Monday, 7 September 2015

सावन सोमवार व्रत

सावन सोमवार के व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। प्राचीन शास्त्रों के अनुसार सोमवार के व्रत तीन तरह के होते हैं। सोमवार, सोलह सोमवार और सौम्य प्रदोष। सोमवार व्रत की विधि सभी व्रतों में समान होती है। इस व्रत को सावन माह में आरंभ करना शुभ माना जाता है।
सावन सोमवार व्रत सूर्योदय से प्रारंभ कर तीसरे पहर तक किया जाता है। शिव पूजा के बाद सोमवार व्रत की कथा सुननी आवश्यक है।
* व्रत करने वाले को दिन में एक बार भोजन करना चाहिए।
* सावन सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में सोकर उठें।
* पूरे घर की सफाई कर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं।
* गंगा जल या पवित्र जल पूरे घर में छिडक़ें।
* घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
* पूरी पूजन तैयारी के बाद निम्न मंत्र से संकल्प लें- ‘‘मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं सोमव्रतं करिष्ये’’
* इसके पश्चात निम्न मंत्र से ध्यान करें-
ध्यायेन्नित्यंमहेशं रजतगिरिनिभं चारुचंद्रावतंसं रत्नाकल्पोज्ज्वलांग परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्।
पद्मासीनं समंतात्स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं विश्वाद्यं विश्ववंद्यं निखिलभयहरं पंचवक्त्रं त्रिनेत्रम्।।
* ध्यान के पश्चात ‘‘ऊँ नम: शिवाय’’ से शिवजी का तथा ‘‘ऊँ नम: शिवायै’’ से पार्वतीजी का षोडशोपचार पूजन करें।
* पूजन के पश्चात व्रत कथा सुनें।
* तत्पश्चात आरती कर प्रसाद वितरण करें।
* इसकें बाद भोजन या फलाहार ग्रहण करें।
सावन सोमवार व्रत फल:
* सोमवार व्रत नियमित रूप से करने पर भगवान शिव तथा देवी पार्वती की अनुकम्पा बनी रहती है।
* जीवन धन-धान्य से भर जाता है।
* सभी अनिष्टों का भगवान शिव हरण कर भक्तों के
कष्टों को दूर करते हैं।
सावन के महीने में सोमवार का विशेष महत्व होता है। इसे भगवान शिव का दिन माना जाता है। इसलिए सोमवार के दिन शिव भक्त शिवालयों में जाकर शिव की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। इस वर्ष सावन के महीने में चार सोमवार है। इन चारों सोमवार का अपना विशेष महत्व है।
सावन का पहला सोमवार: बाधाओं से मुक्ति पाएं:
सावन का पहला सोमवार एक साथ दो शुभ योग लेकर आया है। इस दिन शोभन योग बन रहा है। साथ ही अमृत योग भी कुछ समय तक रहेगा। माना जाता है कि इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से बाधाओं से मुक्ति मिलती है और योजनाओं को पूरा करने में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
शोभन योग के विषय में माना जाता है कि इस योग में जन्म लेने वाले बच्चे धैर्यवान और ज्ञानी होते हैं। इस योग में अगर कोई काम शुरू करेंगे तो कार्य लंबे समय तक चलता रहेगा। इसलिए नया व्यवसाय और लंबी अवधि की योजनाओं को शुरू करने के लिए सावन का पहला सोमवार उत्तम है।
सावन का दूसरा सोमवार: शिव से पाएं स्वास्थ्य और बल
सावन का दूसरा सोमवार भी सर्वार्थ सिद्घ योग लेकर आ रहा है। इसके साथ ही इस दिन अमृत सिद्ध नामक योग भी बन रहा है। इस दोनों योगों के कारण सावन का दूसरा सोमवार विशेष फलदायक बन गया है। इस दिन भगवान शिव की पूजा से बल एवं स्वास्थ्य की प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त करें। इस सोमवार के दिन भगवान शिव को भांग, धतूरा एवं शहद अर्पित करना उत्तम फलदायी रहेगा।
सावन का तीसरा सोमवार: शिव मंत्र की सिद्घि करें
सावन का तीसरा सोमवार शिव योग लेकर आ रहा है। इस योग को साधना और भक्ति के लिए उत्तम माना गया है। शिव भक्त इस दिन भगवान शिव के मंत्रों का जप करके मंत्र सिद्घि प्राप्त कर सकते हैं। माना जाता है कि शिव योग में भगवान शिव की पूजा करने से कठिन कार्य भी आसानी से बन जाता है।
सर्वोत्तम है सावन का चौथा सोमवार
सावन का चौथा सोमवार प्रदोश व्रत को साथ लेकर आ रहा है। प्रदोष व्रत भी भगवान शिव को समर्पित होता है इसलिए इस सोमवार का महत्व और भी बढ़ गया है। शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में प्रदोष व्रत के दिन खासतौर पर सोमवार भी हो तो शिव की पूजा करने से अन्य दिनों की अपेक्षा कई गुणा पुण्य प्राप्त होता है।
इस दिन भक्ति पूर्वक शिव की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है। कार्य क्षेत्र एवं जीवन के दूसरे क्षेत्रों में आने वाली बाधाओं का निवारण होता है। जीवन पर आने वाले संकट टल जाते हैं।
इसके अलावा इस दिन वैधृति योग एवं रवि योग भी बन रहा है। इस शुभ योग में भगवान शिव की पूजा करने से दांपत्य जीवन में आपसी प्रेम और सहयोग बढ़ता है। आर्थिक परेशानियों में कमी आती है तथा जीवन पर आने वाले संकट से भगवान शिव रक्षा करते हैं।
माना जाता है कि सावन माह में हर सोमवार को किया जाने वाला शिवपूजन आम दिनों के पूजा की तुलना में 108गुना अधिक शक्तिशाली एवं प्रभावशाली होता है। सभी श्रद्धालु इस दिन श्रावण सोमवार व्रत करते है और भगवान शिव की पूजा करते है। इस बार सावन में कुल 29 दिनों है ज?िनमें इस बार 4 सोमवार के अलावा, सर्वार्थ सिद्धि योग, कामिका एकादशी, पुष्य योग, अमृत योग, आयुष्मान योग एवं प्रदोष व्रत भी आ रहे हैं।
इस दरम्यान श्रावण मास में कई शुभ योगों, मुहूर्त और पर्वों का संयोग बन रहा है। सावान के दूसरे सोमवार को एकादशी का संयोग बन रहा है। कामिका एकादशी में वैसे तो भगवान विष्णु की आराधना की जाती है, लेकिन सावन का दूसरा सोमवार होने की वजह से भगवान शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा।
एकादशी का व्रत करने से जीवात्माओं को उनके पापों से मुक्ति मिलती है। कामिका एकादशी उपासकों के कष्ट दूर करती है और उनकी इच्छापूर्ती करती है। ऐसे में सावन का दूसरा सोमवार में व्रत और पूजा से शवि के साथ वष्णिु की कृपा भी मलिेगी।
Pt.P.S.Tripathi
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