विश्वास या अंधविश्वास क्या है आपको जाने अपने ग्रहों से -
जिन कार्यो को भाग्य, किसी अज्ञात भय या बिना तर्क के किया जाता है वह अंधविश्वास की सीमा में आते हैं। अतः किसी भी जातक में आस्था या विश्वास कब अन्धविश्वास में बदल जायेगा इसकी गणना उस जातक की कुंडली के नवम भाव से देखा जाता है यदि नवम भाव और तीसरा भाव कमजोर, नीच या क्रूर ग्रहों से पापाक्रांत हो तो व्यक्ति परेशानी या हताशा की स्थिति में आस्था से अंधविश्वास की राह में चला जाता है... यदि कोई व्यक्ति जरूरत से ज्यादा अंधविष्वासी हो तो उसके तीसरे तथा नवम स्थान का अंकलन कर उसके अनुरूप उपाय करने से इन अंधविष्वासों से छुटकारा पाया जा सकता है....कालपुरूष की कुंडली में नवम स्थान गुरू का है अतः जगत्गुरू श्रीकृष्ण की उपासना, पूजा तथा दही माखन का दान करने से इस प्रकार के अंधविश्वास से बचा जा सकता है...
जिन कार्यो को भाग्य, किसी अज्ञात भय या बिना तर्क के किया जाता है वह अंधविश्वास की सीमा में आते हैं। अतः किसी भी जातक में आस्था या विश्वास कब अन्धविश्वास में बदल जायेगा इसकी गणना उस जातक की कुंडली के नवम भाव से देखा जाता है यदि नवम भाव और तीसरा भाव कमजोर, नीच या क्रूर ग्रहों से पापाक्रांत हो तो व्यक्ति परेशानी या हताशा की स्थिति में आस्था से अंधविश्वास की राह में चला जाता है... यदि कोई व्यक्ति जरूरत से ज्यादा अंधविष्वासी हो तो उसके तीसरे तथा नवम स्थान का अंकलन कर उसके अनुरूप उपाय करने से इन अंधविष्वासों से छुटकारा पाया जा सकता है....कालपुरूष की कुंडली में नवम स्थान गुरू का है अतः जगत्गुरू श्रीकृष्ण की उपासना, पूजा तथा दही माखन का दान करने से इस प्रकार के अंधविश्वास से बचा जा सकता है...
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