मानव जीवन सृष्टि का एक अंश है। ब्रह्मांड के सभी ग्रह नक्षत्र आपस में एक दूसरे से संबंधित है। विभिन्न ग्रह एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। शनि भी हमारे सौर मंडल ऐसा ही महत्वपूर्ण ग्रह है। कोई ग्रह किसी का व्यक्तिगत रूप से भला या बुरा नहीं करता। विभिन्न ग्रहों से कुछ विकिरण (अदृश्य किरणें) निकलती रहती है। ये विकिरण धनात्मक और ऋणात्मक दोनों प्रकार की होती है। विभिन्न ग्रहों से निकलने वाले विकिरण प्रत्येक मनुष्य पर उसकी प्रकृति के अनुसार प्रभाव डालते हैं। समाज में शनि ग्रह को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां है। जबकि वास्तव में शनि ग्रह वैसा नहीं है। लोगों में यह गलत धारणा व्याप्त है कि शनि एक कष्टकारक ग्रह है। शनि ग्रह को सदैव एक तानाशाह के रूप में प्रचारित किया गया है। जो कि सर्वथा भ्रांतिपूर्ण मान्यता है। यदि गहराई से विश्लेषण किया जाए तो हम पाएंगे कि शनि ग्रह अप्रत्यक्ष रूप से मनुष्य का उपकार ही करता है। शनि ग्रह मनुष्य के धैर्य, साहस और जीवटता की कड़ी परीक्षा लेता है। शनि जिस मनुष्य की राशि में प्रभावी होता है उसके जीवन में अत्यधिक कष्ट एवं सहायता भी हो सकती है। शनि किसी भी जीवन यात्रा में बाधक बन सकता है तो किसी के जीवन में सहायक भी हो सकता है।कठिन परीक्षाजिसकी राशि में शनि का प्रभाव होता है ऐसे मनुष्य को अधिक कठिनाइयों एवं चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन इसका सत्परिणाम यह है कि मनुष्य कठिनाइयों का सामना करते-करते अत्यंत कुशल, सशक्त एवं मजबूत बन जाता है। ऐसे व्यक्ति की राशि में जब शनि का प्रभाव समाप्त हो जाता है तो उसकी प्रगति और सफलता की गति अत्यधिक बढ़ जाती है। जिसे बाधाओं में कांटों भरे रास्ते पर चलने का अनुभव हो ऐसा व्यक्ति बाधा रहित मार्ग पर बड़ी तीव्रता से प्रगति एवं सफलता प्राप्त करता है। नैतिक जीवन ही समाधान हैसात्विक, पवित्र एवं नैतिक जीवन जीने वाला व्यक्ति यदि कठोर परिश्रम पूर्वक जीवन व्यतीत करता है तो उसके जीवन में शनि के नकारात्मक प्रभावों से मुक्त रहता है। मनुष्य के कर्मफल, संस्कार एवं ग्रह नक्षत्रों के प्रभाव मिलकर जीवन को प्रभावित तो करते हैं किंतु पूरी तरह नियंत्रित नहीं कर सकते। मनुष्य के पास प्रचंड शक्तिशाली चेतना या आत्मा होती है। मनुष्य अपने कर्मों से अपना भाग्य गढ़ता है। अपने पूर्व कर्मों से ही मनुष्य का वर्तमान बना है तथा वर्तमान के कर्मों से ही उसका भविष्य निर्धारित होगा।सर्वशक्तिमान मनोबलनिष्कर्षत: हम कह सकते हैं कि यदि राशि में शनि का प्रभाव है तो भी मनुष्य को मन में कोई भय या शंका नहीं लाना चाहिए। राशि में शनि का प्रभाव हो तो मनुष्य को निर्भय होकर और भी अधिक कड़ा परिश्रम करना चाहिए। मनुष्य यदि ठान ले तो वह हर कठिनाई और चुनौति का सामना सरफलतापूर्वक कर सकता है। आत्मबल, मनोबल, इच्छा शक्ति एवं आत्मविश्वास जैसी महान शक्तियां हैं, जिनके बल पर दुर्भाग्य एवं ग्रहों के प्रभाव आदि का सामना सफलता पूर्वक कर सकता है।
best astrologer in India, best astrologer in Chhattisgarh, best astrologer in astrocounseling, best Vedic astrologer, best astrologer for marital issues, best astrologer for career guidance, best astrologer for problems related to marriage, best astrologer for problems related to investments and financial gains, best astrologer for political and social career,best astrologer for problems related to love life,best astrologer for problems related to law and litigation,best astrologer for dispute
No comments:
Post a Comment