द्वारा ही उस व्यक्ति के उन अंकों के आधार पर व्यक्ति के गुणों को भी ज्ञात किया जा सकता है। अत: जानते हैं कि किसी व्यक्ति मेंं उस पर प्रभावी अंको के आधार पर उसमेंं उन्नति की कितनी कामना हो सकती है? उसमेंं अंकों के कारण उत्साह के भाव होंगे या निराशा के भाव संचारित होंगे? यदि इस प्रकार के भाव आएं तो वे भाव कब ज्यादा प्रभावी होंगे और उसके लिए क्या किया जाए कि जीवन मेंं निराशा कम कर उत्साह एवं उन्नति का मार्ग प्राप्त किया जाए:
अंक १:
अंक एक से ही सभी गणनों की शुरूआत होती है अत: यह अंक सभी अंको का प्रतिनिधित्व करता है। अत: इसी अंक को प्रगति एवं उन्नति का द्योतक माना जा सकता है अत: इस अंक वाले जातक उन्नति तथा उत्साह से परिपूर्ण होते हैं तथा इस अंक के जातक मेंं निराशा के भाव दूर-दूर तक भी अपना प्रभाव नहीं दिखा पाते हैं। इस अंक के जातक नेतृत्व गुण वाले, आत्म अभिमानी तथा एक बड़े वर्ग के नेतृत्व का कार्य बड़ी आसानी से करते हैं। सहन शक्ति के मामले मेंं ये अधीर होते हैं। जीवन मेंं उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं लेकिन इनका ध्येय लगातार आगे बढऩा ही होता है। निराशा मेंं कभी कोई निर्णय नहीं लेते और हमेंशा हर प्रकार के कार्य एवं नवीन शोधों मेंं लगे रहते हैं। इस प्रकार अंक एक के जातक आशावादी विचारों वाले उन्नतिशील लोग होते हैं।
अंक २:
अंक दो के लोग बहुत महत्वाकांक्षी लोग होते हैं और अपने आप मेंं सम्पूर्ण है। इस अंक वाले जातक भावुक, प्रत्येक कार्य को नियमानुसार व सुंदरतम तरीके से करते हैं। प्रेम व सुंदरता के पारखी, कल्पनाशील व दूसरे के कार्य को प्राथमिकता से निष्पादन करने वाले होते हैं। अपने सामने वाले के मन की थाह लेने में माहिर होते हैं। इस अंक वाले जातक के जीवन मेंं सुदंरता, भोग तथा एैश्वर्य का साम्राज्य होता है अत: ये लोग प्रयास कम करके ज्यादा लाभ लेना चाहते हैं। ऐसे मेंं इन लोगों मेंं थोड़ा भी सुख कम हो तो ऐसे लोग बहुत जल्द ही निराश होकर अपना प्रयास बदल लेते हैं अत: ऐसे लोग पलायन वादी और पराधीन होते हैं।
अंक ३:
तीन अंक प्रतिभा व परिश्रम का परिचायक है। इस अंक वाले जातक बहुत बुद्धिमान और अपने कर्म पर भरोसा करने वाले होते हैं अत: ऐसे लोग बहुत व्यवहारिक लोग होते हैं। इस अंक वाले जातक भाग्यशाली नहीं होते हुए भी अपनी मेंहनत के दम पर आर्थिक रूप से सक्षम बनते हैं क्योंकि इनकी महत्वाकांक्षा ऊंची होती है, अत: ये लगातार उन्नति के लिए सदा प्रयासरत रहते हैं। अपनी भावना, विचार व बात को वजनदार बनाने मेंं ये प्रवीण होते हैं। जीवन मेंं प्रगति की आकांक्षा रखते हैं इसलिए अपनी क्षमता का पूर्ण उपयोग करते हुए उच्च पद या बड़ा लाभ प्राप्त करने मेंं ज्यादातर सफल होते हैं। अत: ऐसे लोग आशावादी और प्रयोगवादी विचाराधारा के लोग होते हैं।
अंक ४:
यह अंक अनिश्चितता का प्रतीक है। अत: इस अंक के जातक हमेंशा अनिर्णय की स्थिति मेंं होने के कारण अपने कार्यो एवं व्यवहार मेंं परिवर्तनशील प्रवृत्ति के होते हैं। इस कारण इस अंक प्रधान वाले जातकों को जीवन मेंं कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है। इन जातकों का स्वभाव स्नेहपूर्ण होता है जिसके कारण लोग इन्हें ठगते रहते हैं। अगर ये कभी प्रयास कर सब कुछ सामान्य कर भी लें तो अचानक कोई बाधा या व्यवधान आ जाता है जिससे इनके सारे किए पर पानी फिर जाता है और इस प्रकार ऐसे जातक निराशा मेंं चले जाते हैं। अत: ऐसे लोग बहुत जल्द हताश होकर अपना प्रयास छोड़ देते हैं और लगातार परिवर्तन करने के कारण ऐसे लोग सफल नहीं हो पाते और अगर सफल होते हैं तो भी ज्यादा समय तक अपनी स्थिति बनाये रखने मेंं कारगर नहीं हो पाते जिसके कारण इस अंक वाले जातक जीवन मेंं हताश और निराशावादी हो जाते हैं।
अंक ५:
