Wednesday, 3 June 2015

मैं सभी का करता हूं पर मेरे समय में कोई साथ नहीं देता-ज्योतिषीय कारण-



कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्होंने हमेशा दुसरो का भला किया, परिवार वालों के लिए खून-पसीना एक किया पर जब उन्हें जरूरत पड़ी तो उनके अपनो ने उनका साथ नहीं दिया। कई बार ऐसा देखने में आता है कि सब कुछ करने के बाद कई बार माता-पिता स्वयं उस बेटे को ज्यादा तवजो देते हैं जो किसी का साथ नहीं देता और उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते जो परिवार के सभी सदस्यों का मान रखता हो। कई लोगों के साथ ऐसा होता तो अक्सर है पर क्यों होता है? आखिर लोग इतने कृतघ्न क्यों हो जाते हैं? आखिर इसके पीछे कैसी मानसिकता काम करती है? क्या वे समझते हैं, उनका हक सिर्फ लेना है, और दुसरे का कर्तव्य उन्हें  देने का है? आईये जाने इसका ज्योतिषीय कारण क्या है? तीसरा यानि परिवार का स्थान तथा भाग्य स्थान का स्वामी अगर छठवें, आठवे या बारहवें स्थान पर हो तो ऐसा जातक मोह तथा असुरक्षा के कारण परिवार को साथ रखने तथा सुखी एवं खुष रखने के फेर में उनके लिए अपना सर्वस्व दे देता है किंतु इसी ग्रह दोषों के कारण उसके हिस्से में कुछ नहीं आता। यदि छठवे, आठवें या बारहवे भाव का स्वामी तीसरे या भाग्य स्थान में आ जाए तो ऐसे व्यक्ति के अपने लोग ही उससे शत्रुता या कानूनी विवाद करते रहते हैं। अतः ऐसी स्थिति किसी के भी जीवन हो तो ऐसे जातक को अपनी कुंडली का विष्लेषण कराकर अपने ग्रह दषाओं को अनुकूल करने का प्रयास करना चाहिए साथ ही रिष्तों में मधुरता तथा महत्व दूसरों की तरफ से भी उतना ही प्राप्त करना जितना आप दूसरों को प्रदान कर रहे हैं, उसके लिए उपयुक्त ग्रहों की शांति, मंत्रजाप तथा दान करना चाहिए। जिसमें विषेषकर तीसरे स्थान अर्थात बुध तथा भाग्य स्थान यानि गुरू के मंत्रों का जाप, पीली वस्तुओं का दान तथा जगद्गुरू श्रीकृष्ण की पूजा करने से दुख के स्थान पर सुख की प्राप्ति होगी।


Pt.P.S Tripathi
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