Wednesday, 2 September 2015

जीवन में अंकों का महत्व

अंक इंसानी जिंदगी में अहं भूमिका निभाते हैं। भविष्य की जानकारी देने वाला ज्योतिष शास्त्र तो पूरी तरह अंक-विज्ञान पर ही आधारित है। वैसे तो सारे ही अंक महत्वपूर्ण हैं किन्तु किसी व्यक्ति विशेष के लिये कुछ विशेष कारणों से किसी अंक को ज्यादा तवज्जो दी जाती है। वास्तव में अंकज्योतिष में नौ ग्रहों सूर्य, चन्द्र, गुरू, यूरेनस, बुध, शुक्र, वरूण, शनि और मंगल की विशेषताओं के आधार पर गणना की जाती है। इन में से प्रत्येक ग्रह के लिए 1 से लेकर 9 तक कोई एक अंक निर्धारित किया गया है, जो कि इस बात पर निर्भर करता है कि कौन से ग्रह पर किस अंक का असर होता है। ये नौ ग्रह मानव जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं। अंकज्योतिष शास्त्र के अनुसार केवल एक ही नाम व अंक किसी एक व्यक्ति का स्वामी हो सकता है। जातक जीवन में अपने अंकों के प्रभाव के अनुसार ही अवसर व कठिनाइयों का सामना करता है। अंकज्योतिष शास्त्र में कोई भी अंक भाग्यशाली या दुर्भाग्यपूर्ण नहीं हो सकता, जैसे कि अंक-7 को भाग्यशाली व अंक -13 को दुर्भाग्यपूर्ण समझा जाता है। यह संयोगवश उपजी भ्रांतिपूर्ण धारणा है।

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