क्या आपका बच्चा बोलने में देर कर रहा है- जाने क्यूॅ ज्योतिष द्वारा -
शरीर की वह संरचनाएँ जिनका उपयोग, चूसने, काटने, चबाने एवं निगलने के लिए किया जाता हैं, वही बोली के उपयोग में भी लायी जाती हैं। गले में स्थित स्वर यंत्र, जो कि फेफडों में किसी बाहरी वस्तु के जाने को रोकने के लिए बनायी गयी हैं, उसका उपयोग आवाज निकालने में किया जाता हैं। हालांकि, दिमाग इन सबका मुख्य नियंत्रक हैं। बोलना एक साँस लेने की, अभिव्यक्त करने की एवं ध्वनि निकालने की नियंत्रित प्रक्रिया हैं। किंतु कई बार इस सामान्य प्रक्रिया को भी कुछ बच्चे करने में असमर्थ होते हैं, ऐसे में उस बच्चे की कुंडली का विश्लेषण कराकर देखें कि कहीं उस बच्चे की कुंडली में द्वितीयेश, तृतीयेश या एकादशेश राहु से पापाक्रांत तो नहीं है अथवा उस ग्रह का स्वामी छठवे, आठवे या बारहवे स्थान में बैठा हो तो ऐसे में स्वर तंत्र में कोई कमी या खराबी के कारण ध्वनि में नियंत्रण ना हो पाना या बोलने में असमर्थ हो सकता है। अतः यदि कुंडली में ऐसी स्थिति दिखाई दे तो स्वर से संबंधित योग करने के साथ उन ग्रहों की शांति कराने एवं ग्रह के मंत्रों का जाप कराना चाहिए।
Pt.P.S Tripathi
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