कुछ ही दिनों बाद वर्ष 2014 समाप्त हो जाएगा और 2015 शुरू हो जाएगा। 2014 के अंतिम दिनों में शनि और मंगल का अद्भुत योग बना हुआ है। शनि इस समय वृश्चिक राशि में है और मंगल मकर राशि में। मंगल मकर राशि में उच्च का रहता है। वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है और मकर राशि का स्वामी शनि है। शनि और मंगल, दोनों एक-दूसरे की राशि में स्थित हैं। जब दो ग्रह एक-दूसरे की राशि में स्थित होते हैं तो यह योग महत्वपूर्ण होता है। शनि और मंगल, दोनों ही बड़े ग्रह हैं। शनि न्यायाधीश है और मंगल ग्रहों का सेनापति है। इस कारण इनकी यह स्थिति सभी 12 राशियों पर सीधा असर डाल रही है। मंगल 3 जनवरी 2015 तक मकर राशि में रहेगा। अत: 3 जनवरी तक यह स्थिति बनी रहेगी। मंगल के साथ ही गुरु भी उच्च राशि कर्क में स्थित है। इससे पूर्व मंगल-गुरु का यह संयोग सन 2003 अप्रैल-मई में हुआ था। इन दोनों मित्र ग्रहों का एक साथ उच्च का होना एवं आमने-सामने होना सभी राशि के लोगों के लिए विशेष असरकारक रहता है। यहां जानिए आपकी राशि पर इस स्थिति का कैसा असर हो रहा है...
मेष- मंगल इस राशि का स्वामी है एवं वह दशम होकर उच्च का हो गया है। यह योग विशेषकर जमीन से लाभ दिलाने वाला होगा। वाहन सुख मिलेगा एवं किसी बड़े कार्य में सफलता दिलावएगा। शनि अष्टम है एवं शनि की ढय्या भी चल रही है। अत: संभलकर कार्य करें। किसी भी प्रकार के विवादों से दूर रहें। जोखिम पूर्ण कार्यों से बचने का प्रयास करें। निवेश के लिए अत्यधिक सावधान रहें। किसी को उधार नहीं दें एवं सरकारी बैंक में ही बचत को रखें। क्या करें-समय-समय पर हनुमानजी एवं गणेशजी की पूजा करें।
वृषभ- मंगल नवम रहेगा एवं राशि के लिए सामान्य रहेगा। राशि से शत्रु को होने से लाभ-हानि बराबर रहेगी। रिश्तेदारों में विवाद अवश्य हो सकता है। इस समय जमीन सौदे टालने का प्रयास करें। इस राशि से सप्तम शनि बुरा प्रभाव डालने वाला नहीं रहेगा। परिस्थितियां सामान्य रहेंगी। शनि कृपा से धन लाभ के साथ ही किसी बड़ी मुसीबत से भी छुटकारा मिल सकता है। क्या करें-बुजुर्गों को कोई उपहार प्रदान करें।
मिथुन- इस राशि से अष्टम मंगल होने से जमीन, कर्ज, दुकान, मकान के मामलों में कठिनाइयां आ सकती हैं। न्यायालयीन मामलों में भी पक्ष कमजोर हो सकता है। विवादों को टालने का प्रयास करें। आपके लिए षष्ठम शनि रहेगा। इस राशि का स्वामी बुध है और बुध-शनि मित्र हैं। इस कारण शनि आने वाला समय में सम्मान दिलवाएगा। नौकरी के लिए अच्छे प्रस्ताव प्राप्त हो सकते हैं। धन प्राप्ति के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। परिवार में वर्चस्व बढ़ेगा। क्या करें- बुधवार गणेशजी को दूर्वा अर्पित करें।
कर्क- राशि पर उच्च के मंगल की सप्तम पूर्ण दृष्टि से प्रभाव बढ़ेगा एवं सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। कोर्ट-कचहरी एवं अन्य विवादित मामलों में सफलता प्राप्त होगी। नए कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। इस राशि से शनि का ढय्या खत्म हो चुका है। अब आप पूरी राहत प्राप्त करेंगे। मानसिक शांति प्राप्त होगी। तबीयत में सुधार के साथ आलस्य की समाप्ति होगी। बाधित कार्यों में गति आने लगेगी। आय के रास्तों में आ रही बाधाएं समाप्त होंगी। आने वाला समय श्रेष्ठ होगा। क्या करें- हर शनिवार गरीब बच्चों को मिठाई खिलाएं।
सिंह- षष्ठम मंगल एवं राशि स्वामी का मित्र होने से स्वास्थ्य में लाभ कराएगा तथा अटके कार्यों में गति प्रदान करेगा। नवीन योजनाएं भी बनेंगी। विवादों का अंत होगा एवं प्रसन्नता दायक समाचार प्राप्त होंगे। चतुर्थ शनि यानी शनि का ढय्या शुरू हो गया है। अत: क्रोध पर नियंत्रण रखें। जोश में आकर कोई कार्य नहीं करें। हठ का त्याग करें। अन्यथा नुकसानदायक हो सकता है। क्या करें- हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।
