पांच प्रकार के हाथ पाये जाते है। ऐसे व्यक्ति सेना, वाहन उद्योग, इंजीनियरी, खदान, लखाो आदि के कायों में सफल रहते हैं। ऐसे व्यक्ति अच्छे समाज सेवक द्री हाते है।ं ऐसे व्यक्ति पुलिस के कार्य, खेल-कूद या अध्यापक का कार्य दक्षता से कर के उन्नति करते हैं। ऐसे व्यक्ति अद्रिनेता, संगीतकार, संपत्ति की खरीद-फरोखत, अतः सज्जा आदि कामों में उन्नति करते हैं। ऐसे व्यक्ति लेखाकार, प्रकाशक, ग्रथकार, योग के शिक्षक, सलाहकर बन कर उन्नति करते हैंं। ऐसे व्यक्ति विपणन प्रबंधक, आशुलिपिक, सचिव आदि कार्यों में उन्नति करते हैं। यदि गुरु का पर्वत उठा हुआ और सुदृढ हो, तो वह व्यक्ति बहुत महत्वाकांक्षी होता है और सरकारी नौकरी या राजनीति में उच्च पद पर रहता है। ऐसे व्यक्ति धार्मिक कार्यों में द्री बहुत रुचि लेते हैं। जब गरुु आरै शनि के पवर्त साथ-साथ हों तो व्यक्ति सीमटें , रते , और सगंममर्र आदि का कारखाना लगा सकता है, या उससे सबंंिधत कार्य करे तो अच्छी उन्नति की संद्रावना रहती है। गुरु के पर्वत के साथ यदि सूर्य का पर्वत द्री अच्छा हो, तो ऐसे व्यक्तियों को चित्रकारी, साज-सज्जा, स्त्रियों से सबंंिधत कपडे़ या द्रटें दने वाली वस्तुओं के काम में अधिक सफलता मिलती है। गुरु के पर्वत के साथ बुध का पर्वत द्री यदि पुष्ट हो, तो ऐसे व्यक्ति चिकित्सक, वकील, बीमा एजेंट आदि का कार्य करते हैं या पुरुषों के कपड़ों का व्यापार करते हैं। गुरु के पर्वत के साथ यदि मंगल का पर्वत द्री पुष्ट हो, तो व्यक्ति द्रवन निर्माण, वाहन उत्पादन, कृषि संबंधी औजार उत्पादन, या जासूसी कार्य में सफल होते हैं। गुरु के साथ यदि शुक्र का पर्वत द्री अच्छा हो, तो ऐसे व्यक्ति होटल व्यापार, संगीत संबंधी वाद्य यंत्र, घरेलू फर्नीचर, गहनों के व्यापारो में अधिक उन्नति करते हैं। यहां यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि गुरु के पर्वत के साथ यह द्री देखना चाहिए कि हाथ की बनावट कैसी है। यदि गुरु के पुष्ट पर्वत शुद्र चिकने हाथ में हैं, तो व्यक्ति अधिकारी के पद पर आसीन होगा। साधारण हाथ वाला प्रबधंक, खजांची, या रेस्टोरंटे का स्वामी होगा तथा कठोर हाथ वाला आशुलिपिक, क्लर्क आदि के पद पर रह सकता हैं। यही सिद्धांत अन्य ग्रहों के पर्वतों के लिए द्री कार्य करेगा। शनि का पवर्त यदि प्रबल तो व्यक्ति वैज्ञानिक, चिकित्सक, या इंजीनियर हो सकता ह।ै उसे बाग-बगीचा लगाने में द्री रुचि रहेगी। शनि पर्वत के साथ सूर्य पर्वत द्री पुष्ट हो, तो व्यक्ति बिजली के सामान, जैसे जनरेटर, फ्रीजर, कपड़े धाने की मशीन आदि का उत्पादन या व्यापार करेगा। शनि पर्वत के साथ बुध पर्वत द्री यदि पुष्ट हो, तो वह उन्नत ढंग से खेती करेगा। बीज या शक्कर का व्यापार करने से उसे सफलता मिलेगी। अकेले बुध के पर्वत के पुष्ट रहने पर व्यक्ति दवाइयों , बैकिंग, या कानूनी पुस्तकों के व्यापार में उन्नति कर सकता है। अकेले मंगल का पर्वत पुष्ट होने पर व्यक्ति सेना, पुलिस, खेल-कूद, द्रवन निर्माण आदि कार्यों में अधिक उन्नति कर सकता है। चंद्र पर्वत के पुष्ट होने पर व्यक्ति संगीत, यात्रा संबंधी कार्यों में रुचि लेगा। शुक्र का पर्वत पुष्ट होने पर संगीत, सजावट, श्रृंगार की दुकान आदि का कार्य कर के उन्नति कर सकता हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि किसी द्री पर्वत के साथ यदि गुरु व सूर्य का पर्वत द्री पुष्ट हो, तो ऐसा व्यक्ति सरकारी सेवा में अधिक उन्नति कर सकता है। जिसकी मस्तिष्क रेखा के अंत में चतुष्कोण हो, रेखा चंद्र क्षेत्र की ओर झुके तो, उसे प्रतिदिन प्राणायाम, ध्यान करने की सलाह देनी चाहिए, जिससे उसका मानसिक तनाव कम हो।
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