Saturday, 3 October 2015

भ्रष्टाचार का कारण



भ्रष्टाचार का सबसे बडा कारण कम प्रयास में ज्यादा की चाह और अपनी क्षमता, भाग्य और पुरुषार्थ की तुलना में जल्दी साधन संपन्न बनना और धन लोलुपता है। हमारे शास्त्र में जहा मान्य था की साई इतना दीजिए जामे कुटुंब समाय मैं भी भूखा न रहूँ साधू न भूखा जाय पर अब इससे उलट भूख समाप्त होने का नाम ही नहीं लेती। इसमें कोई संदेह नहीं कि नैतिक, वैचारिक, आत्मिक और चारित्रिक पवित्रता, भ्रष्टाचार के रक्तबीज का नाश करने में सक्षम होगी और एक सार्थक सामाजिक परिवेश का सृजन करेगी, किन्तु इसका समाप्त हो पाना कठिन है क्यूंकि भारत की कुंडली में लग्न का राहू उच्च स्तर पर चारित्रिक पवित्रता का निर्माण नहीं करेगा और इस प्रकार सुचिता बना पाना मुश्किल है। इसे समाप्त करने के लिए सभी के जीवन में चाहे वे राजनीति में हों या समाजिक क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में हों या प्रशासनिक क्षेत्र में जीवन में सुचिता तथा नैतिकता का निमार्ण कर भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सकता है सके लिए शनि, राहु एवं गुरू की शांति कराना तथा मंत्रजाप कराना चाहिए।
Pt.P.S.Tripathi
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