Thursday, 8 October 2015

आई.ए.एस एवं उच्च प्रशासनिक अधिकारी बनने के ग्रह योग एवं संबंधित कुंडली विवेचन

जब तक किसी जातक की जन्मपत्री में ग्रह योग उच्च प्रशासनिक कार्य करने हेतु न बनते हों, तब तक जातक अथक प्रयास करने के बावजूद भी उच्च प्रशासनिक अधिकारी बनकर राज्य पद प्राप्त नहीं कर पाता । यदि पत्रिका में ग्रहयोग उच्च राजकीय प्रशासनिक पद पर कार्य करते की ओर इंगित कर रहे हों, तो जातक को थोड़े प्रयास से ही राजकीय पद दिलाने वाले ग्रहों की महादशा व अंतर्दशा में अवश्य ही सफलता मिलती है । यदि इस बात का ज्ञान पूर्व से हो जावे, कि जातक को उच्च राजकीय प्रशासनिक या आई.ए.एस. जैसे पद मिलने की संभावना है, तो जातक अपना सम्पूर्ण ध्यान उस ओर लगाकर सफलता प्राप्त कर सकता है ।
1.आई.ए.एस. जैसे प्रतिष्ठित सेवा में चयन हेतु कुंडली में सूर्य,गुरु,मंगल,राहु एवं चंद्रमा जैसे ग्रहों का बलिष्ठ होना अनिवार्य पाया गया है । यदि भाव 11 का स्वामी भाव 9 में हो व भाव 10 के स्वामी से युति या दृष्ट-करता हो तो जातक आई.ए.एस. बन सकता है। यदि पत्रिका में लग्नेश लग्न को देखे, साथ ही भाग्येश केन्द्र 1,4,7, 10 भाव या त्रिकोंण 5,9 भाव में हो, तो भी इस सर्विस का योग बनता है । भाव 2 का स्वामी यदि भाव 11 लाभ स्थान में होकर भाव 10 के स्वामी से दुष्ट हो अथवा भाव 10 के स्वामी के साथ हो, तो भी इस सर्विस में सफल होना की संभावना होती है। भाव 9 में उच्च का गुरु या शुक्र हो और उस पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो, सूर्य अच्छी स्थिति का हो, तो जातक इन्ही ग्रहों की दशा या अंर्तदशा में उच्च पदाधिकारी आईएएस आफीसर बनता है । भाव 10 का स्वामी यदि केन्द्र या त्रिकोंण में शुभ दृष्ट पर हो, तो भी जातक को उच्च राजकीय पद दिलाता है । यदि लग्नेश और दशमेश स्वग्रही या उच्च के होकर केन्द्र या त्रिकॉंण में हों और गुरु उच्च का या स्वग्रही हो, तो भी जातक की आईएएस अधिकारी बनने की प्रबल संभावना होती है । यदि तीन "या चार ग्रह उच्च या मूल त्रिकोंण में बली हों, तो भी जातक को उच्च राजकीय पद मिलने की संभावना रहती है ।यदि केन्द्र में, विशेषकर लग्न में सूर्य और बुध हों और गुरु की शुभ दृष्टि इन पर हो, तो जातक प्रशासनिक सेवा में उच्च पद प्राप्त करता है। यदि मेष लग्न हो तथा चंद्रमा, मंगल,गुरु तीनों अच्छे अंशों में हों, तो भी जातक को राजकीय सेवा में उच्च पद दिलाते हैं । यदि इन्हें पर कहीं सूर्य की दृष्टि हो या इससे युति हो रही हो, तो भी जातक उच्च राजकीय सेवा में जाकर काफी नाम कमाता है । यदि मेष लग्न हो और लग्न में मंगल व गुरू का किस भी रुप में संबंघं हो रहा हो, तब भी जातक उच्च राजनीतिक प्रद प्राप्त करता है । मेष लग्न में ही यदि भाव 11 में चंद्र और गुरु हों तथा उनपर शुभ ग्रह की दृष्टि हो,तो जातक उच्च शासनाघिकारी बन यश प्राप्त करता है |

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