Sunday, 12 April 2015

राशि और नाम


जन्म राशि के आधार पर शादी-ब्याह, सभी मंगल कार्य, ग्रहों के शुभ-अशुभ प्रभाव और वास्तविक स्थिति पर विचार किया जाता है. हिन्दू धर्म संस्कारों में नामकरण इसी राशि नाम से जुड़ा हुआ है. नाम के साथ मनुष्य का घनिष्ठ सम्बन्ध रहता है. नाम से संबंधित राशि का प्रभाव व्यक्ति पर अवश्य पड़ता है. सभी राशियों का अलग-अलग प्रभाव और स्वभाव होता है. इसी के अनुसार सभी ग्रह और नक्षत्र हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं. कौन-कौन से नाम अक्षर किस राशि के लिए उपयुक्त होते हैं वह इस प्रकार हैं -
मेष राशि: मेष राशि भचक्र की पहली राशि होती है. यह अग्नि तत्व राशि है, इसका स्वामी मंगल अग्नि ग्रह है, मेष राशि के जातक ओजस्वी, साहसी तथा दृढ इच्छाशक्ति वाले होते हैं. मेष राशि वाले व्यक्तियों के नाम के अक्षर की शुरूआत चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ अक्षर से होती है.
वृष राशि: वृषभ राशि दूसरी राशि है. यह पृथ्वी तत्व राशि है अत: इस राशि के जातकों में सहन शक्ति अच्छी होती है तथा यह लोग व्यवहारिक होते हैं. इस प्रकार के लोग सामाजिक होते हैं और अन्य लोगों को आदर की नजर से देखते है तथा सत्कार करने में हमेशा आगे रहते हैं. इनके नाम के अक्षर की शुरुआत ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो अक्षरों से होती है.
मिथुन राशि: मिथुन राशि तीसरी राशि है यह द्विस्वभाव वाली राशि होती है. इस राशि के जातक में बहुमुखी प्रतिभा होती है. कार्य को जल्दी और चतुरायी से करने की क्षमता रखते हैं. संवेदनशीलता और चंचलता इनके व्यक्तित्व में समाहित है. इनके नाम के अक्षर की शुरुआत - का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह जैसे अक्षरों से होती है.
कर्क राशि: राशि चक्र की चौथी राशि है. कर्क राशि वालों में अपने विचारों के प्रति दृढ़ रहने की शक्ति होती है. इनमें अपार कल्पना शक्ति होती है, स्मरण शक्ति बहुत तीव्र होती है, इनके नाम के अक्षर की शुरुआत -ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो अक्षरों से होती है.
सिंह राशि: यह राशिचक्र की पांचवीं राशि है. इस राशि वाले लोग जुबान के पक्के होते हैं, शाही जीवन जीना पसंद होता है. मर्यादा में रहना अच्छा लगता है और निडर होते हैं. इस राशि के नाम के अक्षर की शुरुआत- मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे जैसे अक्षरों से होती है.
कन्या राशि: यह भचक्र की छठी राशि है. इस राशि के जातक दिमाग की अपेक्षा ह्रदय से काम लेना अधिक पसंद करते हैं. इस राशि के लोग संकोची और शर्मीले स्वभाव के होते हैं. इस राशि के नाम के अक्षर की शुरूआत - ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो अक्षरों से होते हैं.
तुला राशि: यह भचक्र की सातवीं राशि है. तुला राशि के जातक आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं. जीवन की कठिन परिस्थितियों को भी सहजता से लेते है. इस राशि का जातक सुलझा हुआ होता है तथा कूटनितिज्ञता से युक्त होता है. निर्णय लेने से पूर्व खूब सोच-विचार कर लेना उचित समझते है. इस राशि के नाम अक्षरों की शुरुआत रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते अक्षरों से होती है.
वृश्चिक राशि: यह आठवीं राशि है. इस राशि के जातकों का स्वभाव रहस्यमयी होता है. इस राशि के व्यक्ति गहरी भावनाओं से युक्त होते है. इस राशि के व्यक्ति सोच विचार कर बोलने वाले होते हैं. इस राशि के नाम अक्षरों की शुरुआत - तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू अक्षरों से होती है.
धनु राशि: यह राशिचक्र की नवीं राशि होती है. इस राशि के जातक में फुर्तीलापन देखा जा सकता है. ओज पूर्ण एवं आशावादी होते है. उत्तम वक्ता और सक्रिय रहते है. इस राशि के नाम अक्षरों की शुरुआत - ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे अक्षरों से होती है.
मकर राशि: यह राशिचक्र की दसवीं राशि है. इस राशि के जातक व्यवहारिक होते हैं. मजबूते इरादों वाले तथा आगे बढऩे की उच्च महत्वाकांक्षा से पूर्ण होते हैं. इनमें जीवन शक्ति की अधिकता होती है. परिस्थितियों से समझौता करने में कुशल होते हैं. इस राशि के नाम अक्षरों की शुरुआत - भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी अक्षरों से होती है.
कुंभ राशि: यह भचक्र की ग्यारहवीं राशि है. इस राशि के जातकों को स्वतन्त्र रुप से कार्य करना पसन्द होता है. इनमें अच्छे मित्र बनाने का गुण विद्यमान होता है. इस राशि के नाम अक्षरों की शुरुआत - गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा जैसे अक्षरों से होती है.
मीन राशि: यह चक्र की बारहवीं राशि है. इस राशि के जातक धार्मिक, भगवान से डरने वाले होते है. इनके भीतर संयमी, रुढ़ीवादी, अन्तर्मुखी एहसास देखा जा सकता है. इस राशि के नाम अक्षरों की शुरुआत - दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची अक्षरों से होती है.

Pt.P.S Tripathi
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