आज के आधुनिक युग में जहाॅ सभी प्रकार की सुख-सुविधाएॅ जुटाने का प्रयास हर जातक करता है, वहीं पर उन सुविधाओं के उपयोग से आज की युवा पीढ़ी भटकाव की दिषा में अग्रसर होती जा रही है। पैंरेंटस् जिन वस्तुओं की सुविधाएॅ अपने बच्चों को उपयेाग हेतु मुहैया कराते हैं, वहीं वस्तुएॅ बच्चों को गलत दिषा में ले जाती है। कई बार देखने में आता है कि जो बच्चे बहुत अच्छा प्रदर्षन करते रहे हैं वे भी ठीक अपनी दिषा, अपने अध्ययन तथा लक्ष्य से भटकर अपना पूरा कैरियर खराब कर देते हैं। कई बार माता-पिता इन सभी बातों से पूर्णतः अंज्ञान रहते हैं और कई बार जानते हुए भी कोई हल निकालने में असमर्थ होते हैं। स्कूल षिक्षा तक बहुत अच्छा प्रदर्षन करने वाला अचानक अपने एजुकेषन में गिरावट ले आता है तथा इससे कैरियर में तो प्रभाव पड़ता ही है साथ ही मनोबल भी प्रभावित होता हैं अतः यदि आपके भी उच्च षिक्षा या कैरियर बनाने की उम्र में पढ़ाई प्रभावित हो रही हो या षिक्षा में गिरावट दिखाई दे रही हो तो सर्वप्रथम व्यवहार तथा अपने दैनिक रूटिन पर नजर डालें। इसमें क्या अंतर आया है, उसका निरीक्षण करने के साथ ही अपनी कुंडली किसी विद्धान ज्योतिष से दिखा कर यह पता करें कि क्या कुंडली में राहु या शुक्र प्रभावकारी है। यदि कुंडली में राहु या शुक्र दूसरे, तीसरे, अष्टम या भाग्यस्थान में हो साथ ही इनकी दषा, अंतरदषा या प्रत्यंतरदषा चल रही हो तो गणित या फिजिक्स जैसे विषय की पढ़ाई प्रभावित होती है साथ ही ऐसे लोगों के जीवन में कल्पनाषक्ति प्रधान हो जाती है। पहली उम्र का असर उस के साथ ही राहु शुक्र का प्रभावकारी होना एजुकेषन या कैरियर में बाधक हो सकता है। यदि इस प्रकार की बाधा दिखाइ्र दे तो शांति के लिए भृगुरा पूजन साथ कुंडली के अनुरूप आवष्यक उपाय आजमाने से कैरियर की बाधाएॅ समाप्त होकर अच्छी सफलता प्राप्त की जा सकती है।
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Wednesday, 3 June 2015
कैसे रोके बच्चों के भटकाव को-
आज के आधुनिक युग में जहाॅ सभी प्रकार की सुख-सुविधाएॅ जुटाने का प्रयास हर जातक करता है, वहीं पर उन सुविधाओं के उपयोग से आज की युवा पीढ़ी भटकाव की दिषा में अग्रसर होती जा रही है। पैंरेंटस् जिन वस्तुओं की सुविधाएॅ अपने बच्चों को उपयेाग हेतु मुहैया कराते हैं, वहीं वस्तुएॅ बच्चों को गलत दिषा में ले जाती है। कई बार देखने में आता है कि जो बच्चे बहुत अच्छा प्रदर्षन करते रहे हैं वे भी ठीक अपनी दिषा, अपने अध्ययन तथा लक्ष्य से भटकर अपना पूरा कैरियर खराब कर देते हैं। कई बार माता-पिता इन सभी बातों से पूर्णतः अंज्ञान रहते हैं और कई बार जानते हुए भी कोई हल निकालने में असमर्थ होते हैं। स्कूल षिक्षा तक बहुत अच्छा प्रदर्षन करने वाला अचानक अपने एजुकेषन में गिरावट ले आता है तथा इससे कैरियर में तो प्रभाव पड़ता ही है साथ ही मनोबल भी प्रभावित होता हैं अतः यदि आपके भी उच्च षिक्षा या कैरियर बनाने की उम्र में पढ़ाई प्रभावित हो रही हो या षिक्षा में गिरावट दिखाई दे रही हो तो सर्वप्रथम व्यवहार तथा अपने दैनिक रूटिन पर नजर डालें। इसमें क्या अंतर आया है, उसका निरीक्षण करने के साथ ही अपनी कुंडली किसी विद्धान ज्योतिष से दिखा कर यह पता करें कि क्या कुंडली में राहु या शुक्र प्रभावकारी है। यदि कुंडली में राहु या शुक्र दूसरे, तीसरे, अष्टम या भाग्यस्थान में हो साथ ही इनकी दषा, अंतरदषा या प्रत्यंतरदषा चल रही हो तो गणित या फिजिक्स जैसे विषय की पढ़ाई प्रभावित होती है साथ ही ऐसे लोगों के जीवन में कल्पनाषक्ति प्रधान हो जाती है। पहली उम्र का असर उस के साथ ही राहु शुक्र का प्रभावकारी होना एजुकेषन या कैरियर में बाधक हो सकता है। यदि इस प्रकार की बाधा दिखाइ्र दे तो शांति के लिए भृगुरा पूजन साथ कुंडली के अनुरूप आवष्यक उपाय आजमाने से कैरियर की बाधाएॅ समाप्त होकर अच्छी सफलता प्राप्त की जा सकती है।
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