Wednesday, 27 January 2016

साल 2016 में वृषभ राशि का हाल

भविष्यफल के बारे में चर्चा करने से पहले यह आवश्यक है कि वर्ष 2016 में ग्रहों की स्थितियों का अध्ययन किया जाए, क्योंकि पूरा भविष्यफल ग्रहों के चाल पर ही निर्भर करता है। ग्रहों की तरफ़ रुख़ किया जाए तो वर्ष के प्रारंभ में शनि वृश्चिक में और गुरू सिंह में प्रवेश कर रहा है। राहु और केतु अपनी वर्तमान अवस्था में रहने के पश्चात् यानि 31 जनवरी के बाद क्रमशः सिंह तथा कुम्भ में प्रवेश करेंगे। पूरी तरह से वैदिक ज्योतिष पर आधारित इस भविष्यफल को पढ़ने के बाद आप साल 2016 में होने वाली गतिविधियों से पहले ही परिचित हो जाएंगे और नए साल की सटीक योजना बनाने में सफल रहेंगे।
पारिवारिक जीवन--नए साल में आपकी पारिवरिक स्थिति बेहतर रहने वाली है, बस ज़रूरत है सभी लोगों के साथ स्नेह और आपसी सौहार्द के साथ पेश आने की। परिवार के लोगों के सुझावों पर अमल करना आपके लिए फ़ायदे का सौदा हो सकता है, लेकिन इसके विरूद्ध जाना घातक हो सकता है। शनि के सातवें भाव में होने के कारण योगकारक योग बन रहा है, जो आपके लिए कुछ परेशानियों को जन्म दे सकता है, लेकिन कुछ ज़्यादा हानि होने की संभावना नहीं है। माँ के साथ कुछ नाराज़गी हो सकती है तथा उन्हें स्वास्थ्य संबंधी भी कुछ परेशानियाँ हो सकती हैं, अतः उनका समुचित ख़्याल रखें और व्यावहारों में संयम बरतें।। पिता जी के साथ आपके संबंध बेहतर रहेंगे। यह साल उनके लिए बेहतर साबित होगा और कारोबार में मुनाफ़ा होगा। ठीक आप ही की तरह आपके जीवनसाथी का भी संबंध माँ के साथ ख़राब रहेगा और पिता के साथ मधुर। आपके लिए यह अच्छा होगा कि आप ख़ुद भी माँ-बाप का ख़्याल रखें और जीवनसाथी से भी ऐसा करने के लिए कहें। परिवार से बैर करना कदापि उचित नहीं होता है।
स्वास्थ्य--सामान्यतः आप निरोगी काया के स्वामी होते हैं। इस वर्ष भी आप रोग-मुक्त रहने वाले हैं। लेकिन कुछ लोग मोटापे का शिकार हो सकते हैं, अतः खान-पान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। अगस्त के बाद मसालेदार और तेल वाले आहार के प्रति आपका रूची बढेगी, इसे नियंत्रित करने की कोशिश करें। आलस्य का त्याग करें और स्फूर्ति के लिए व्यायाम करें। हालाँकि समय के साथ कुछ परेशानियाँ हो सकती हैं, जैसे - पेट, आँत और जोड़ों में दर्द के अलावा सिरदर्द और आँखों में दर्द रहने की संभावना है। अतः सेहत को लेकर कोई लापरवाही न करें।
आर्थिक स्थिति--आपकी आर्थिक स्थिति के बारें में क्या कहना, इस साल तो आपकी बल्ले-बल्ले रहने वाली है। अगस्त माह के बाद तो स्थिति और भी सुदृढ होने वाली है। विभिन्न स्रोतों से धन का आगमन होगा। शेयर बाज़ार से भी लाभ होने की संभावना है, लेकिन अगस्त के बाद। इससे माह से पहले अार्थिक स्थिति थोड़ी कमज़ोर रह सकती है। ख़र्चों पर नियंत्रण और भावनाओं पर काबू रखने की ज़रूरत है। व्यर्थ की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इस साल आपकी ज़िन्दगी एक धनवान सेठ के माफ़िक गुज़रने वाली है।
नौकरी पेशा--यदि आप नौकरी पेशा हैं तो यह साल कुछ ख़ास अच्छा नहीं रहेगा। लोग आपके विरूद्ध षड्यंत्र भी बना सकते हैं। बेवज़ह आपके ऊपर आरोप भी लगाया जा सकता है, जिससे आप काफ़ी तनाव महसूस करेंगे। अपने आँख-कान को खोलकर रखें, अन्यथा स्थितियाँ आपके काबू से बाहर हो सकती हैं। आपके लिए यह आवश्यक है कि जब तक आपकी नौकरी नहीं लग जाती है, वरिष्ठ लोगों के साथ अपने रिश्तेे को बनाए रखें। अन्यथा परेशानियाँ बढ़ सकती हैं और नौकरी भी हाथ से जा सकती है। सरकारी नौकरी वालों को ज़्यादा नुक़सान हो सकता है, अतः पूरी एहतियात बरतें।
व्यवसाय--व्यवसाय से जुड़े लोगों को उनके परिश्रमों का फल प्राप्त होगा। यदि आपका जीवनसाथी भी व्यापार में भागीदार है तो अपार मुनाफ़ा हो सकता है। हालाँकि आपके ऊपर धोखा-धड़ी और विश्वासघात का आरोप भी लग सकता है, अतः आर्थिक मामलों में पूरी एहतियात बरतें। ब्याज़ पर पैसे देते समय बहुत ज़्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि अगस्त तक समय आपके अनुकूल नहीं है। इस माह के बाद निश्चित ही आपके अच्छे दिन आएंगे और भाग्य आपके द्वार पर दस्तक़ देगा। भले ही आपको अनेक बाधाओं का सामना करना पड़े, लेकिन आपकी जेब कभी खाली नहीं रहने वाली है।
प्रेम-संबंध--नया साल आपके प्रेम-संबंधों में मिठास लाना वाला है। एक दूसरे के साथ आप हसीन पल बिताएंगे। शुरूआत में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन समय के साथ संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी। हालाँकि प्यार का वास्तविक एहसास और आनंद आपको अगस्त के बाद ही मिलेगा। इस साल जो बात को ध्यान रखना है वह यह कि जब भी कभी बुध अस्त हो या सिंह अथवा कुम्भ में प्रवेश करे, उस वक़्त अपने जीवनसाथी के ऊपर किसी प्रकार के शक़ करने से परहेज़ करें, वरना पूरा बना-बनाया खेल बिगड़ सकता है। अपने व्यवहारों में संयम बरतें और पार्टनर के ऊपर विश्वास करना सिखें।
उपाय--अपने आप को नियंत्रित रखना दुनिया का सबसे बड़ा उपाय है, लेकिन यह सभी के लिए संभव नहीं है। यदि आप शनि की अंतरदशा या महादशा से गुजर रहे हैं तो दशरथ रचित शनि स्त्रोत और हनुमान चालिसा का पाठ करना बेहद ही कारगर साबित हो सकता है। दूसरी ओर यदि आपके ऊपर बृहस्पति की अंतरदशा या महादशा चल रही है तो बृहस्पति बीज मंत्र का जप करें। पीला वस्त्र धारण करें और गुरूवार के दिन उपवास करें। जो लोग राहु या केतु की अंतरदशा या महादशा से गुजर रहें हैं, वे लोग दूर्गा सप्तशती का दिन में तीन बार पाठ करें।

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