हाथों की बनावट और हस्तरेखाओं से आप यह जान सकते हैं कि ईश्वर आपको किन क्षेत्रों में सफलता प्रदान करेगा। गुरू पर्वत कहते हैं। अगर आपकी हथेली में यह स्थान उभरा हुआ है तो आप शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा कर सकते हैं। प्रबंधन, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, राजनीति, सरकारी क्षेत्र में बड़े अधिकारी, शिक्षक एवं ज्योतिष के क्षेत्र में करियर बनाएं तो आपको जल्दी और बड़ी कामयाबी मिल सकती है।शनि का स्थान है इसे समुद्रशास्त्र में शनि पर्वत कहा जाता है। जिनकी हथेली में शनि पर्वत अधिक उभरा होता है उनका शनि प्रभावशाली होता है। अगर आपकी हथेली में भी ऐसा है तो आप जीवन में सफल तो होंगे लेकिन अधिक परिश्रम करना होगा। कैरियर के मामले में आपके लिए इंजीनियरिंग, शोधकर्ता, वैज्ञानिक, पुरातत्ववेत्ता, फूलों का कारोबार अच्छा रहता है। ऐसे व्यक्ति ठेकेदारी और प्राचीनकलाओं से जुड़ी चीजों में भी कामयाब होते हैं।सूर्य का स्थान है इसे सूर्य पर्वत कहते हैं। जिनकी हथेली में सूर्य पर्वत उभरा हुआ होता है वह इलेक्ट्रॉनिक्स, विज्ञापन, पेंटिंग, डेकोरेशन, सरकारी नौकरी एवं सरकारी क्षेत्र से जुड़े ठेके का काम करें तो बड़ी कामयाबी मिलती है।बुध पर्वत कहलाता है। जिनकी दोनों हथेली में यह स्थान अधिक उभरा होता है उनके व्यवसाय में सफल होने की संभावना अधिक रहती है। इस पर्वत के अच्छी स्थिति में होने से बैंकिेग, वाणिज्य, लेखन, पत्रकारिता, वकालत, विज्ञान एवं दवाईयों के कारोबार में कैरियर बना सकते हैं। शुक्र पर्वत के नाम से जाना जाता है। शुक्र पर्वत उभरा हुआ हो और उन पर कटी हुई रेखाएं नहीं बन रही हों तो आप विज्ञापन, संगीत, कला, सजावट, रेडिमेड कपड़ों के कारोबार या ब्यूटी इंडस्ट्री में कैरियर बना सकते हैं।चन्द्र पर्वत है। जिनकी हथेली में यह स्थान उभरा हुआ होता है और यहां पर जाल एवं कट का निशान नहीं होता है उनका चन्द्रमा प्रबल होता है। ऐसे व्यक्ति संगीत, कला, लेखन, पत्रकारिता, रंग मंच, साहित्य एवं टूर एण्ड ट्रैवल्स के क्षेत्र में कामयाब होते हैं। इन्हें सरकारी क्षेत्र से भी लाभ मिलता है, चाहें तो सरकारी नौकरी के लिए भी प्रयास कर सकते हैं।मंगल पर्वत कहलाता है। अंगूठे के नीचे वाला भाग निम्न मंगल और दूसरा स्थान उच्च मंगल कहलाता है। इन स्थानों के उभार और यहां मौजूद रेखाओं से पता चलता है कि आप सेना, पुलिस, सुरक्षा एजेंसी, खेल, जमीन से जुड़ा कारोबार, एवं खनन के क्षेत्र में जल्दी सफल हो सकते हैं।अगर हथेली में कोई रेखा हथेली के अंतिम सिरे से चलकर छोटी उंगली तक पहुंचती है तो आप व्यापार जगत में बड़ी कामयाबी हासिल कर सकते हैं। आप बैंकिंग और वाणिज्य के क्षेत्र में भी अच्छा कर सकते हैं।मणिबंध से निकलकर सीधी रेखा शनि पर्वत तक पहुंचती है तो इस बात की प्रबल संभावना बनती है कि व्यक्ति नौकरी में सफल होगा। ऐसा व्यक्ति नौकरी से खूब धन कमाते हैं और प्रतिष्ठित होते हैं।हस्त रेखा शास्त्र द्वारा भी रोजगार चयन में सहायता प्राप्त हो जाती है। किन्तु सर्वप्रथम यह जान लेना आवश्यक है कि आप किस क्षेत्र में सफल हो सकते हैं।
यदि अंगुलियों के पहले पोरे सबल एवं लम्बे हैं तो आप में सीखने की ललक अच्छी है। यानी आप उच्चा शिक्षा ग्रहण करने में सफल हो जाएंगे। यदि अगुंलियों के दूसरे पोरे लम्बे और सबल हैं तो आप प्रैक्ट्रिकल फील्ड में चल जाएंगे। अर्थात आप के अंदर देखकर सीखने की क्षमता है। इसके विपरीत यदि तीसरा पोरा ज्यादा सबल है तो आपका उत्पादन, व्यापार या व्यवसाय के क्षेत्र में जाना ज्यादा उचित होगा।
