अम्बिकापुर-रामानुजगंज मार्ग पर अम्बिकापुर से लगभग 80 किमी. दूर राजमार्ग से दो फलांग पश्चिम दिशा मे एक गर्म जल स्त्रोत है। इस स्थान से आठ से दस गर्म जल के कुन्ड है। इस गर्म जल के कुन्डो को सरगुजिया बोली मे तातापानी कहते है। ताता का अर्थ है- गर्म। इन गर्म जलकुंडो मे स्थानीय लोग एवं पर्यटक चावल ओर आलु को कपडे मे बांध कर पका लेते है तथा पिकनिक का आनंद उठाते है। इन कुन्डों के जल से हाइड्रोजन सल्फाइड जैसी गन्ध आती है। एसी मान्यता है कि इन जल कुंडो मे स्नान करने व पानी पीने से अनेक चर्म रोग ठीक हो जाते है। इन दुर्लभ जल कुंडो को देखने के लिये वर्ष भर पर्यटक आते रहते है।
तातापनी में दशकों से मकरसक्रांति के अवसर पर तातापानी में मेला लगता आ रहा है। शुरूआती वर्षो में यह किसी बड़े गांव का सप्ताह में लगने वाला एक दिन का हॉट बाजार जैसा मेला हुआ करता था लेकिन कालांतर में यह मेला प्रसिद्घि पा चुका है और छत्तीसगढ़ के साथ ही झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश से भी लोग यहां के सक्रांति मेला में पहुंचते हैं। मेले को अब तातापानी महोत्सव का नाम दिया गया है। पहले यहां का सक्रांति मेला दो दिन का लगता था लेकिन अब महोत्सव को तीन दिन का आयोजित किया जाता है। जहां बाहर से आने वाले परिवारों के सदस्य सुरक्षित और विकसित रूप से तैयार स्थलों मे गर्मपानी से स्नान कर प्राकृति का सही आनंद ले सकते हैं। इन स्थलों को हॉट वाटर रिजार्ट के रूप में विकसित किया गया है। तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव का आयोजन 13 से 15 जनवरी तक किया जाता है।
तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव में हर रोज शाम को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाती है जिसमें देश के नामचिन कलाकार अपनी प्रस्तुति देते हैं।
तातापानी गर्म जल स्रोत वर्षों से अपने गर्म जल के विशेष गुणों के कारण प्रसिद्ध है। तातापानी के गर्म जल में नहाने से चर्मरोग दूर हो जाते हैं। इस खूबी के कारण यहां चर्मरोग पीडि़त बड़ी संख्या में पहुंचते हैं एवं गर्म जल से नहाते हैं। दरअसल तातापानी क्षेत्र प्राकृतिक सल्फर का बड़ा भंडार है। दशकों पूर्व यहां सल्फर निकालने के लिए बोर करने की कोशिश भी की गई थी, लेकिन गहराई में उच्चताप क्षमता वाले बोर उपकरणों के खराब हो जाने के कारण इसपर काम नहीं हो पाया। सल्फर के बड़े भंडार से होकर उच्च दबाव के प्राकृतिक जल के बाहर आने के कारण यहां का पानी गर्म है एवं प्राकृतिक सल्फर के कारण ही चर्मरोग ठीक होते हैं। यहां बाद में शिवमंदिर का भी निर्माण कराया गया जो संक्राति मेले में श्रद्धालुओं से भरा रहता है।
छत्तीसगढ़ के एक मात्र गर्म जल स्त्रोत तातापानी को पर्यटन नक्शे पर स्थापित करने बलरामपुर जिला प्रशासन ने अभिनव पहल की शुरूआत की है। प्रशासन यहां हॉट वाटर रिजार्ट और आयुर्वेद के पंचकर्म की सुविधा तथा स्पा खोलने के तैयारी में है। पर्यटन विभाग से सैद्घांतिक रूप से सहमति भी मिल चुकी है। कोशिश की जा रही है कि ऐसे भव्य मंदिर का निर्माण कराया जाए,जहां शिव जी की जटा से गर्मजल अविरल प्रवाहित होते रहे।
तातापनी में दशकों से मकरसक्रांति के अवसर पर तातापानी में मेला लगता आ रहा है। शुरूआती वर्षो में यह किसी बड़े गांव का सप्ताह में लगने वाला एक दिन का हॉट बाजार जैसा मेला हुआ करता था लेकिन कालांतर में यह मेला प्रसिद्घि पा चुका है और छत्तीसगढ़ के साथ ही झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश से भी लोग यहां के सक्रांति मेला में पहुंचते हैं। मेले को अब तातापानी महोत्सव का नाम दिया गया है। पहले यहां का सक्रांति मेला दो दिन का लगता था लेकिन अब महोत्सव को तीन दिन का आयोजित किया जाता है। जहां बाहर से आने वाले परिवारों के सदस्य सुरक्षित और विकसित रूप से तैयार स्थलों मे गर्मपानी से स्नान कर प्राकृति का सही आनंद ले सकते हैं। इन स्थलों को हॉट वाटर रिजार्ट के रूप में विकसित किया गया है। तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव का आयोजन 13 से 15 जनवरी तक किया जाता है।
तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव में हर रोज शाम को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाती है जिसमें देश के नामचिन कलाकार अपनी प्रस्तुति देते हैं।
तातापानी गर्म जल स्रोत वर्षों से अपने गर्म जल के विशेष गुणों के कारण प्रसिद्ध है। तातापानी के गर्म जल में नहाने से चर्मरोग दूर हो जाते हैं। इस खूबी के कारण यहां चर्मरोग पीडि़त बड़ी संख्या में पहुंचते हैं एवं गर्म जल से नहाते हैं। दरअसल तातापानी क्षेत्र प्राकृतिक सल्फर का बड़ा भंडार है। दशकों पूर्व यहां सल्फर निकालने के लिए बोर करने की कोशिश भी की गई थी, लेकिन गहराई में उच्चताप क्षमता वाले बोर उपकरणों के खराब हो जाने के कारण इसपर काम नहीं हो पाया। सल्फर के बड़े भंडार से होकर उच्च दबाव के प्राकृतिक जल के बाहर आने के कारण यहां का पानी गर्म है एवं प्राकृतिक सल्फर के कारण ही चर्मरोग ठीक होते हैं। यहां बाद में शिवमंदिर का भी निर्माण कराया गया जो संक्राति मेले में श्रद्धालुओं से भरा रहता है।
छत्तीसगढ़ के एक मात्र गर्म जल स्त्रोत तातापानी को पर्यटन नक्शे पर स्थापित करने बलरामपुर जिला प्रशासन ने अभिनव पहल की शुरूआत की है। प्रशासन यहां हॉट वाटर रिजार्ट और आयुर्वेद के पंचकर्म की सुविधा तथा स्पा खोलने के तैयारी में है। पर्यटन विभाग से सैद्घांतिक रूप से सहमति भी मिल चुकी है। कोशिश की जा रही है कि ऐसे भव्य मंदिर का निर्माण कराया जाए,जहां शिव जी की जटा से गर्मजल अविरल प्रवाहित होते रहे।
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