बारहवां घर खुले आकाश का, व्यय का तथा मोक्ष का भाव है। शनि बारहवें घर का शनि व्यक्ति को असाधारण बनाता है, वह नेक भी हो सकता है बद भी। इस घर के शनि वाला व्यक्ति बिना किसी खास कारण के अपने को संतुष्ट महसूस नहीं करता। शनि व्यक्तिगत विकास का सूचक है। बारहवें घर में बैठा शनि इस बात की ओर संकेत करता है कि अभी बीते पिछले जन्म में व्यक्ति अपनी जिंदगी का उद्देश्य अधूरा छोड़कर मरा है। महारानी झांसी और नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के बारहवें घर में शनि था। दोनों उच्च मकसद के लिए लड़े। उनकी महानता इस बात में है कि उन्होंने अपनी ताकत से बड़ा मकसद चुना। वह चेलों को मठ स्थापित करके नहीं पालता, बल्कि चेले अपना खाना पीना साथ लेकर चलते हैं। उपाय शराब, गोश्त और झूठ से परहेज करें। किसी का जूठा न खाएं। अगर शनि नीच होकर अशुभ फल दे तो अपने घर के पूरब दक्षिण कोने में 12 साबुत बादाम जमीन में दबा दें। राहु काल पुरूष की कुण्डली में बारहवां घर मीन राशि का है और यह घर खुला आकाश होता है। यहां राहु केवल धुआं बन जाता है। बारहवें घर के राहु होने पर व्यक्ति कोई भ्रम पाल लेता है, ऐसे व्यक्ति को सुख चैन नहीं मिलता। लाल किताब में इस राहु को शेख चिल्ली कहा गया है। गोचर के समय ऐसा राहु दिमाग में अनेक योजनाएं बनाता है परन्तु वे सब बेकार जाती हैं। ऐसा राहु बेकार खर्च करवाता है। मंगल का होना शुभ फल देता है। बारहवें घर में राहु मंगल योग को हाथी अंकुश योग कहा जा सकता है। मंगल बृहस्पति का सहारा लेकर राहु पर नियन्त्रण कर सकता है। उपाय -अपनी आय का कुछ भाग बहन बेटी के लिए खर्च करना दौलत में बरकत लाएगा। -छोटी सी बोरी में मंगल की कारक वस्तु चीनी या सौंफ भरकर सोने वाले कमरे में रखना। -अपने घर में रसोई में बैठकर भोजन करने से मंगल प्रसन्न होता है और राहु को कोई शरारत नहीं करने देता। केतु काल पुरूष की कुंडली में बारहवें घर में बृहस्पति का चेला केतु अपने गुरू की मीन राशि में बैठा अलौकिक समाधि में लीन होता है। उसके विचार आध्यात्मिक होते हैं। वह ऐसा दरवेश हो जाता है जो अपनी नजर से नर औलाद भी देता है और धन की बरकत भी। यहां केतु के साथ गुरू होना योग और रूहानी रूचि को दिखाता है। केतु को मोक्ष का कारक माना गया है। बारहवें घर में केतु होने से विदेशों में किस्मत जागने की पूरी संभावना होती है। केतु के साथ सूर्य चंद्र मंगल न होना शुभ है। पुत्र जन्म के छठे या बारहवें साल में किस्मत जाग उठती है। पुत्रों के साथ मिलकर काम करना शुभ फल देता है। छठे घर में मंगल बैठा हो तो कुछ रुकावटें आती हैं। उपाय -किसी निःसंतान व्यक्ति की जमीन या मकान न खरीदें। -काले रंग का कुत्ता पालें। कुत्ता मर जाने पर 43 दिन के अंदर नया कुत्ता ले आएं। कुत्तों की सेवा करें। -पुत्रों के साथ अच्छे सम्बन्ध रखें।
best astrologer in India, best astrologer in Chhattisgarh, best astrologer in astrocounseling, best Vedic astrologer, best astrologer for marital issues, best astrologer for career guidance, best astrologer for problems related to marriage, best astrologer for problems related to investments and financial gains, best astrologer for political and social career,best astrologer for problems related to love life,best astrologer for problems related to law and litigation,best astrologer for dispute
No comments:
Post a Comment