हर रिश्ते की अपनी अपनी अहमियत होती है। लेकिन जरूरत होती हैं उसे संभाल कर रखने की। प्रेमाघात से केवल भावनात्मक और मानसिक चोट ही लगती हो, बल्कि इससे आपकी सेहत पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। सभी दिल से यही चाहते हैं कि हमारे सभी रिश्ते मजबूत रहें और रिश्तों में प्रेम की गंगा बहती रहे। लेकिन ऐसा हो नहीं पाता। बड़ा गहरा होता है रिश्ता टूटने का दर्द। कुछ लोगों से रिश्ते अच्छे से निभते हैं लेकिन कुछ लोगों से रिश्तों को निभाना कठिन जान पड़ता है और अंततः आपसी कड़वाहट के कारण रिश्ते टूट भी जाते हैं। और सबसे बड़ी बात यह है कि रिश्ते उन्हीं से ज्यादा कड़वे हो जाते हैं जिनसे हमारा सबसे ज्यादा लगाव रहता है। इसे ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखा जाए तो यदि किसी की कुंडली में लग्न, तीसरे, पंचम, सप्तम, दसम या द्वादष स्थान पर शनि हो अथवा सौम्य ग्रह शनि से पापाक्रांत हों और शनि की दषा चले तो नजदीकी रिष्तों में दूरी आती है और ये दूरी इतनी बढ़ जाती है कि बात बे्रकअप तक चली जाती है। अतः यदि रिष्तों में बे्रकअप हो रहा हो तो शनि की शांति करानी चाहिए। इसके लिए मंत्रजाप, दान करना चाहिए।
Pt.P.S.Tripathi
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