Monday, 13 June 2016

क्या आपके इनकम में बार बाधाएँ आ रही है????????जाने ज्योतिष्य वजहों से........

जब आये इनकम में बाधा तब करें ज्योतिषीय उपाय -
आज के भौतिक युग में प्रत्येक व्यक्ति की एक ही मनोकामना होती है की उसकी आर्थिक स्थिति सुदृढ रहें तथा जीवन में हर संभव सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती रहे। किसी व्यक्ति के पास कितनी धन संपत्ति होगी तथा उसकी आर्थिक स्थिति तथा आय का योग तथा नियमित साधन कितना तथा कैसा होगा इसकी पूरी जानकारी उस व्यक्ति की कुंडली से जाना जा सकता है। व्यक्ति की कुंडली में क्रमशः दूसरे व ग्यारहवें भाव को धन स्थान व आय स्थान कहा जाता है। इसके साथ ही आर्थिक स्थिति की गणना के लिए चैथे व दसवें स्थान की शुभता भी देखी जाती है। यदि इन स्थानों के कारक प्रबल हों तो अपना फल देते ही हैं। निर्बल होने पर अर्थाभाव बना रहता है विशेषतर यदि धनेश सुखेश या लाभेश छठे आठवें या बारहवें स्थान में हो या इसके स्वामियों से युति करें तो धनाभाव कर्ज व परेशानी बनी ही रहती है। जब भी आय में बाधा आयें या खर्चे बढ़ने लगे तो अपनी कुंडली का विश्लेषण कराकर आवश्यक ज्योतिषीय उपाय लेना चाहिए। जिसमें विशेषकर ऋणमोचक मंगल स्त्रोत का पाठ, मंगल का व्रत तथा लाल वस्तुओं का दान करना चाहिए।

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