पांच अंक वाले जातक वाकपटु, सद्चरित्र, ईमानदार होते हैं। इस अंक वाले जातक पूरी ईमानदारी से अपना कार्य करते हैं और अपना पूरा प्रयास बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं, इस अंक वाले जातक समाज मेंं अपनी अच्छी छवि बनाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं और हमेंशा प्रसन्नचित्त होकर दूसरों की भी सहायता करने मेंं तत्पर रहते हैं। ये शीघ्रता से मित्रता करते हैं और आजीवन निभाते हैं। स्थितियों के अनुरूप खुद को ढालना इनकी विशेषता होती है। समय का सदुपयोग करना कोई इनसे सीखे। इनकी निर्णय क्षमता अद्भुत होती है। ये बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं। किसी भी कार्य मेंं जोखिम उठाने से घबराते नहीं। अपने लक्ष्य मेंं सफलता हासिल कर लेना जब इनका ध्येय होता है तब ये हर संभव प्रयास पूरी एकाग्रता से करते हैं अत: ऐसे लोग हमेंशा सुखमिजाज और आशावान होते हैं और अपने आसपास का माहौल भी ऊर्जावान बनाये रखते हैं।
अंक ६:
इस अंक प्रधान वाले जातक दिखावा पसंद होते हैं। अपने आप को सुंदर बनाए रखने मेंं ही ये अपना अधिकांश समय व्यतीत करते हैं। अच्छे वस्त्र, आभूषण, प्रसाधन सामग्री व सलीकेदार जीवन शैली इनकी खासियत होती है। धन का इनके जीवन मेंं अभाव नहीं होता। मुक्त हस्त से व्यय करने के आदि होते हैं। हमेंशा प्रसन्न रहना इनकी पहचान होती है। ये जातक प्राय: सुखमय जीवन जीते हैं और प्रसन्न रहते हैं। अत: ऐसे जातक बेहत उत्साहित और प्रसन्नचित्त रहते हैं और जीवन मेंं बेहद आशावादिता के साथ रहते हैं।
अंक ७: इस अंक के जातक का स्वभाव भावुक, परोपकारी, मौलिक, कल्पनाशील, दार्शनिक वृत्ति वाले होते हैं। इस अंक वाले जातक बेहद मेहनती और लगातार अपने प्रयास में लगे रहते हैं ऐसे लोग निरंतर सफलता प्राप्ति हेतु प्रयास होने के कारण ऐसे लोगो के जीवन में उन्नति के मार्ग खुले रहते हैं और ऐसे अंक वाले लोग लगातार बदलाव लेते हुए उन्नति प्राप्त करते रहते हैं। अपने फैसलों में किसी की दखलंदाजी इन्हें पसंद नहीं होती। ये हमेशा लोगों की चर्चा का विषय होते हैं। जोखिम पूर्ण कार्य करने में सिद्धहस्त होते हैं। इनका गृहस्थ जीवन सामान्य होने के बावजूद ये जातक अपने निर्णयों व बुद्धिबल के आधार पर सुखमय जीवन ही जीते हैं और अच्छा होने के कारण इनके जीवन में उन्नति के साथ सकारात्मक उर्जा बनी रहती है।
अंक ८:
यह अंक थोड़ा सा जटिल प्रकृति का है। इस अंक वाले जातक परिश्रमी होते हैं, लेकिन बावजूद इसके इन्हें कदम-कदम पर बाधाओं तथा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इनके जीवन मेंं आकस्मिक बाधाओं की भरमार होती है। इनकी संघर्ष क्षमता गजब की होती है लेकिन कभी भी ये अपनी परेशानी किसी के साथ जल्दी से बांटते नहीं हैं। ऐसे जातक कभी मध्य मार्गी नहीं होते वरन स्पष्ट सोच रखते हंै। जीवन मेंं या तो पक्के मित्र रखते हें या पक्के शत्रु। औपचारिक सम्बन्धों मेंं ये विश्वास नहीं रखते। इस अंक वाले जातक या तो बेहद आशावादी होते हैं या पूरी तरह निराश होकर पलायन कर जाते हैं। ऐसे लोग मध्यमार्गी ना होकर अतिवादी प्रवृत्ति के लोग होते हैं। अत: ऐसे जातक चूंकि बेहत संघर्षशील होते हैं तो प्राय: ऐसे लोग जीवन मेंं सफलता प्राप्त कर लेते हैं। अत: ऐसे लोग अपने जीवन मेंं सफल होने से यश तथा धन प्राप्त करने मेंं सफल होते हैं किंतु ऐसे लोग के जीवन मेंं प्राय: इनके रिश्ते लोग से जल्द ही खराब हो जाते हैं जिससे रिश्तों को लेकर इनके मन मेंं निराशा का भाव पैदा हो जाता है। अत: ऐसे लोग कार्य के क्षेत्र मेंं आशावादी और रिश्तों के लिए निराशावादी होने के कारण कार्य के क्षेत्र मेंं व्यस्त हो जाते हैं तो जीवन मेंं संतुष्ट होते हैं।
अंक ९:
अंक शास्त्र मेंं यह अंक सर्वाधिक बलवान अंक माना गया है। इस अंक वाले जातक शारीरिक एवं मानसिक रूप से बलवान होते हैं। वीरता, साहसिक कार्य के प्रति निष्ठा, अपने निर्णयों पर अडिग रहने वाले, नेतृत्व करने वाले होते हैं। अनुशासनप्रिय होने के बावजूद इनके कनिष्ठ इनसे प्रसन्न रहते हैं क्योंकि दिल से ये सौम्य होते हैं। अपने जीवन साथी से इनके अक्सर मतभेद रहते हैं। स्वाभिमानी होने के कारण इनके मित्रों की संख्या कम होती है, इनकी हार्दिक इच्छा होती है कि ये जहां भी जाएं इन्हें महत्व दिया जाए। अत: महत्वाकांक्षा तथा अभिमान के कारण ऐसे लोग प्राय: दुखी रहते हैं और ऐसे जातक के जीवन मेंं बहुधा दुख का समय इनकी अपनी सोच के कारण आता रहता है और ऐसे लोग निराश जल्दी हो जाते हैं।


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