Wednesday, 2 September 2015

सूर्य से जीवन स्वस्थ और उर्जावान

अंग्रेजी में छोटे बच्चों की एक कविता है अरली टू बेड एंड अरली टू राइस, अर्थात् जल्दी सोओ एवं जल्दी उठो। बचपन में सिखाई गई इस बात का हम पालन नहीं करते अगर ब्रह्म मुहूर्त में नहीं तो कम से कम सूर्योदय के पहले तो उठ ही जाना चाहिए। जो हमारे स्वास्थ्य मानसिक शांति एवं स्थिरता प्रदान करने के लिए अति लाभदायक है। सूर्योदय के पूर्व नित्य कर्मों से निपटकर सूर्य को उदय होते ही उसे अध्र्य प्रदान करना चाहिए। सूर्योदय के समय सूर्य से निकलने वाली किरणे ऊर्जा का भंडार होती है। उस समय वह जिस प्राणी पर पड़ती है। वही ऊर्जावान स्वस्थ तथा निरोगी हो जाता है। इस बारे में हम पेड़-पौधे, पशु-पक्षी का उदाहरण ले सकते हैं। यह सभी सूर्योदय के पहले उठते है एवं सूर्य उदय की पूर्ण ऊर्जा को ग्रहण करते हैं। तथा स्वयं की कमजोरी से कभी बीमार अथवा कमजोर नहीं होते। अत: सूर्योदय के वक्त सूर्य को अध्र्य देने वाला सभी लाभों को प्राप्त करता है।सूर्य ऊर्जा का स्रोत है तथा पंच देवताओं में भी उसकी गणना होती है। अत: सूर्य को अध्र्य देना हम अपनी दिनचर्या में शामिल कर ले तो वह हमें कई परेशानीयों से बचाता तथा स्वस्थ्य एवं निरोगी रखता हैँ। सूर्यको कभी नंगी आंखो नही देखना चाहिए अत: अघ्र्य देते वक्त हमारी आंखे निचे झुकी होनी चाहिए तथा दाये पैर की एड़ी उपर उठी होनी चाहिए। सूर्य को सिधे देखने से आंखो से देखने पर उनको नुकसान होने क संभावन होती है

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