सूर्य गृह: सूर्य पिता, आत्मा समाज में मान, सम्मान, यश, कीर्ति, प्रसिद्धि, प्रतिष्ठा का करक होता है। इसकी राशि है सिंह। कुंडली में सूर्य के अशुभ होने पर पेट, आँख, हृदय का रोग हो सकता है साथ ही सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न होती है। इसके लक्षण यह है कि मुँह में बार-बार बलगम इक_ा हो जाता है, सामाजिक हानि, अपयश, मन का दुखी या असंतुस्ट होना, पिता से विवाद या वैचारिक मतभेद सूर्य के पीड़ित होने के सूचक है।
उपाय: ऐसे में भगवान राम की आराधना करें। आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें, सूर्य को आर्घ्य दे, गायत्री मंत्र का जाप करें। ताँबा, गेहूँ एवं गुड का दान करेंं। प्रत्येक कार्य का प्रारंभ मीठा खाकर करेंं। ताबें के एक टुकड़े को काटकर उसके दो भाग करेंं। एक को पानी में बहा दें तथा दूसरे को जीवन भर साथ रखें। ú रं रवये नम: या ú घृणी सूर्याय नम: 108बार (1 माला) जाप करेंं।
उपाय: ऐसे में भगवान राम की आराधना करें। आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें, सूर्य को आर्घ्य दे, गायत्री मंत्र का जाप करें। ताँबा, गेहूँ एवं गुड का दान करेंं। प्रत्येक कार्य का प्रारंभ मीठा खाकर करेंं। ताबें के एक टुकड़े को काटकर उसके दो भाग करेंं। एक को पानी में बहा दें तथा दूसरे को जीवन भर साथ रखें। ú रं रवये नम: या ú घृणी सूर्याय नम: 108बार (1 माला) जाप करेंं।
Pt.P.S.Tripathi
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