Monday, 18 May 2015

अपने कुंडली में कैसे करें मंगल को कैसे बनाएँ अनुकूल



कोई भी व्यक्ति चाहे वह लड़की हो या लड़का, सबसे पहले आँखों के माध्यम से फीजिकल ब्यूटी की ओर एट्रैक्ट होता है। उसके बाद म्युचअल अंडरस्टैंडिंग यानी कि वैचारिक समानता और फिर सहन-सहन की समानता। परंतु क्या शादी के बंधन के लिए मात्र सुंदर शरीर और वैचारिक या रहन-सहन की समानता पर्याप्त है। नहीं....। मात्र केवल क्षणिक सौंदर्य का आकर्षण पूरे जीवन को नरक बना सकता है। आजकल बहुत कम लव मैरिज सफल होते देखी गई है।
जिस प्रकार चंद्रमा के कारण ज्वार-भाटा समुद्र में आता है, वनस्पतियों में रस चंद्रमा के कारण ही आता। ठीक उसी प्रकार सौर-मंडल के ग्रह हमें अलग-अलग रूप से प्रभावित करते हैं। अतः सावधानीपूर्वक कुंडली मिलान करके ही विवाह करना चाहिए। कहने को मंगल बड़ा क्रूर ग्रह माना गया है जबकि मंगल क्रूर नहीं, वह तो मंगलकर्ता, दुखहर्ता, ऋणहर्ता व कल्याणकारी है। मंगल दोषपूर्ण होने पर मनुष्य को अलग-अलग तरह के कष्ट होते हैं। मंगल को अनुकूल बनाने के उपाय भी अलग-अलग हैं।

मंगल की अनुकूलता के उपायः::::----

- कर्ज बढ़ जाने पर ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ स्वयं करे या किसी युवा ब्राह्मण सन्यासी से कराएँ।
- जीवन में जमीन-जायदाद प्राप्त करने हेतु किसी की जमीन न दबाए और बड़े भाई की सेवा करें।
- रोग होने पर गुड़, आटा दान करें।
- क्लेश शांति हेतु लाल मसूर जल प्रवाह करें।
- विद्या प्राप्ति हेतु रेवड़ी मीठे जल में प्रवाह करें।
- मूँगा रत्न किसी श्रेष्ठ ज्योतिषाचार्य से विचार-विमर्श के बाद ही धारण करें.....

No comments: