Thursday, 3 September 2015

आईआईटी या अन्य बड़े संस्थानों से इंजीनियरिंग करने के योग

आजकल हर माँ-बाप यहीं चाहते हैं कि उसके बेटा-बेटी उच्च तकनीकी या व्यवसायिक शिक्षा अच्छे से अच्छे संस्थान से केरे । यह इसलिए भी इच्छा बलवती होती है, चुंकि तकनीकी ज्ञान में रोजगार के अवसर ज्यादा से ज्यादा देश व विदेशों से मिलते दिख रहे हैं । तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में तंरह-तरह के नये विषय जैसे कंप्यूटर, इलेवट्रानिक्स, केमिकल, पेट्रोकेमिकल, आईटी, माइनिंग, मेकेनिकल, सिविल, कम्युनिकेशन आदि-आदि में इंजीनियरिग डिग्री दी जा रही है । संचार एव इलेवट्रानिक्स के क्षेत्र में विकास लगातार ज्यादा से ज्यादा होने के कारण रोजगार के अवसर भी खुलते जा रहे हैं । तकनीकी संस्थानों में भी तरह-तरह के संस्थान है, जैसे आईआईटी हैं एनआईटी है रीजनल इंजीनियरिग कालेज, प्राइवेट इजीनियरिग कालेज आदि देश में तकनीकी शिक्षा दे रहे हैं । इनमें भी हर एक आईआईटी जैसी उच्च तकनीकी संस्थान में पढ़ना चाहता
है, जिसमें अति कठिन परीक्षा के माध्यम से प्रवेश हो पाता है । इसके अतिरिक्त
अन्य परीक्षाएँ जैसे एआईईईई, पीईटी, जेईई आदि भी अन्य संस्थाओं के प्रवेश हेतु देनी पड़ती है । आखिर कुंडली में ऐसे कौन से ग्रह ,ग्रहृयोग, विशिष्ठ ग्रह संबंध योग होते है, जिनके कारण जातक अलग-अलग विषयों में तकनीकी शिक्षा की पढाई करता है ।
मंगल औजार का काराक है, शनि इनका प्रयोग करना और शुक्र औजारों में प्रयोग करने का रिफाइन्मेंट देता है । यदि इनका संबंध दशम भाव एवं दशमेश से हो, तो जातक इंजीनियर बन सकता है ।
शनि बलवान होकर लग्न, दशम या दशमेश को प्रभावित को, तो भी जातक का इंजिनियर बनने का योग बनता है।
यदि दशम भाव या दशमेश का संबंध सप्तम भाव या सप्तमेश से हो व मंगल बली होकर इनमें से किसी पर भी दृष्टि करे, तो जातक यन्तु से संबधित
इंजीनियर होता है ।
मंगल-राहू का योग केन्द्र या त्रिकोंण में यदि हो, तो जातक के इंजीनियर बनने का योग बनता है ।
बुध,सूर्य,मंगल का आपसी संबंध होने पर भी इंजीनियर बनता है ।
मंगल एव शुक्र की युति या दृष्टि यदि भाव 5 या 10 में हो और शनि की दृष्टि पड़ती हो, तो भी जातक को इंजीनियर बनाने के योग बनते हैं ।
भाव 10 या 11 में यदि सूर्य और मंगल की युति हो और शनि की इन पर दृष्टि हो या मंगल की शनि पर दृष्टि हो, तो भी जातक की इंजीनियर बनने की संभावना रहती है।
सूर्यं-चंद्र की युति पर शनि और मंगल की दृष्टि हो रही हो, तब भी माइनिंग इंजीनियर बनने के योग बनते हैं ।
यदि शनि की मंगल पर दृष्टि और मंगल की शनि पर दृष्टि हो रही हो, तो जातक सिविल इंजीनियर बनता है ।
मेष लग्न में यदि लग्नेश मंगल व शनि दोनों उच्च के होकर केन्द्र भाव 10 व 7 में हों तथा पंचमेश सूर्य नवंम भाव में केतु, बुध व शुक्र के साथ युति करके बैठा हो तथा राहू भाव 3 में उच्च का होकर शनि पर दृष्टि कर रहा हो, तो जातक उच्च संस्थान आईआईटी से इंजीनियरिग करता है ।

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