कन्या- पंचम मंगल शुभ सूचनाएं दिलावाएगा एवं सफलता दिलाने वाला होगा। जमीन से फायदा होगा एवं कारोबार आदि में तरक्की होगी। अविवाहित लोगों के लिए वैवाहिक योग भी बनाएगा। प्रेम में भी सफलता मिलेगी। शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव समाप्त हो गया है। अत: खुशी के मौके प्राप्त होंगे। ऐसा लगेगा कोई बोझ उतर गया है एवं स्वयं को स्फूर्तिवान महसूस करेंगे। घर-परिवार में सुख आएगा। स्वयं के आय स्रोतों में लाभ प्राप्त होगा। अटके कार्यों में गति आएगी तथा नए वाहन, मकान की प्राप्ति होगी। क्या करें- गाय को हरी घास खिलाएं और इच्छानुसार गौशाला में धन का दान करें।
तुला- चतुर्थ मंगल थोड़ी परेशानी प्रदान कर सकता है। योजनाएं विफल हो सकती हैं एवं कर्जदार भी परेशान करेंगे। विवादित मामलों में भी पीछे हटना पड़ सकता है। न्यायालयीन मामलों में सावधानी रखें। यह राशि पिछले कई दिनों से शनि से भी प्रताड़ित चल रही थी। अब साढ़ेसाती का अंतिम ढय्या रहेगा। उतरती हुई साढ़ेसाती कुछ समय बाद पिछली परेशानियों का अंत करेगी। क्या करें- किसी का अनादर न करें। शनिवार को तेल का दान करें।
वृश्चिक- तृतीय राशि स्वामी मंगल एवं राशि पर गुरु की दृष्टि से फिलहाल कोई परेशानी आने की संभावनाएं नहीं है। योजनाओं में सफल होंगे। लक्ष्य की प्राप्ति होगी। नए व्यवसाय के ऑफर मिल सकते हैं। शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव पहले से ही है एवं शनि का इसी राशि में स्थित है। अतः नए कार्य में सावधानी रखें। परेशानियां आने की संभावनाएं नहीं हैं, लेकिन कभी विवाद हो तो उसे टालें। वाणी का प्रयोग संभलकर करें। यदि निवेश करना हो तो विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें। सोच-समझकर ही आगे बढ़ें। क्या करें- माह में एक बार किसी भी शनिवार को हनुमानजी की प्रतिमा का श्रृंगार करवाएं।
धनु- द्वितीय मंगल से परेशानियों को अंत होगा एवं बहुत दिनों से अटका कार्य संपन्न होगा। आय का आधार मजबूत होगा एवं पूर्व में छोड़ा गया कोई कार्य पुन: प्राप्त हो सकता है। इस राशि से शनि द्वादश है और साढेसाती का प्रभाव आरंभ हो चुका है। शनि आपकी राशि के स्वामी गुरु का मित्र है। अत: कार्यों के सावधानी पूर्वक करें। लाभ होगा। जब तक कोई ठोस आधार न मिल जाए, जमीन-मकान आदि में धन नहीं लगाएं। निवेश में सावधानी रखें। उद्योग एवं व्यवसाय की देखभाल स्वयं करें। मीठी वाणी का प्रयोग करें। सभी का सम्मान करें। क्या करें- हनुमानजी को हर शनिवार तेल का दीपक लगाएं।
मकर- राशि में मंगल आकर उच्च का हो गया है, साथ ही, उच्च के गुरु की दृष्टि भी रहेगी। सभी ओर से प्रसन्नता एवं शुभ समाचारों की प्राप्ति होगी। सम्मान प्राप्त होगा एवं प्रभाव में वृद्धि होगी। नए कार्य स्थापित होंगे। इस समय शनि एकादश है। इस राशि का स्वामी शनि ही है। साथ ही, गुरु की पूर्ण दृष्टि भी इस राशि पर बनी हुई है। इस कारण आने वाले समय में यह राशि सबसे अधिक प्रभाव में रहेगी। अभी सबसे शक्तिशाली राशियों में से एक राशि मकर ही है। खुशियां प्राप्त होंगी। कोई भी कार्य रोककर न रखें। धन का लाभ भी होगा। क्या करें- किसी का अनादर न करें। गरीबों को दान दें और दुआएं लें। काले तिल का दान करें।
कुंभ- द्वादश मंगल के कारण संभलकर रहने का समय है। शांति एवं धैर्य से समय को व्यतीत करें। विरोधी पक्ष हावी होने का प्रयास करेगा। गुप्त योजनाओं एवं ठंडे दिमाग से ही उनका सामना किया जा सकता है। राशि स्वामी शनि दशम है। शनि के प्रभाव से शांति एवं धैर्य से काम करने पर लाभ ही होगा। ठंडे दिमाग से काम करेंगे तो किसी प्रकार के नुकसान की संभावनाएं नहीं हैं। परिवार से वैचारिक मतभेद समाप्त होगा। माता से स्नेह प्राप्त होगा। संतान अनुकूल रहेगी। न्यायालयीन कार्यों में सफलता मिल सकती है। क्या करें- हर सोमवार शिवलिंग पर कच्चा दूध अर्पित करें और बिल्व पत्र चढ़ाएं।
मीन- एकादश मंगल शुभकारी होगा। नई जमीन, मकान, फ्लेट खरीदने का मन बनेगा एवं सफलता भी मिल सकती है। शासकीय कार्यालयों से कार्यों में मदद मिलेगी। कारोबार में वृद्धि होगी एवं लाभ में भी इजाफा होगा। इस राशि से नवम शनि होने से ढय्या का अंत हो गया है। समय सभी प्रकार से अनुकूल एवं अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करने वाला बना हुआ है। आलस्य समाप्त होगा। सभी कार्य तेज गति से आगे बढ़ेंगे। बेरोजगारों को रोजगार मिलने की संभावनाएं बढेंगी। क्या करें- हनुमानजी के सामने घी का दीपक जलाएं।
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