सूचनाओं का महत्व आदि काल से ही रहा है । इस बदलते परिवेश में अब सूचनाओं का महत्व सर्वोपरि हो गया है। इस प्रगतिशील संसार में यदि आपका ज्ञान अपटूडेट नहीं है, तो जाप प्रगति की दोड़ में पिछड़ सकते हैं। प्रतिष्ठित व्यवसायिक संस्थानों द्वारा अब इस ओर विशेष ध्यान देकर इनफारमेशन टेक्नोलॉजी विषय को पाठ्यक्रमों में शामिल करते हुए इस कंप्यूटर युग में नये-नये सॉफ्टवेयर बनाये जाने के हेतु पढाई कराई जा रही है । अब सभी काम कंप्यूटर मशीन के माध्यम से बिना समय गवांऐ ज्ञान व सूचनाएँ हर एक के पास उपलब्ध हो रहीं है । यहीं तक की ज्योतिष जैसे गूढ विषय को भी कंप्यूटर के माध्य से गणित व फलित किया जा रहा है । इसके लिए भी नये-नये सॉफ्टवेयर डिजाइन किये जा रहे हैं । कोई भी क्षेत्र हो, बिना आईटी के सब अधूरे नजर आते है। ई-गर्वनेश, इं-बैंकिग ईं-फाइनेंसिंग, ई-मेनेजमेंट आदि-आदि तेजी से बढते नज़र आ रहे हैं । अब सभी व्यापारिक संस्थान,कार्यालय, शिक्षण संस्थाओं में आईटी अपने पैर जमा चुका है । रोजगार के नये अवसरों, विदेशों में कार्य करने के अवसर, पद एवं प्रतिष्ठा के कारण आज प्रत्येक युवक का सपना आईटी सेक्टर में ज्ञान अर्जित कर माहिरी हासिल करना हो गया है । हमारे महषि ऋशियों द्वारा इस तरह के क्षेत्र को ज्योतिषीय विवेचन कर कहीं भी नहीं दिया गया है, परंतु आज के इस युग में शोघपूरक ज्योतिष के माध्यम से कुछ ग्रह, भागो, ग्रहसंबंधों, ग्रह दृष्टि संबंधों, ग्रह नक्षत्रों, ग्रहगोचरों को ध्यान में रखते हुए इस सूचना प्रोद्योगिक क्षेत्र का विवेचन किया गया है । इन्हें सब को ध्यान को रखते हुए सर्वप्रथम हमने इस आईटी सेक्टर से जुडे घटकों जैसे कंप्यूटर, इलेवट्रानिक, उपकरण एवं सेटेलाइट संबंधी कारकत्वों पर विशेष ध्यान दिया है । इस तरह
पाया गया कि शुक्र ग्रह कंप्यूटर एवं टेलीवीजन का कारक होने के कारण मंगल विधुत एव सिविल इंजीनियरिंग बुध ग्रह शिल्प,तर्क, विश्लेषणात्मक विज्ञान, सांख्यकी, कंप्यूटर का कारक होते के कारण, हैं शनि तकनीकी कार्यों एव अभ्यास, यंत्रों का ज्ञान तथा उनका निर्माण इंजीनीरिंग का कारक होने के कारण आईटी सेक्टर के लिए महत्वपूर्ण कारक ग्रह माने जा रहे हैं । सूर्य ग्रह स्वतंत्र रुप से तो तकनीकी ज्ञान का कारक नहीं है, परन्तु मंगल के साथ युति या दृष्टि संबंध करने से इंजीनोयर बनाने में सहयोग कारक होता है । अत: उक्त तत्यों को ध्यानभे रखते हुए कुछ इन्हें से संबंधित ग्रह योग, ग्रह संबंध,ग्रह दृष्टि संबंध, नक्षत्रों, दशाएँ एवं ग्रह गोचरों क्रो समाहित कर कुछ योग निम्नानुसार दिये जा रहे हैं । इन्हें देखकर कोई भी जातक आईटी सेक्टर में अपना कार्य-व्यवसाय बाबत् भविष्य ज्ञान कर सकता है
पाया गया कि शुक्र ग्रह कंप्यूटर एवं टेलीवीजन का कारक होने के कारण मंगल विधुत एव सिविल इंजीनियरिंग बुध ग्रह शिल्प,तर्क, विश्लेषणात्मक विज्ञान, सांख्यकी, कंप्यूटर का कारक होते के कारण, हैं शनि तकनीकी कार्यों एव अभ्यास, यंत्रों का ज्ञान तथा उनका निर्माण इंजीनीरिंग का कारक होने के कारण आईटी सेक्टर के लिए महत्वपूर्ण कारक ग्रह माने जा रहे हैं । सूर्य ग्रह स्वतंत्र रुप से तो तकनीकी ज्ञान का कारक नहीं है, परन्तु मंगल के साथ युति या दृष्टि संबंध करने से इंजीनोयर बनाने में सहयोग कारक होता है । अत: उक्त तत्यों को ध्यानभे रखते हुए कुछ इन्हें से संबंधित ग्रह योग, ग्रह संबंध,ग्रह दृष्टि संबंध, नक्षत्रों, दशाएँ एवं ग्रह गोचरों क्रो समाहित कर कुछ योग निम्नानुसार दिये जा रहे हैं । इन्हें देखकर कोई भी जातक आईटी सेक्टर में अपना कार्य-व्यवसाय बाबत् भविष्य ज्ञान कर सकता है
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