सीरियाई गृहयुद्ध
शनि की महादशा में शनि के अंतर में सीरियाई युद्ध की शुरूआत हुई। सितंबर २०१७ के बाद जब बुध का अंतर शुरू होगा तब आमजन खुलकर सत्ता के विरोध में आयेंगे और संभव है कि सत्तापलट कर ही डालें। साथ ही यहां की जनता अब आंतकी संगठनों के विरोध में भी खड़े हो जायें।
सीरियाई गृहयुद्ध जो कि सीरियाई विद्रोह या सीरियाई संकट के नाम से भी जाना जाता है, सीरिया में सत्तारूढ़ ‘‘बाथ सरकार’’ के समर्थकों एवं विपक्षियो के बीच चल रहा सशस्त्र संघर्ष है। यह संघर्ष 15 मार्च,2011 को लोक-सम्मत प्रदर्शनों के साथ शुरू हुआ एवं अप्रैल, 2011 तक पूरे देश में फैल गया। यह प्रदर्शन समस्त उत्तर-पूर्व में चल रही अरब क्रांति का हिस्सा थे। विरोधकर्ताओं की मांगें थी की राष्ट्रपति बशर-अल-अस्सद, जो कि 1971 से सीरिया में सत्तारूढ़ थे, पदत्याग करें एवं बाथ पार्टी का शासन, जो कि 1963 से आ रहा है, का अंत हो।
अप्रैल, 2011 में सीरियाई सेना को क्रांति के निर्देष मिले, तथा सैनिकों ने पूरे देश में प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं। महीनों की सैन्य घेराबंदी के बाद यह विरोध सशस्त्र विद्रोह में बदल गया। आज विपक्षी ताकतें, जो कि मुख्यत: विरोधी सैनिकों एवं नागरिकों से बनीं हैं एक केन्द्रीय नेतृत्व के बिना हैं। पूरे देश के कई छोटे-बड़े नगरों में चल रहा यह विद्रोह असममात्रिक है। 2011 के अन्त में विपक्षी ताकतों में इस्लामी संगठन जबात-उल-नसरा का बढ़ता प्रभाव देखा गया। सन 2013 में हिजबुल्ला ने सीरियाई सेना की ओर से जंग में प्रवेश किया। सीरियाई सरकार को रूस एवं ईरान से सैनिक सहायता प्राप्त है, जबकि विद्रोहियों को कतर एवं सउदी अरब से हथियारों की पूर्ती हो रही है। जुलाई 2013 तक सीरियाई सरकार देश की 30-40 प्रतिशत भूमि व 60 प्रतिशत जनता पर शासन कर रही है, जबकि विप्लवियों के नियंत्रण में देश के उत्तर एवं पूर्व में भूमि है।
अरब संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ, एवं अन्य देशों ने प्रदर्शनकारियों पर हिंसा के प्रयोग कि निंदा की। अरब संघ ने इस संकट पर राज्य की प्रतिक्रिया के कारण सीरिया को संघ से निकाल दिया, एवं उसकी जगह सीरियाई राष्ट्रीय गठबंधन, सीरिया के राजनीतिक विपक्षी समूहों के एक गठबंधन, को 6मार्च 2013 को संघ में जगह दी।
शनि की महादशा में शनि के अंतर में सीरियाई युद्ध की शुरूआत हुई। सितंबर २०१७ के बाद जब बुध का अंतर शुरू होगा तब आमजन खुलकर सत्ता के विरोध में आयेंगे और संभव है कि सत्तापलट कर ही डालें। साथ ही यहां की जनता अब आंतकी संगठनों के विरोध में भी खड़े हो जायें।
सीरियाई गृहयुद्ध जो कि सीरियाई विद्रोह या सीरियाई संकट के नाम से भी जाना जाता है, सीरिया में सत्तारूढ़ ‘‘बाथ सरकार’’ के समर्थकों एवं विपक्षियो के बीच चल रहा सशस्त्र संघर्ष है। यह संघर्ष 15 मार्च,2011 को लोक-सम्मत प्रदर्शनों के साथ शुरू हुआ एवं अप्रैल, 2011 तक पूरे देश में फैल गया। यह प्रदर्शन समस्त उत्तर-पूर्व में चल रही अरब क्रांति का हिस्सा थे। विरोधकर्ताओं की मांगें थी की राष्ट्रपति बशर-अल-अस्सद, जो कि 1971 से सीरिया में सत्तारूढ़ थे, पदत्याग करें एवं बाथ पार्टी का शासन, जो कि 1963 से आ रहा है, का अंत हो।
अप्रैल, 2011 में सीरियाई सेना को क्रांति के निर्देष मिले, तथा सैनिकों ने पूरे देश में प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं। महीनों की सैन्य घेराबंदी के बाद यह विरोध सशस्त्र विद्रोह में बदल गया। आज विपक्षी ताकतें, जो कि मुख्यत: विरोधी सैनिकों एवं नागरिकों से बनीं हैं एक केन्द्रीय नेतृत्व के बिना हैं। पूरे देश के कई छोटे-बड़े नगरों में चल रहा यह विद्रोह असममात्रिक है। 2011 के अन्त में विपक्षी ताकतों में इस्लामी संगठन जबात-उल-नसरा का बढ़ता प्रभाव देखा गया। सन 2013 में हिजबुल्ला ने सीरियाई सेना की ओर से जंग में प्रवेश किया। सीरियाई सरकार को रूस एवं ईरान से सैनिक सहायता प्राप्त है, जबकि विद्रोहियों को कतर एवं सउदी अरब से हथियारों की पूर्ती हो रही है। जुलाई 2013 तक सीरियाई सरकार देश की 30-40 प्रतिशत भूमि व 60 प्रतिशत जनता पर शासन कर रही है, जबकि विप्लवियों के नियंत्रण में देश के उत्तर एवं पूर्व में भूमि है।
अरब संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ, एवं अन्य देशों ने प्रदर्शनकारियों पर हिंसा के प्रयोग कि निंदा की। अरब संघ ने इस संकट पर राज्य की प्रतिक्रिया के कारण सीरिया को संघ से निकाल दिया, एवं उसकी जगह सीरियाई राष्ट्रीय गठबंधन, सीरिया के राजनीतिक विपक्षी समूहों के एक गठबंधन, को 6मार्च 2013 को संघ में जगह दी।
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