Thursday, 21 April 2016

कृषि भूमि का अधिग्रहण और विकास क्या है इसका ज्योतिषीय कारण

विकास के नाम पर देश की हरियाली पर कुठाराघात किया जा रहा है दुनिया का अमीर से अमीर आदमी भी अन्न खाकर ही जीवित रहता है किंतु इसी अन्न को उगाने वाले किसानों से उपजाउ भूमि अधिग्रहित कर सरकार रोड़, नगर, क्रांकीट की जाल बिछाती जा रही है? आज भी हमारा देश कृषि प्रधान देश है और देश के लिए विकास और अनाज दोनो जरूरी है किसानो को शोषण करके देश का विकास संभव नही है। जमीन से पैदावार तो कर सकते है जमीनी दायरे को बढ़ा नही सकते इस देश का विकास तभी संभव है जब किसानों को शिक्षित किया जाएगा, कृषिभूमि को उरवर बनाने के प्रयास किये जाए क्योंकि किसान से विकास के नाम पर जमीन लेकर मुआवजा तो दे देंगे जो खत्म भी हो जायेगी किंतु पीढि़यों तक चलने वाली आजीविका कहाॅ से लायेंगे। विकास हो, खूब हो, देश तरक्की करे, आगे बढे। लेकिन विकास का यह कैसा मार्ग है जिस पर किसान, आदिवासी या गांववालों को दबा कर ही आगे ही बढ़ा जा सकता है। ऐसा क्यों हो रहा है जाने इसका ज्योतिषीय कारण क्या है। जब गुरू राहु से पापाक्रांत हो रहा है तो बुद्धिजीवी कहे जाने वाले लोग आमजन विरोधी क्रियाकलाप कर आम जन के हित से परे कार्य करेंगे। चूॅकि मंगल, सूर्य और शुक्र जैसे ग्रह विपरीत हैं तो ताकतवर लोग कमजोर लोगों के हित से परे कार्य करेंगे। जो कि भविष्य में जन आंदोलन का कारण बनेगा। अतः आमजन की सुविधा और कृषि से जुड़े लोगो के हित को सर्वोपरी रखते हुए कार्य करना ही सत्ता और सरकार के साथ समाज की शांति, समृद्धि और सुख के लिए आवष्यक है।

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