अंक-ज्योतिष की माने तो दुनिया भर में हो रहे धमाकों के पीछे कुछ अंकों ने एक खूनी भूमिका निभाई है। इसके पीछे ठोस तार्किक तथ्य भी हैं ।
अनेक आतंकी धमाकों के उदाहरणों से ये सिद्ध हो गया है कि अंक 2, 7 अथवा 9 के प्रभाव में 78 से भी अधिक विस्फोट हुए हैं और अंक 1 सर्वाधिक सुरक्षित अंक रहा है अंक शास्त्र में दिनांक का इकाई और दहाई अंकों का जोड़ मूलांक कहलाता है, इसी प्रकार दिन, माह और वर्ष का योग करके यदि संयुक्तांक इकाई अंक बना लिया जाये तो वह भाग्यांक कहलाता है । दिनांक 7 -7 -20 13 को मूलांक 7 और भाग्यांक 2 बनता है जो एक धमाके का कारण बना ।
कुछ उदाहरण देखें - 15 -4 -2013 को अमेरिका के बोस्टन शहर का धमाका, यहाँ भाग्यांक था 7 (1+5 +4 +2 +1 +3 =1 6=1 +6=7) ।
1 7 -4 -2 0 1 3 को बैंगलुरू धमाका, भाग्यांक था 9 अंक ।
2 6 -1 1 -2 0 0 8 मुंबई धमाका, भाग्यांक था 2 ।
वाराणसी धमाके में दिन था -23 -11 -2007 और भाग्यांक था 7 ।
22 -5 -2005 को दिल्ली में हुए धमाके के समय भाग्यांक था 7 ।
ऐसे ही अहमदाबाद 2 7 -2 -1 9 9 8 को भाग्यांक था 9
2 7 -2 -1 9 9 8 को मुंबई धमाके में अंक थे 9 और 2 ।
ऐसा नहीं कि ये तथ्य केवल भारत में हुए धमाकों से निकाला गया है । 2 0 0 8 -2 0 1 0 के पाकिस्तान में हुए 2 0 से अधिक धमाकों में इन 3 अंकों का ही अधिकांशत: हाथ था ।
अंक 1 यहाँ भी सर्वाधिक सुरक्षित अंक सिद्ध हुआ था । दिनांक 1 1 -8 -2 0 0 7 रूस धमाका आतंकी अंक बना था मूलांक 2 ।
1 8 -7 -2 0 0 6 ईराक धमाका अंक था 9 ।
1 5 -4 -2 0 0 6 श्रीलंका धमाका कुल अंक बा 9 । 7-2-2 0 0 5 लन्दन धमाका अंक था 7
11 मार्च को भी सुकमा जिले में नक्सली हमले में 15 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें 11 सीआरपीएफ के जवान थे। इसका जोड भी 2 है। 25 मई 2013 का दिन छत्तीसगढ की राजनीति के इतिहास का कभी न भूलने वाला दिन है। इस दिन नक्सली हमले में बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा और नंद कुमार पटेल समेत 30 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। हमले में घायल पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल की भी 17 दिनों के बाद मौत हो गई थी।। 25 का जोड 7 एवं 25-3-2013 मतलब कुल जोड 16 अर्थात 7।
गणित की सम्भावना थ्योरी की माने और दुनियाभर में हुए आतंकी धमाकों के अंकों की गणना करें तो अंक 2, 7 अथवा 9 ने अपना तांडव ज़रूर दिखाया है।
अनेक आतंकी धमाकों के उदाहरणों से ये सिद्ध हो गया है कि अंक 2, 7 अथवा 9 के प्रभाव में 78 से भी अधिक विस्फोट हुए हैं और अंक 1 सर्वाधिक सुरक्षित अंक रहा है अंक शास्त्र में दिनांक का इकाई और दहाई अंकों का जोड़ मूलांक कहलाता है, इसी प्रकार दिन, माह और वर्ष का योग करके यदि संयुक्तांक इकाई अंक बना लिया जाये तो वह भाग्यांक कहलाता है । दिनांक 7 -7 -20 13 को मूलांक 7 और भाग्यांक 2 बनता है जो एक धमाके का कारण बना ।
कुछ उदाहरण देखें - 15 -4 -2013 को अमेरिका के बोस्टन शहर का धमाका, यहाँ भाग्यांक था 7 (1+5 +4 +2 +1 +3 =1 6=1 +6=7) ।
1 7 -4 -2 0 1 3 को बैंगलुरू धमाका, भाग्यांक था 9 अंक ।
2 6 -1 1 -2 0 0 8 मुंबई धमाका, भाग्यांक था 2 ।
वाराणसी धमाके में दिन था -23 -11 -2007 और भाग्यांक था 7 ।
22 -5 -2005 को दिल्ली में हुए धमाके के समय भाग्यांक था 7 ।
ऐसे ही अहमदाबाद 2 7 -2 -1 9 9 8 को भाग्यांक था 9
2 7 -2 -1 9 9 8 को मुंबई धमाके में अंक थे 9 और 2 ।
ऐसा नहीं कि ये तथ्य केवल भारत में हुए धमाकों से निकाला गया है । 2 0 0 8 -2 0 1 0 के पाकिस्तान में हुए 2 0 से अधिक धमाकों में इन 3 अंकों का ही अधिकांशत: हाथ था ।
अंक 1 यहाँ भी सर्वाधिक सुरक्षित अंक सिद्ध हुआ था । दिनांक 1 1 -8 -2 0 0 7 रूस धमाका आतंकी अंक बना था मूलांक 2 ।
1 8 -7 -2 0 0 6 ईराक धमाका अंक था 9 ।
1 5 -4 -2 0 0 6 श्रीलंका धमाका कुल अंक बा 9 । 7-2-2 0 0 5 लन्दन धमाका अंक था 7
11 मार्च को भी सुकमा जिले में नक्सली हमले में 15 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें 11 सीआरपीएफ के जवान थे। इसका जोड भी 2 है। 25 मई 2013 का दिन छत्तीसगढ की राजनीति के इतिहास का कभी न भूलने वाला दिन है। इस दिन नक्सली हमले में बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा और नंद कुमार पटेल समेत 30 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। हमले में घायल पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल की भी 17 दिनों के बाद मौत हो गई थी।। 25 का जोड 7 एवं 25-3-2013 मतलब कुल जोड 16 अर्थात 7।
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Pt.P.S.Tripathi
Mobile No.- 9893363928,9424225005
Landline No.- 0771-4050500
Feel free to ask any questions
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