NUMEROLOGY

अंक ज्योतिष (Numerology) भविष्य जानने की एक विधा है. ...........

अंकशास्त्र में मुख्य रूप से नामांक (Name Number), मूलांक (Root Number) और भाग्यांक (Destiny Number) इन तीन विशेष अंकों को आधार मानकर फलादेश किया जाता है. विवाह के संदर्भ में भी इन्हीं तीन प्रकार के अंकों के बीच सम्बन्ध को देखा जाता है.

अंक ज्योतिष (Numerology) भविष्य जानने की एक विधा है. अंक ज्योतिष से ज्योतिष की अन्य विधाओं की तरह भविष्य और सभी प्रकार के ज्योंतिषीय प्रश्नों का उत्तर ज्ञात किया जा सकता है. विवाह जैसे महत्वपूर्ण विषय में भी अंक ज्योतिष और उसके उपाय काफी मददगार साबित होते हैं.

अंक ज्योंतिष अपने नाम के अनुसार अंक पर आधारित है. अंक शास्त्र के अनुसार सृष्टि के सभी गोचर और अगोचर तत्वों का अपना एक निश्चत अंक होता है. अंकों के बीच जब ताल मेल नहीं होता है तब वे अशुभ या विपरीत परिणाम देते हैं. अंकशास्त्र में मुख्य रूप से नामांक, मूलांक और भाग्यांक इन तीन विशेष अंकों को आधार मानकर फलादेश किया जाता है. विवाह के संदर्भ में भी इन्हीं तीन प्रकार के अंकों के बीच सम्बन्ध को देखा जाता है. अगर वर और वधू के अंक आपस में मेल खाते हैं तो विवाह हो सकता है. अगर अंक मेल नहीं खाते हैं तो इसका उपाय करना होता है ताकि अंकों के मध्य मधुर सम्बन्ध स्थापित हो सके.

वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) एवं उसके समानांतर चलने वाली ज्योतिष विधाओं में वर वधु के वैवाहिक जीवन का आंकलन करने के लिए जिस प्रकार से कुण्डली से गुण मिलाया जाता ठीक उसी प्रकार अंकशास्त्र में अंकों को मिलाकर (Numerology Marriage compatibility) वर वधू के वैवाहिक जीवन का आंकलन किया जाता है.




अंक शास्त्र से जानिए आप किस तरह की माँ है या बनेगीं .......
हमारे जीवन का हर एक पहलू ग्रहीय अंक १ से ९ के द्वारा प्रभावित होता है/मातृत्व भी इस से अछूता नहीं है/क्या आप जानना चाहेंगे कि आप कैसी माँ है या कैसी माँ बनेंगी/अंक शास्त्र के आधार पर प्रस्तुत है आपके लिए यह विश्लेषण /
आपके मूलांक के आधार पर ही आपके मातृत्व की प्रवृति निर्धारित होती है/
अंक १
आपका बौद्धिक स्तर अच्छा है व् आप प्रयत्नशील रहती हैं की आपकी संतान का बौद्धिक स्तर भी अच्छा रहे व उन मैं नेतृत्व की क्षमता विकसित हो; इस लिए आप कभी कभी उन पर अधिक हावी हो जाती हैं/आप उदार व् विशाल हृदय होने के नाते उनकी इच्छाओं की पूर्ति के लिय खुले दिल से व्यय करना पसंद करती हैं/
अंक २
आप मैं स्थिति के अनुरूप खुद को ढालने की क्षमता है और आप अपने बच्चों क साथ मित्रवत व्यवहार करना पसंद करती है/आप चाँद की तरह सोलह गुण सम्पन्न है व् चाहती है की आपके बच्चों का भी सर्वागीण विकास हो व् इसके लिए सदैव प्रयत्नशील रहती हैं/
अंक 3
आप स्वयं अनुशासन प्रिय हैं व् अपनी संतान से भी अनुशासन की अपेक्षा रखती हैं/अगर आपकी संतान किसी परेशानी मैं हो तो आप व्यथित हो जाती हैं,परन्तु खुद परेशानी झेल कर भी उनकी समस्या का निवारण करने मैं कोई कसर नहीं छोड़ती हैं/उनके प्रति शैक्षणिक दायित्व भी आप बखूबी निभाती हैं/
अंक ४
आप मौलिक सोच की स्वामिनी हैं व् लीक से हट कर कुछ करना पसंद करतेी हैं/आपका बौद्धिक स्तर व् तर्क शक्ति अच्छी होने के कारण आप अपने बच्चों से भी अपेक्षा करती हैं कि उनका बौद्धिक स्तर उच्च रहे व् इसके लियर भरपूर प्रयत्न करती हैं/उनकी मौलिकता मुखर करने के लिए,उन्हें विभिन्न प्रतियोगिताओं मैं भाग लेने क लिए प्रेरित करती हैं/
अंक ५
आप स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने मैं सक्षम हैं व् अपने निर्णय को सहजता से कार्यरूप दे पाती हैं ,इस लिए अपने संतान के प्रति अपने दायित्व बखूबी निभा लेती है/आपको स्थिति का पूर्वाभास होता है,इस कारण आप अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति बहुत सचेत हो जाती हैं/आप अपनी संतान के साथ अधिकाधिक समय बिताना पसंद करती हैं/
अंक ६
आप सुख चैन की ज़िन्दगी जीना पसंद करती हैं और प्रयत्न शील रहती हैं कि आपकी संतान को भीे भौतिक सुविधाओं की कोई कमी न रहे/आपका सौंदर्यबोध प्रखर है ,अतः आप अपने बच्चों को सजा सँवार कर रखना पसंद करती है/रचनात्मक क्रियाकलापों व् शैक्षणिक गतिविधियों मैं आपकी प्रबल रूचि के कारण,बच्चे स्वतःभी आपसे बहुत कुछ सीख पाते हैं/
अंक ७
आप मैं सहनशीलता व् सामंजस्य की प्रवृति है,आप अपनी संतान के प्रति मित्रवत व्यवहार रखती है व् उनकी समस्याओं को समझने के कोशिश करती है/अगर आपके संतान स कोई गलती हो भी जय तो आप उसका ज़िक्र किसी के आगे नहीं करती/आपका रुझान रचनात्मक,कलात्मक गतिविधियों की और अधिक हों के कारण,आप इन गतिविधियों मैं उनका मार्गदर्शन कुशलता से कर पाती हैं/
अंक ८
आप दृढ निश्चय एवं निर्णय लेने मैं सक्षम हैं , संतान की कोई भी परेशानी हो,उसे दूर करने मैं आपका योगदान प्रबल रहता है/आप अपने व्यवहार में रौबीली हैं,अतः अपने बच्चों को अनुशासनबद्ध रखती है/ज़रूरत पड़ने पर उनकी किसी भीे समस्या के निवारण मैं पीछे नहीं रहती हैं/खुद भले हीजीवन में संघर्षरत रहे,बच्चों की सुख सुविधा मैं कमी नहीं आने देती /
अंक ९
आप आत्मनिर्भर व् स्वंय निर्णय लेने मैं सक्षम हैं व् पारिवारिक दायित्व की ओर आपका रुझान सदैव रहता है/आप अपनी संतान से किसी सहारे उम्मीद नहीं रखती,परन्तु उनकी आवश्यकताओं के प्रति समर्पित रहती हैं/
वैसे तो माँ को स्वभाविक रूप से अपने सभी बच्चे प्रिय होते है,परन्तु उसका सामंजस्य उस बच्चे के साथ अधिक रहता हैं जिसका मूलांक उसके खुद के मूलांक के साथ मित्रवत हो







