Saturday, 16 April 2016

जांजगीर-चांपा का विष्णु मंदिर जहाँ पत्थरशिल्प बोलते हैं

जिला जांजगीर-चांपा छत्तीसगढ़ के केंद्र में स्थित है और इसलिए यह छत्तीसगढ़ के दिल के रूप में माना जाता है। यह जिला मई 1998 को स्थापित किया गया था। जिला जांजगीर-चांपा के जिला मुख्यालय जांजगीर कलचुरी राजवंश के महाराजा जाँजवाल्य देव का शहर है। जांजगीर-चांपा जिले राज्य छत्तीसगढ़ में खाद्यान्नों का एक प्रमुख उत्पादक है। जांजगीर जिले के विष्णु मंदिर इस जिले के सुनहरे अतीत को दर्शाता है। विष्णु मंदिर वैष्णव समुदाय का एक प्राचीन कलात्मक नमूना है।
जाज्वल्य देव की नगरी जांजगीर में लाल बलुआ पत्थरों से निर्मित विष्णुमंदिर, जो कि इस समय ‘‘नकटा’’ मंदिर के रूप मेें जाना जाता है, यहां पत्थरशिल्प बोलते हैं। मंदिर में जड़े पत्थर शिल्प में पुरातनकालीन परंपरा को दर्शाया गया है। यह मंदिर कल्चुरी काल की मूर्तिकला का अनुपम उदाहरण है, जिसे 12 वीं शताब्दी में निर्माण की मान्यता है।
जांजगीर-चांपा जिले की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक उपलब्धियों का देश के इतिहास निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जिले के प्राचीन मंदिरों में कला के वे नमूने हैं, जहां कोई लिपिबद्ध इतिहास न कहकर साक्षात् स्वरूप के दर्शन होते हैं। सर्वाधिक प्राचीन होने का श्रेय किसे है, यह तो क्रमश: परिवर्तित सत्य है, किन्तु इतिहास के झरोखों में जाज्वल्य देव द्वारा निर्मित विष्णु मंदिर प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, जिसका निर्माण 12 वीं शताब्दी में होना बताया जाता है। विष्णु मंदिर कचहरी चौक से आधा किलोमीटर की दूरी पर जांजगीर की पुरानी बस्ती के समीप है। यह मंदिर कल्चुरी कालीन मूर्तिकला का अनुपम उदाहरण है। लाल बलुआ पत्थरों से निर्मित इस मंदिर की दीवारें भगवान विष्णु के अनेकों रूपों के अलावा अन्य देवताओं कुबेर, सूर्यदेव, ऋषि मुनियों, देवगणिकाओं की मूर्तियों से सुसज्जित किन्तु खंडित है। विष्णु मंदिर के पास ही कल्चुरी काल का एक शिव मंदिर भी है। मंदिर का अधिष्ठान पांच बंधनों में विभक्त है। नीचे के बंधन सादे किन्तु उपरी बंधनों में रत्न पुष्प अलंकरण है। अधिष्ठान के पश्च में गजधर दो भागों में विभक्त है। अंतराल और गर्भगृह के भद्ररथों पर देव कोष्ठ हैं। कर्णरथों पर दिपाल एवं अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं उकेरी गई है।
विष्णु मंदिर के अधूरा होने के कारण यहां के मूल निवासी इसे ‘नकटा मंदिर’ भी कहते हैं। मंदिर के आसपास सैकड़ों प्राचीनकालीन मूर्तियां धूल खाती पड़ी हुई है, जबकि कई मूर्तियों को पुरानी बस्ती के लोगों ने अपने घरों में रख लिया है। विष्णु मंदिर के बगल में ही विशाल भीमा तालाब है। सैकड़ों एकड़ क्षेत्रफल में फैल भीमा तालाब को भीम ने बनाया था, ऐसी मान्यता है। शहर के प्रबुद्ध लोग कहते है कि विष्णु मंदिर आज संरक्षण की आवश्यकता है और साथ ही इसमें छुपे अप्रतिम इतिहास को भी प्रचारित करने की आवश्यकता है।
कैसे पहुंचें:
जिला जांजगीर-चांपा राजधानी रायपुर से महज १६० कि.मी. दूर है एवं ट्रेन तथा बस दोनों माध्यम से पहुंचा जा सकता है। जांजगीर-चांपा के लिए ट्रेन अथवा बस दोनों में ३ से ४ घण्टे का समय लगता है।

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