Tuesday, 8 September 2015

हथेली का रंग और आपका जीवन साथी

जीवनसाथी के रंग-रूप व वैवाहिक स्थिति की जानकारी हाथों की प्रमुख रेखाओं विवाह रेखा, जीवन रेखा, हृदय रेखा और भाग्य रेखा में होती है। हृदय रेखा वह रेखा है जिससे प्रेम की स्थिति के बारे में ठीक-ठीक अंदाजा लगाया जा सकता है।
विवाह रेखा, विवाह से जुड़ी बातों जैसे कि विवाह कब होगा? विवाह की संख्या, कितने प्रेम संबंध रह सकते हैं? कितनी संतानें हो सकती हैं? आदि के बारे में जानकारी देती है। हथेली में पाए जाने वाले शुक्र पर्वत और गुरु पर्वत जीवनसाथी के रंग-रूप व वैवाहिक जीवन की मजबूती के बारे में इशारा करते हैं। जीवन रेखा द्वारा विवाह के बाद की स्थिति, वैवाहिक जीवन से सुख, ससुराल पक्ष आदि के बारे में जाना जा सकता है।
जीवन रेखा की किस स्थिति का वैवाहिक संबंध पर क्या प्रभाव पड़ता है-
जीवन रेखा सही लंबाई में हो, एकदम सीधी न जाकर सही गोलाई लिए हो व किसी प्रकार के अशुभ चिह्न जीवन रेखा पर न हो तो ससुराल पक्ष का विशेष सहयोग प्राप्त होता है। लेकिन जीवन रेखा पर कोई अशुभ चिह्न होने से या जीवन रेखा को अन्य रेखाओं द्वारा बार-बार काटने से ससुराल पक्ष का उम्मीद के अनुसार साथ नहीं मिलता है।
जीवन रेखा और भाग्य रेखा की सुंदर स्थिति होने से वैवाहिक जीवन में खुशियां अधिक होती हैं। पति- पत्नी अपने वैवाहिक जीवन से संतुष्ट होते हैं। यदि इस लक्षण के साथ ही स्त्री की हथेली में गुरु पर्वत बलवान हो तो विवाह होने के बाद पति की आर्थिक उन्नति तेजी से होती है।
जीवन रेखा और हृदय रेखा दोनों ही दोहरी हो रही हो तो अरेंज्ड मैरिज हो या लव मैरिज हो। जीवन साथी अपेक्षाओं के अनुरूप होता है। पति-पत्नी प्रेमी जोड़े जैसा जीवन जीते हैं।
भाग्य रेखा भी प्रभाव डालती है वैवाहिक रिश्ते पर
भाग्य रेखा यदि मस्तिष्क रेखा पर आकर रुके। हृदय रेखा की एक शाखा मस्तिष्क रेखा में आकर मिल रही हो। तर्जनी उंगली मध्यमा उंगली से 3/4 इंच छोटी हो। ये तीन लक्षण कहीं न कहीं पति-पत्नी के बीच दूरियों को बढ़ाने वाले माने गए हैं। यदि विवाह से संबंधित अन्य योग शुभ होने पर विवाह बचाने वाले होंगे और तीन लक्षणों के साथ ही अन्य अशुभ योग होने पर दूरियां देंगे।
यदि तर्जनी उंगली सूर्य की उंगली से लंबी हो तो ससुराल में विशेष पूछ परख होती है।
गहरी भाग्य रेखा होने से विवाह की सफलता की सूचना देती है।
गहरी भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा के तक आकर रुक रही हो। जीवन रेखा सीधी हो। इस स्थिति में जीवनसाथी या स्वयं स्वास्थ्य संबंधी परेशानी को झेल सकते हैं।
चंद्र पर्वत से भाग्य रेखा निकल रही हो। शुक्र पर्वत अधिक ऊंचा हो। यह स्थिति वैवाहिक जीवन में अशांति देने वाली हो सकती है।

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