अंकशास्त्र में मूलांक ,भाग्यांक के साथ ही नामांक भी है महत्वपूर्ण
नामांक में परिवर्तन बदल सकता है आपका जीवन
अंक शास्त्र के अनुसार नामांक का व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है. आजकल हम अनेक व्यक्तियों को को देख सकते हैं जिन्होंने अपने नामांक में परिवर्तन करके अनेक उपलब्धियों को प्राप्त किया है. बहुत से लोग नामांक के सही उपयोग द्वारा अपने जीवन में अनेक बदलाव करने का प्रयास करने में सफलता पाते हैं. कई जाने माने लोग या प्रमुख हस्तियां अपने नाम में कुछ बदलाव कर नामांक बदल देते हैं जिसके प्रभाव स्वरूप उन्हे सफलता या सुख प्राप्त हुआ है.
नामांक की गणना अंग्रेजी के अक्षरों को दिये गये अंकों के आधार पर ही की जाती रही है. आज भी लगभग सभी अंकशास्त्री नामांक की गणना इसी प्राचीन तरीके से करते हैं. नामांक कि गणना के लिए कीरो पद्धति, सेफेरियल पद्धति तथा पाइथागोरस पद्धति का उपयोग किया जाता है, इनमें से किसी ने नौ अंक को स्थान दिया तो किसी ने स्थान नहीं दिया. नामांक जीवन में आवश्यक बदलाव ला सकते हैं और हमारे जीवन को आशावादी दिशा प्रदान कर सकते है. इनके द्वारा हमें सफलता की दिशा मिलती है.
जीवन में नाम का बहुत महत्व होता है नाम से ही हमारी पहचान होती है. नाम का महत्व खुद ब खुद दृष्टिगत होता है, तथा नाम रखने की विधि को संस्कार कर्म में रखा जाता है और इसमें जातक के जन्म नक्षत्र पर आधारित नाम रखने का प्रयास किया जाता है. कुछ स्थानों पर हम यह भी देखते हैं कि किसी व्यक्ति का नाम तो उचित होता है. लेकिन फिर भी सफलता पाने में उसे बहुत संघर्ष करना पड़ता या उसे वह सफलता मिल ही नहीं पाती, ऐसे समय में अंक ज्योतिष या अंक शास्त्र द्वारा हम नाम में कुछ परिवर्तन करके उस नाम का महत्व एवं प्रभाव और भी अधिक बढा़ सकते हैं.
नाम के अंकों अर्थात नामांकों को घटा या बढ़ाकर उपयोग में लाने से उचित एवं उपयुक्त लाभ प्राप्त हो सकते हैं. यदि किसी व्यक्ति के नामांक का ग्रह उसके मूलांक, भाग्यांक का शत्रु होता है तो उस नाम को बदलने कि आवश्यकता होती है. नाम के आगे अथवा पीछे कुछ अक्षरों को जोड़ घटाकर नामांक को उसके भाग्यांक तथा मूलांक के साथ ताल मेल स्थापित करके उसे लाभकारी बनाया जा सकता है.
देखा जाए तो कुछ अंक किसी निश्चित अंक के मित्र व कुछ शत्रु होते हैं. यदि नामांक, भाग्यांक व मूलांक के शत्रु अंक का होगा तो सफलता नहीं मिलेगी इसलिए नामांक जीवन में मूलांक व भाग्यांक जैसा ही बहुत आवश्यक होता है.









No comments: