अगर शनि चित्रा नक्षत्र के पहले चरण में हो तो जातक की आर्थिक स्थिति साधारण होती है। वह अल्प संतान वाला अथवा संतानहीन होता है । अग्निदाह, दुर्घटना चर्म रोगों से उसे वहुत शारीरिक कष्ट होता है ।
अगर दूसरे चरण में शनि उपस्थित हो तो जातक सिर या मुख रोग से ग्रस्त है । उसकी आर्थिक अवस्था बहुत खराब होती है । ऐसा जातक धन के लिए इधर-उधर भटकता फिरता है |
अगर चौथे चरण में शनि हो तो जातक श्रेष्ट जीवन व्यतीत करने वाला धनवान समाज एवं राज्य से सम्मानित होता है । यह सब उसे स्वत: मिलता है । उसे व्यापार में धन का आशातीत लाभ तथा कार्यक्षेत्र में भारी सफलता मिलती है ।
अगर दूसरे चरण में शनि उपस्थित हो तो जातक सिर या मुख रोग से ग्रस्त है । उसकी आर्थिक अवस्था बहुत खराब होती है । ऐसा जातक धन के लिए इधर-उधर भटकता फिरता है |
अगर चौथे चरण में शनि हो तो जातक श्रेष्ट जीवन व्यतीत करने वाला धनवान समाज एवं राज्य से सम्मानित होता है । यह सब उसे स्वत: मिलता है । उसे व्यापार में धन का आशातीत लाभ तथा कार्यक्षेत्र में भारी सफलता मिलती है ।
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