Wednesday, 9 September 2015

पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र और शनि

यदि शनि पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के पहले चरण में उपस्थित हो तो जातक बाल्यावस्था में अत्यधिक दुखी, अनाथों जैसा जीवन-यापन करने बल्ला, शारीरिक रूप से विकलता अथवा किसी असाध्य रोग का शिकार होता है ।
यदि दूसरे चरण में शनि हो तो जातक उदार हृदय, लंपट, लोभी, दूसरों की नकल करके गरिमा को बढाने वाला, श्रेष्ठ लेखन-शेली वाला, पचास वर्ष की आयु के पश्चात सुखी दांपत्य जीवन जीने वाला तथा एक पुत्र और एक पुत्री से युक्त होता है ।
तीसरे चरण में शनि की उपस्थिति से जातक अनेक संकटों से घिरा रहता है । वह लंबे-चौडे परिवार वाला तथा दूसरों को मदद के लिए स्वयं को खतरे में डालने वाला होता है । उसमें दूसरों को प्रभावित करने की अनोखी कला होती है ।ऐसा जातक उच्च राजनेता भी हो सकता है ।
यदि चौथे चरण में शनि उपस्थित हो तो जातक अधेड़ायु में विवाह करने वाला, स्वभाव से कठोर, अत्यधिक परिश्रमी तथा निष्ठावान कर्मचारी होता है।

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