Wednesday, 9 September 2015

विशाखा नक्षत्र और शनि

यदि विशाखा नक्षत्र के पहले चरण में ज्ञानि हो तो जातक सरकारी नौकरी करने वाला क्लर्क या लेखाकार होता है । उसे कज्ज या वायु रोग सताते रहते हैं ।
यदि दूसरे चरण में शनि हो तो जातक हड्डी, त्वचा अथवा रक्तदोष के कारण रोगी रहने वाला तथा माता-गिता के रोगों से दुखी और परेशान रहता है । ऐसे जातक को हर कदम पर बाधाएँ झेलनी पड़ती हैं ।
यदि शनि तीसरे चरण में विराजमान हो तो जातक श्रेष्ठ विचारों वाला और दीर्घायु होता है ।
यदि चौथे चरण में शनि हो तो जातक को धन की कोई कमी नहीं रहती । वह शरीर से रोगी तथा बड़े परिवार से संबंधित होता है ।

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