कौन कहता है कि आज की फिल्मों में पहली वाली बात नहीं, पहले जितनी अच्छी कहानी नहीं, डायरेक्शन में पकड़ नहीं, पाश्चात्य फिल्मों जैसा फिक्शन नहीं, अगर ये सब आपको देखना हो तो एक ही विकल्प हो सकता है, वह आमिर खान की फिल्में। जैसा कि कहा ही जाता है आमिर की फिल्मों को किसी तरह के रिव्यू सर्टीफिकेट की दरकार नहीं होती, आमिर खुद ही सर्टिफिकेट हैं। जी हां, आमिर खान की मौजूदगी ही आपको आश्वस्त करने के लिए काफी होती है कि फिल्म अच्छी है। अब तक कई फिल्म फेयर पुरस्कार और राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके ये अभिनेता आज के दौर में भी कुछ हटकर फिल्में बनाते हैं, जिनकी कहानी में एक ताज़गी और नयापन तो होता ही है साथ ही उस कहानी को कहने का तरीका भी अलग होता है। यह भी गौरतलब है कि ये इनके समसक्ष अन्य हीरोज़ की तरह फिल्मों का प्रमोशन के लिए न तो कॉमेडी नाईट्स में कपिल के साथ टाईम पास करते हैं और न ही किसी तरह का पब्लिसिटी स्टंट, जैसा कि कथित तौर पर शाहरूख खान और अक्षय कुमार किया करते हैं। फिर भी इनकी फिल्में हमेशा सारे रिकोर्ड तोड़ देती है। एक यही अभिनेता हैं जिनको सच्चे मायने में विश्वास है कि आज के दौर में भी अच्छी और बिना फूहड़ता के फिल्म चल सकती हैं। सच देखें तो इनकी सारी फिल्में हर स्तर पर परफेक्ट होतीं हैं तभी तो इन्हें कहा जाता है मिस्टर परफैक्टनिस्ट।
अगर मि. परफैक्टनिस्ट आमिर के भाग्य का ज्योतिष आकलन करें तो देखने को मिलता है कि उनका अंक बड़ा प्रबल है। आमिर का जन्म तारीख १४ मार्च १९६५ है, याने मूलांक ५ तथा पूर्णांक ८ है। इनका स्ट्राईकर अंक १ है। अंकशास्त्र के हिसाब से यह जातक १ नंबर के कारण गंभीर, ५ नंबर के कारण बेहद संवेदनशीन और ८ नंबर बेहद संघर्षशील है। जबदस्त प्रतिभा के धनी, पारिवारिक पृष्ठभूमि कला की, अच्छे डायरेक्टर, अच्छे राईटर, अच्छे एक्टर। इन्होंने अपनी पहली फिल्म 'यादों की बारात बतौर बाल-कलाकार की। बतौर कैरियर इन्होंने लीड रोल में 'कयामत से कयामत तक की, जो कि एक ब्लॉकबस्टर साबित हुई। यह पिक्चर हमारी इंडस्ट्री में 'हम आपके हैं कौन और 'दिल वाली दुल्हनिया ले जाएंगे के बराबर की सफल मानी जाती है। यह फिल्म १९८८ में रिलीज हुई जो कि इनके लिए लकी नंबर था, क्योंकि इसमें पूर्णांक ८ बनता है। इस पिक्चर में आमिर को फिल्म फेयर अवॉर्ड से भी नवाजा गया। इसके बाद 'दिल है कि मानता नहीं १९९१ में रिलीज हुई, जिसका पूर्णांक-२ है, यह भी सुपहिट रही। इसके बाद इनकी पिक्चर आई 'रंगीला जो १९९५ में रिलीज हुई। ये ८ सितंबर को रिलीज हुई जिसका मूलांक बना ८, जिसके कारण इस फिल्म को क्रिटिक्स ने जमकर सराहा और साथ ही एक बड़ी कॉमर्सियल हिट भी साबित हुई। 'राजा हिंदुस्तानी१५ नवंबर १९९६ में रिलीज हुई, इसका पूर्णांक बना ६, मूलांक बना ६, इसके गाने अब तक के सबसे बेहतरीन गाने साबित हुये, म्यूजिक कंपनियों को भारी मुनाफा हुआ, पक्चिर भी ब्लॉकबस्टर रही।
इसके बाद वर्ष २००१ में 'लगान आई। इस पिक्चर ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर बहुत ख्याति प्राप्त की, ये पिक्चर १५ जून को रिलीज हुई जिसका पूर्णांक हुआ ६, गौरतलब है कि पूर्णांक ६ का संबंध सीधे तौर पर ख्याति से होता है। इसके बाद क्रिटिकल एक्लेम मूवी 'रंग दे बसंती २६ जनवरी २००६ में रिलीज हुई, जिसका पूर्णांक बना ८। 'धूम-३ २० दिसंबर २०१३ को रिलीज हुई, जिसका पूर्णांक बना-२, यानी आमिर खान की लाइफ में १, २, ६, ८ इन नंबरों का जबरदस्त प्रभाव देखा। इस बीच यह भी देखने लायक बात है कि २००५ को जिसका वर्षांक ७ है, केतन मेहता निर्देशित 'मंगल पांडे आई जो कि डिजास्टर साबित हुई साथ ही फिल्म समीक्षकों ने भी इस पिक्चर को नकारा। यानी ७ नंबर आमिर के लिए बहुत फेवरेवल नहीं है।
२०१४ वैसे मौटे तौर आमिर खान के लिए अच्छा नहीं रहा। इसके उत्तरार्ध में कुछ छींटाकसी भी हुई, पर साल २०१५ इनके लिए अभूतपूर्व ख्याति देने वाला होगा। इनकी फिल्में निश्चित तौर पर सारे रिकॉर्ड तोड़ डालेंगी। कुल मिलाकर एक बात समझ में आती है कि १४ तारीख को जन्मे आमिर अपने मूलांक के कारण परफ ेक्ट हैं और ऐसे व्यक्ति को समय की विपरीतताएं बहुत असर नहीं करती।
Pt.P.S Tripathi
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