आज की इस भागती दौड़़ती जिन्दगी में जहॉं सब कुछ बदल रहा है, वहॉं बच्चों के बिहेवियर में भी तेजी से बदलाव आ रहा है। आज 80-90 प्रतिशत बच्चों में मनमानी, क्रोध, जिद्धी और शैतानी जैसी अन्य कई हरकतो ने अपना घर बना लिया है। कम्प्यूटर-टीवी के चलन और एकाकी परिवारो की बढ़ती संख्या भी बच्चो की बदलती मानसिकता का बड़ा कारण है। इस व्यवहार वाले बच्चों को देखकर कोई कहता है कि ‘बहुत चंचल बच्चा है’ कोई कहता है कि ‘जिद्धी और शैतान है’। जबकि वही बालक बड़ा होकर एक विकृत युवा का रूप ले लेता है, जो स्वयं से भी परेशान है और इस दुनिया से भी। ऐसे में वह अपने माता-पिता के द्वारा देखे गए सपनों को किसी भी तरह से पूरा नहीं कर पता और जीवन में एक असफल व्यक्ति का ही जीवन जीता है।
पता और जीवन में एक असफल व्यक्ति का ही जीवन जीता है।
आज के आधुनिक युग में प्राप्त सुविधाएं जैसे गाड़ी, मोबाईल इत्यादि की सुविधा का बच्चों द्वारा गलत उपयोग किया जा रहा है। पैंरेंटस् जिन वस्तुओं को अपने बच्चों को जरूरत हेतु मुहैया कराते हैं, वहीं वस्तुएं बच्चों को गलत दिशा में ले जाती है। कई बार देखने में आता है कि जो बच्चे बहुत अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं वे भी युवा अवस्था में अपनी दिशा से भटक कर अपना पूरा कैरियर खराब कर देते हैं। यदि बच्चों के व्यवहार में अचानक बदलाव दिखाई दें, जैसे बच्चा अचानक गुस्सैल हो जाए, उसमें अहं की भावना जागृत होने लगे। दोस्तों में ज्यादा समय बिताने या इलेक्ट्रानिक्स
गजट पर पूरा ध्यान केंद्रित करें, बड़ों की बातें बुरी लगे तो तत्काल सावधानी आवश्यक है। शारीरिक दुष्प्रभावों के साथ-साथ मानसिक क्षमता का भी ह्रास दिखाई दे जैसे व्यसन, क्रोध, चिड़चिड़ा होने के साथ-साथ अपनी बौद्धिक शक्ति के साथ सहिष्णुता भी खो दे, तब किसी विद्वान ज्योतिषीय से अपने संतान की कुंडली का ग्रह दशा जानें तथा पता लगायें कि आपके संतान की शनि, शुक्र, राहु, सप्तमेष, पंचमेष की दशा तो नहीं चल रही है और इनमें से कोई ग्रह विपरीत स्थिति में या नीच का होकर तो नहीं बैठा है। अगर ऐसी कोई स्थिति दिखाई दे तो अपने संतान के लिए ज्योतिषीय काउंसिलिंग करायें इसके साथ भृगु-कालेंद्र पूजन करायें साथ ही नियम से मंत्र जाप करने की आदत डलवायें|
पता और जीवन में एक असफल व्यक्ति का ही जीवन जीता है।
आज के आधुनिक युग में प्राप्त सुविधाएं जैसे गाड़ी, मोबाईल इत्यादि की सुविधा का बच्चों द्वारा गलत उपयोग किया जा रहा है। पैंरेंटस् जिन वस्तुओं को अपने बच्चों को जरूरत हेतु मुहैया कराते हैं, वहीं वस्तुएं बच्चों को गलत दिशा में ले जाती है। कई बार देखने में आता है कि जो बच्चे बहुत अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं वे भी युवा अवस्था में अपनी दिशा से भटक कर अपना पूरा कैरियर खराब कर देते हैं। यदि बच्चों के व्यवहार में अचानक बदलाव दिखाई दें, जैसे बच्चा अचानक गुस्सैल हो जाए, उसमें अहं की भावना जागृत होने लगे। दोस्तों में ज्यादा समय बिताने या इलेक्ट्रानिक्स
गजट पर पूरा ध्यान केंद्रित करें, बड़ों की बातें बुरी लगे तो तत्काल सावधानी आवश्यक है। शारीरिक दुष्प्रभावों के साथ-साथ मानसिक क्षमता का भी ह्रास दिखाई दे जैसे व्यसन, क्रोध, चिड़चिड़ा होने के साथ-साथ अपनी बौद्धिक शक्ति के साथ सहिष्णुता भी खो दे, तब किसी विद्वान ज्योतिषीय से अपने संतान की कुंडली का ग्रह दशा जानें तथा पता लगायें कि आपके संतान की शनि, शुक्र, राहु, सप्तमेष, पंचमेष की दशा तो नहीं चल रही है और इनमें से कोई ग्रह विपरीत स्थिति में या नीच का होकर तो नहीं बैठा है। अगर ऐसी कोई स्थिति दिखाई दे तो अपने संतान के लिए ज्योतिषीय काउंसिलिंग करायें इसके साथ भृगु-कालेंद्र पूजन करायें साथ ही नियम से मंत्र जाप करने की आदत डलवायें|
Pt.P.S.Tripathi
Mobile No.- 9893363928,9424225005
Landline No.- 0771-4050500
Feel free to ask any questions
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