विकृत मानसिकता का ज्योतिषीय कारण-
किसी भी तरह से क्रूर कर्म करने वाले वास्तव में कोई शातिर अपराधी नहीं बल्कि विकृत मानसिकता वाले आम लोग ही होते है, जब भी ऐसे व्यक्तियों की मर्जी से कोई कार्य नहीं होता या उनका मकसद पूरा नहीं होता है तो ऐसे लोग कू्ररता की हद पार कर दूसरों को प्रताडि़त करते हैं। इसका ज्योतिषीय कारण है कि किसी भी व्यक्ति में अगर उसका तृतीयेष या एकादषेष अष्टम स्थान में हो या केतु के साथ हो जाए इसमें भी विषेषकर मंगल या चंद्रमा राहु से आक्रांत हो जाए तो ऐसा व्यक्ति गुस्से में क्रूरता की हद पार करता है या मनोरोग के साथ विकृत मानसिकता का होता है। इस प्रकार अगर किसी व्यक्ति में कभी भी किसी प्रकार का अतिरेक दिखाई पड़े तो उसकी कुंडली का विष्लेषण कराकर समय से पहले नियंत्रण करना एवं उन ग्रहों की शांति कराना साथ ही अनुषासित रखना चाहिए।
Pt.P.S Tripathi
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