Friday, 1 May 2015

क्या हैं आपकी कुंडली में आईआईटी में सफलता के योग


क्या हैं आपकी कुंडली में आईआईटी में सफलता के योग -

आजकल हर माॅ-बाप यही चाहते हैं कि उनकी संतान उच्च तकनीकी या व्यवसायिक षिक्षा अच्छे से अच्छे संस्थान से करें। यह इच्छा आजकल इसलिए भी बलवती है क्योंकि तकनीकी क्षेत्र में रोजगार के अवसर ज्यादा से ज्यादा देष व विदेषों में मिलते हैं। तकनीकी षिक्षा में सर्वश्रेष्ठ षिक्षा का क्षेत्र आईआईटी का माना जाता है अतः हर एक आईआईटी जैसे संस्थान में प्रवेष हेतु इच्छुक होता है जिसमें अति कठिन परीक्षा के माध्यम से प्रवेष संभव होता है। इसके लिए मेहनत के साथ भाग्य का होना भी आवष्यक माना जाता है किंतु सच्चाई यह है कि किसी विद्यार्थी के ऐसे कौन सी ग्रह दषाएॅ होती हैं, जिससे उसे अच्छी सफलता या बहुत प्रयास के उपरांत भी कोई बाधा हो सकती है। अलग-अलग विषयों में तकनीकी षिक्षा की पढ़ाई हेतु ग्रह, ग्रहयोग, विषिष्ठ ग्रह संबंध होते हैं जिसका फल जातक के जीवन में दिखाई देता है। जिस भी जातक की कुंडली में मंगल और शनि उच्च या स्वग्रही होकर केंद्र या त्रिकोण में हों साथ ही सूर्य का संबंध किसी भी प्रकार से भाग्येष या भाग्यस्थ से बने साथ ही केतु तथा बुध की स्थिति अनुकूल हो तो जातक का उच्च संस्थान से इंजीनियरिंग का योग बनता है। इन ग्रह स्थिति के साथ ग्रह दषाएॅ अनुकूल होना आवष्यक है। यदि गुरू का बल सूर्य को मिल रहा हो तो अच्छी सफलता के साथ आईआईटी में प्रवेष के योग बनते हैं। यदि किसी जातक का शनि और बुध अनुकूल स्थिति में हो और गोचर में दषाएॅ भी चल रही हो तो प्रवेष की संभावना भरपूर बनती है। अतः यदि ग्रह, ग्रह संयोग अनुकूल हो तो उचित उपाय के माध्यम से ग्रहों को अनुकूल किया जाकर उच्च तकनीकी संस्थान में प्रवेष तथा सफलता का प्रयास लाभकारी परिणाम दे सकता है।



Pt.P.S Tripathi
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