इस विद्या में पारंगत व्यक्ति 'ज्योतिषी' कहलाता है। एक सफल ज्योतिषी केवल वही बन सकता है जो सच्ची निष्ठा एवं लगन से ईश्वरोपासना की ओर उन्मुख होकर उस परमब्रह्म का आशीर्वाद एवं ईश्वरीय कृपा प्राप्त कर ले। एक सफल ज्योतिषी बनने के लिये जन्म पत्रिका में शुभ ग्रहों का बली होना अति आवश्यक है। कुंडली में लग्न, पंचम, नवम भाव तथा बुध, गुरु, शुक्र, शनि एवं केतु ग्रह की उत्तम स्थिति जातक को ज्योतिष विद्या के अध्ययन की ओर अग्रसर करती है। फलदीपिका ग्रंथ के अनुसार- दशमेश यदि बुध के नवांश में हो तो काव्यागम, लेखनवृत्ति, लिपिविद्या, ज्योतिष, ग्रह नक्षत्र से संबंधित व्यवसाय, गणित, पूजा पाठ, पुरोहित आदि के कार्य द्वारा वृत्ति होती है। नवम भावस्थ, मिथुन, कर्क राशिगत सूर्य, कर्क राशिस्थ चंद्र, लग्नस्थ तथा एकादशस्थ बुध, लग्नस्थ या स्वराशिगत शुक्र, मीन राशिगत शनि एवं पंचमस्थ केतु जातक को ज्योतिषी बनाने में अहम् भूमिका निभाते हैं। -लग्न भाव या लग्नेश से बुध या गुरु ग्रह का संबंध हो अथवा बुध केंद्रस्थ हो तथा शुक्र लग्नस्थ होकर स्वराशि में हो तो जातक अच्छा ज्योतिषी बन सकता है। कुंडली नं. 1 में बुध लग्नेश शुक्र के साथ लग्न भाव में ही युति बना रहा है। शुक्र स्वराशिगत है तथा गुरु भी लाभ भाव में मीन राशि में स्थित है। बुध, गुरु, शुक्र शुभ स्थिति में है। जातक एक सफल, लोकमान्य ज्योतिषी है। कुंडली में यदि चंद्र गुरु की युति पंचम या नवम भावों में है अथवा चंद्र गुरु का दृष्टि संबंध इन भावों में बन रहा हो तो जातक मुखयतः हस्त रेखा विज्ञान में सफलता प्राप्त करता है। कुंडली नं. 2 में गुरु पंचम भाव में, तथा मित्र राशिस्थ चंद्र सप्तम में और शुक्र अपनी ही राशि नवम भाव में स्थित है, सूर्य मिथुन राशिगत तथा बुध एकादश भावस्थ है। यह कुंडली एक ज्योतिषी की है, जो अत्यंत कुशाग्र बुद्धि एवं प्रभावशाली, ओजस्वी वाणी का स्वामी है। जातक ज्योतिषीय गणनायें करने में भी पूर्णतया समर्थ है। मात्र 25-26 वर्ष की आयु में ही जातक ने एक लोकप्रिय कथावाचक, कुशल हस्तरेखाविद् एवं सटीक फलादेश करने में पारंगत ज्योतिषी के रूप में खयाति अर्जित कर ली है। कुंडली में नवम भावस्थ शुक्र पर पंचम भावस्थ गुरु की पंचम दृष्टि इस बात का स्पष्ट संकेत दे रही है कि भविष्य में भी जातक के ज्योतिष के क्षेत्र में चरम शिखर तक पहुंचने की पूरी संभावना है। शनि ग्रह को भी ज्योतिष एवं ज्ञान का आधार ग्रह माना गया है। जन्मकुंडली में शनि यदि मीन राशि में हो तो भी जातक अच्छा ज्योतिषी बनता है। साथ ही गोचर में शनि यदि जन्मस्थ शनि से सप्तम स्थान में भ्रमण करे तथा उच्चस्थ ग्रह की दशा-अंतर्दशा चल रही है उस विशेष समय में जातक ज्योतिष संबंधी अलौकिक ज्ञान प्राप्त करके खयाति, प्रसिद्धि, कीर्ति, धन, सम्मान, यश सभी कुछ प्राप्त करता है। कुंडली नं. 3 एक ज्योतिषी की है। पत्रिका में बुध व केतु लग्न भाव में स्थित है। शनि मीन राशिस्थ है तथा चंद्र गुरु की युति लाभ भाव में गजकेसरी योग का निर्माण कर रही है। जातक ज्योतिष विद्या का अध्ययन काफी समय से कर रहा है। किंतु एक प्रतिष्ठित एवं सम्मानित ज्योतिषी के रूप में सफलता उसे अब मिली है। वर्तमान समय में शनि का गोचर कन्या उच्चराशिस्थ मंगल की महादशा चल रही है जिसने ज्योतिष के कारक ग्रह बुध की अंतर्दशा एवं गोचरस्थ शनि के शुभ प्रभाव में जातक को वर्तमान समय में एक सफल ज्योतिषी बनने में पूर्ण सहायता प्रदान की है। केतु ग्रह को गणितीय योग्यता, गुप्त ज्ञान एवं अद्वितीय प्रतिभा का कारक ग्रह माना गया है तथा पंचम भाव से पूर्व जन्मों के संचित कर्म, मान-पुण्य, मंत्र, आत्मा आदि का विचार करते हैं। इस प्रकार केतु ग्रह तथा पंचम भाव दोनों ही गुप्त ज्ञान से संबंधित हैं। यही कारण है कि यदि केतु पंचम भाव में स्थित हो तो जातक अद्वितीय गुप्त ज्ञान, गणितीय योग्यता एवं बौद्धिक प्रतिभा के बल पर एक सफल ज्योतिषी बन सकता है। कुंडली नं. 4 मिथुन लग्न एवं सिंह राशि की है। शनि तथा मंगल अपनी उच्च राशि में हैं। इन सब के साथ ही पंचम भाव में उच्च का शनि विशिष्ट स्थिति में है। बुध तथा केतु दोनों ही ज्योतिष के आधार ग्रह हैं। उन पर उच्चस्थ शनि की तृतीय दृष्टि भी है। बुध व केतु की इस विशेष स्थिति के कारण जातक प्रकांड विद्वान, सफल ज्योतिषी एवं उच्च बौद्धिक प्रतिभा का धनी है। जन्मपत्रिका में उक्त ग्रहयोग जितनी अधिक प्रबल एवं शुभ स्थिति में होंगे, जातक ज्योतिष विद्या में उतना ही पारंगत होगा एवं अपने पास आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का उचित मार्ग दर्शन करके उसे उसके आने वाले पलों के लिए तैयार कर सकेगा।
best astrologer in India, best astrologer in Chhattisgarh, best astrologer in astrocounseling, best Vedic astrologer, best astrologer for marital issues, best astrologer for career guidance, best astrologer for problems related to marriage, best astrologer for problems related to investments and financial gains, best astrologer for political and social career,best astrologer for problems related to love life,best astrologer for problems related to law and litigation,best astrologer for dispute
No comments:
Post a Comment