मंगल प्रथम भाव में स्थित हो तो...
- हनुमानजी एवं मंगल की आराधना करें।
- सूर्य एवं चंद्रमा की वस्तुओं का दान करें।
- गुरु एवं शुक्र का उपाय करें।
- कभी भी झूठ ना बोलें।
- कोई भी चीज मुफ्त में ना ले।
- भाई और साले की सेवा करें, उनका ध्यान रखें।
मंगल द्वितीय भाव में स्थित हो तो...
- हनुमानजी एवं मंगल की आराधना करें।
- रेवडिय़ां और बताशे नदी में प्रवाहित करें।
- बिजली के व्यवसाय से दूर रहे, हानि हो सकती है।
- रोज नाश्ते में कुछ मीठा अवश्य खाएं।
- भाई और मित्रों की सहायता करें।
मंगल तृतीय भाव में स्थित हो तो...
- हनुमानजी एवं मंगल की आराधना करें।
- घर में असली हाथी दांत रखें।
- चांदी की अंगूठी बाएं हाथ की सबसे छोटी उंगली में धारण करें।
- सफेद रंग की कोई वस्तु हमेशा साथ रखें।
- हनुमानजी एवं मंगल की आराधना करें।
- सूर्य एवं चंद्रमा की वस्तुओं का दान करें।
- गुरु एवं शुक्र का उपाय करें।
- कभी भी झूठ ना बोलें।
- कोई भी चीज मुफ्त में ना ले।
- भाई और साले की सेवा करें, उनका ध्यान रखें।
मंगल द्वितीय भाव में स्थित हो तो...
- हनुमानजी एवं मंगल की आराधना करें।
- रेवडिय़ां और बताशे नदी में प्रवाहित करें।
- बिजली के व्यवसाय से दूर रहे, हानि हो सकती है।
- रोज नाश्ते में कुछ मीठा अवश्य खाएं।
- भाई और मित्रों की सहायता करें।
मंगल तृतीय भाव में स्थित हो तो...
- हनुमानजी एवं मंगल की आराधना करें।
- घर में असली हाथी दांत रखें।
- चांदी की अंगूठी बाएं हाथ की सबसे छोटी उंगली में धारण करें।
- सफेद रंग की कोई वस्तु हमेशा साथ रखें।
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