सर्वप्रथम यह तय कर लेना जरूरी है कि भाग्य किस ग्रह द्वारा संचालित है यानी हाथ में कौनसा पर्वत क्षेत्र ज्यादा प्रभावी है। उसके स्वामी द्वारा ही उसका जीवन ज्यादा प्रभावित रहता है। उसे संक्षिप्त रूप में हम इस प्रकार जान सकते हैं:
1. बृहस्पति: राजनीति, सेना या सामाजिक संगठनों में उच्च पद, अध्ययन-अध्यापन, सलाहकार, कर/आर्थिक विभाग, कानून एवं धर्म क्षेत्र।
2. शनि: तंत्र, धर्म, जासूसी, रसायन, भौतिकी, गणित, मशीनरी, कृषि, पशुपालन, तेल, अनगढ़ कलाकृतियां इत्यादि।
3. सूर्य: कला, साहित्य, प्रशासन संबंधी।
4. बुध: इनडोर गेम्स, बोलने से जुड़े व्यवसाय, मार्केटिंग, विज्ञान, व्यापार, वकालत, चिकित्सा क्षेत्र, बैंक आदि।
5. मंगल: साहसी कार्य, अन्वेषण खोज, खिलाड़ी, पर्वतरोहण, खतरों से भरे कार्य, सैनिक, पुलिस, जंगल या वन क्षेत्र इत्यादि।
6. चन्द्र: कला, काव्य, जलीय व्यवसाय, तैराक, तरल वस्तुएं।
7. शुक्र: कला, संगीत, चित्रकारी या गंधर्व कलाएं, नाटक इत्यादि, महिला विभाग, कम्प्यूटर, हस्तशिल्प, पयर्टन आदि।
फिल्म एवं टेलीविजन में कैरियर:
हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अभिनय के क्षेत्र में कैरियर बनाने की सोच रहा है तो जरूरी है कि सूर्य पर्वत और शुक्र पर्वत उभरा हुआ हो। सूर्य पर्वत अनामिका के जड़ के पास के भाग को कहते हैं और शुक्र पर्वतक अंगूठे के जड़ वाले भाग को कहा जाता है।
इसके साथ ही यह भी ध्यान रखें कि हाथ ही सभी उंगलियां कोमल और हथेली के पीछे की ओर झुकती हों। अनामिका उंगली की लंबाई मध्यमा की जड़ तक हो। और भाग्य रेखा को कोई अन्य रेखा नहीं काटती हो। जिनकी हथेली ऐसी होती है वह अभिनय के क्षेत्र में सफल होते हैं। ऐसे व्यक्ति लोकप्रिय एवं धन-संपन्न होते है।
उच्चाधिकारी बनाती हैं ऐसी रेखाएं:
सूर्य को सरकार एवं सरकारी क्षेत्र में सफलता का कारक माना जाता है। जिस व्यक्ति की हथेली में सूर्य रेखा स्पष्ट और गहरी होती है तथा इस रेखा पर शुभा चिन्ह जैसे त्रिभुज, चतुर्भुज या सितारों का चिन्ह होता है वह सरकारी क्षेत्र में उच्च पद प्राप्त करते हैं। छोटी उंगली का अनामिका उंगली के तीसरे पोर की जड़ तक पहुंचना। मंगल पर्वत अथवा जीवनरेखा से किसी रेखा का निकलकर सूर्य पर्वत तक पहुंचना भी शुभ माना जाता है। ऐसे व्यक्ति सरकारी क्षेत्र में अधिकारी होते हैं।
इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफलता:
जो व्यक्ति इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कैरियर बनाने की सोच रहे हैं उन्हें यह देखना चाहिए कि शनि पर्वत यानी मध्यमा उंगली की जड़ के पास हथेली उभरी हुई हो। भाग्य रेखा शनि पर्वत पर आकर रुक गई हो। गुरू पर्वत यानी तर्जनी के पास हथेली का उभरा हुआ होना भी इस क्षेत्र में कैरियर बनाने में सहायक होता है।
चिकित्सा के क्षेत्र में कामयाबी:
जिनकी हथेली में बुध, मंगल एवं सूर्य पर्वत उभरा हुआ होता है वह चिकित्सा के क्षेत्र में सफल एवं प्रसिद्घ होते हैं। कनिष्ठा उंगली पर कई सीधी रेखाएं हों और मंगल उभरा हुआ होना बताता है कि व्यक्ति शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में कामयाब होगा।
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