Wednesday, 2 September 2015

क्या करें अच्छे स्वास्थ्य के लिए?????

अच्छा स्वास्थ्य यानि समय और धन की बचत साथ ही प्रसन्नता किन्तु आज के तनाव भरे प्रतियोगिता के युग में तथा प्रदूषण युक्त वातावरण में अच्छा स्वास्थ्य पाना एक चुनौती से कम नहीं है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्म पत्रिका का षष्ठम भाव स्वास्थ्य का कारक होता है। छठे भाव में कोई ग्रह शत्रु राशि, नीच का या मंगल, शनि, राहु, सूर्य ,चंद्र ग्रह हो तो इन ग्रहों से संबंधित रोग जातक को होता है। मंगल से नस, रक्त, कमर दर्द आदि रोग होते हैं। शनि से हड्डी, दांत, हृदय आदि रोग होते हैं। राहु से आंतों का, बवासीर, आदि गुप्त रोग होते हैं। सूर्य से सिरदर्द तथा आंखों के रोग होते हैं तथा चंद्र से सर्दी संबंधित रोग होते है। गुरु और बुध इस स्थान पर रोग शमन करने वाले होते है। शनि स्वराशि या शत्रुराशि होकर षष्ठम स्थान बैठा हो तथा शनि की महादशा लगी हो तो किडनी संबंधी रोग होते हैं। क्या हैं इन रोगों से बचने के उपाय? - ओम नम: शिवाय का जाप करें। - बीज मंत्र ऊँ हौं जूँ स: का २४ घंटे जाप करें। - षष्ठम स्थान स्थित ग्रह का उपचार करें। - महामृत्युजंय मंत्र का जाप करें। - शिवजी का पंचामृत अभिषेक करें। - झाडू से उडऩे वाली धूल, बिल्ली, बकरी के बैठने के स्थान की धूल, चिता का धुअं। आदि का सेवन न करें। - बासी भोजन, दिन में सोना, रात्रि जागरण, सूर्योदय के बाद तक सोना यह सब त्याग करने योग्य है।

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