Tuesday, 8 September 2015

लंदन स्वामीनारायण मंदिर

लंदन का स्वामीनारायण मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है। स्वामीनारायण संप्रदाय की आस्था का मुख्य केन्द्र है। स्वामीनारायण संप्रदाय भी वैष्णम संप्रदाय का ही एक रूप है। यह ब्रिटेन का पहला प्रामाणिक हिंदू मंदिर माना जाता है। यह एक बहुत ही खुबसूरत मंदिर है। मंदिर परिसर से साथ-साथ यहां स्थित भगवान कृष्ण की मूर्ति का श्रृंगार भी बहुत ही सुदंर किया जाता है।लंदन के किंग्सबरी में स्थित नवनिर्मित स्वामीनारायण मंदिर मणीनगर संस्थान के आचार्यश्री पुरुषोत्ताम प्रियदासजी की प्रेरणा से तैयार हुआ यह मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा और पहला ईको फ्रैंडली मंदिर होगा |
 स्वामीनारायण संप्रदाय के संतों के मार्गदर्शन से इस मंदिर का निर्माण पर्यावरण सुरक्षा के हरेक पहलू को ध्यान में रखकर बनाया गया यह मंदिर 1.84 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है। इसलिए इस मंदिर को लंदन की पर्यावरणीय संस्था 'ब्रीम' ने एक्सीलेंट रेटिंग भी दी है।
 इस मंदिर के निर्माण के लिए आउटर ही नहीं, बल्कि इंटीरियर डिजाइनिंग भी देखने योग्य है। मंदिर में भगवान श्री स्वामीनारायण के मूल सिद्धांत का पूरी तरह से पालन की गई है।
 जीआरसी सामान्य कांक्रीट की तुलना में हल्के ग्लासफायबर रिइंफोर्स कांक्रीट का उपयोग किया गया है। इसके साथ ही वजन कम होने के कारण स्ट्रक्चर पर ज्यादा वजन भी नहीं पड़ता, और जीआरसी की पतली दीवारें अन्य कांक्रीट या पत्थर से कहीं ज्यादा मजबूत होती हैं। इस मंदिर के निर्माण में जिन पत्थरों का उपयोग किया गया था, वह इस मंदिर से पहले किसी हिंदू मंदिर के निर्माण में उपयोग नहीं किए गए थे।हिंदू संस्था ने करवाया था मंदिर का निर्माण इस मंदिर का निर्माण और देखभाल श्री बोछासंवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण नाम की संस्था करती है। इस मंदिर का उद्घाटन 1995 में किया गया था स्वामीनारायण मंदिर को हवेली के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर की निर्माण वास्तुकला का एक अच्छा उदाहरण है।
मंदिर में बनाए जाते है सभी हिंदू त्यौहार
लंदन का स्वामीनारायण मंदिर वहां रहने वाले हिंदू के लिए आस्था का केन्द्र है। यहां पर लगभग सभी हिंदू त्यौहार बहुत ही धूम-धाम से मनाए जाते हैं। त्यौहार के अनुसार मंदिर की सजावट की जाती है और भगवान के वस्त्र और श्रृंगार भी वैसे ही पहनाए जाते हैं।
मंदिर में मौजूद मूर्तियां
मंदिर में तीन बहुत ही सुदंर मूर्तियां हैं। जिनमें से मध्य में भगवान स्वामीनारायण उनके बाएं ओर अक्षरब्रह्मा गुणातीतानन्द स्वामी और दाहिनी ओरअक्षरमुक्ता गोपालानंद स्वामी की मूर्ति है। इन मूतिर्यों का रोज अलग-अलग तरह से श्रृंगार किया जाता है।
हिंदू रीति-रिवाजों का होता हैं पालन
मंदिर विदेश में स्थित क्यों न हो, लेकिन यहां पर लगभग सभी हिंदू रीति-रिवाजों का पालन किया जाता हैं। भारत के मंदिरों की तरह ही यहां पर भी सुबह मंगला आरती उसके बाद श्रृंगार आरती और फिर दोपहर में राजभोग आरती की जाती है। शाम के समय में संध्या आरती और रात को शयन आरती करके मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं।

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