Showing posts with label guru pushya. Show all posts
Showing posts with label guru pushya. Show all posts

Saturday 30 May 2015

बुधाष्टमी व्रत से पायें सफलता और सुख

Image result for success
बुधाष्टमी व्रत से पायें सफलता और सुख - असफलता निवारण महायज्ञ - देवपितृ महायज्ञ-
व्यक्ति के जीवन में कई बार आकस्मिक हानि प्राप्त होती है साथ ही कई बार योग्यता तथा सामथ्र्य होने के बावजूद जीवन में वह सफलता प्राप्त नहीं होती, जिसकी योग्यता होती है। इस प्रकार का कारण ज्योतिषषास्त्र द्वारा किया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ, अष्टम, नवम भाव में से किसी भाव में राहु के होने पर जातक के जीवन में आकस्मिक हानि का योग बनता है। अगर राहु के साथ सूर्य, शनि के होने पर यह प्रभाव जातक के स्वयं के जीवन के अलावा यह दुष्प्रभाव उसके परिवार पर भी दिखाई देता है। राहु के साथ सूर्य या शनि की युति बने तो व्यक्ति अषांत, गुप्त चिंता, स्वास्थ्य एवं पारिवारिक परेषानियों के कारण चिंतित रहता है। दूसरे भाव में इस प्रकार की स्थिति निर्मित होेने पर परिवार में वैमनस्य एवं आर्थिक उलझनें बनने का कोई ना कोई कारण बनता रहता है। तीसरे स्थान पर होने पर व्यक्ति हीन मनोबल का होने के कारण असफलता प्राप्त करता है। चतुर्थ स्थान में होने पर घरेलू सुख, मकान, वाहन तथा माता से संबंधित कष्ट पाता है। पंचम स्थान में होने पर उच्च षिक्षा में कमी तथा बाधा दिखाई देती है तथा संतान से संबंधित बाधा तथा दुख का कारण बनता है। अष्टम में होने पर आकस्मिक हानि, विवाद तथा न्यायालयीन विवाद, उन्नति तथा धनलाभ में बाधा देता है। बार-बार कार्य में बाधा आना या नौकरी छूटना, सामाजिक अपयष अष्टम राहु के कारण दिखाई देता है। नवम स्थान में होने पर भाग्योन्नति तथा हर प्रकार के सुखों में कमी का कारण बनता है। सामान्यतः चंद्रमा के साथ राहु का दोष होने पर माता, बहन या पत्नी से संबंधित पक्ष में कष्ट दिखाई देता है वहीं शनि के साथ राहु दोष होेने पर पारिवारिक विषेषकर पैतृक दोष का कारण बनता है। सूर्य के आक्रांत होेने पर आत्मा प्रभावित हेाता है, जिसमें व्यक्ति का व्यक्तित्व तथा सोच दूषित होती है। बुध के साथ राहु होने पर जडत्व दोष बनता है, जिसमें विकास तथा बुद्धि प्रभावित होती है। मंगल के साथ होने पर संतान से संबंधित पक्ष से कष्ट तथा गुरू के साथ होने पर षिक्षा तथा सामाजिक प्रतिष्ठा संबंधित परेषानी दिखाई देती है। शुक्र के आक्रांत होेने पर सुख प्राप्ति के रास्ते में बाधा आती है। इस प्रकार के दोष जातक की कुंडली में बनने पर जातक के जीवन में स्वास्थ्य की हानि, सुख में कमी,आर्थिक संकट, आय में बाधा, संतान से कष्ट अथवा वंषवृद्धि में बाधा, विवाह में विलंब तथा वैवाहिक जीवन में परेषानी, गुप्तरोग, उन्नति में कमी तथा अनावष्यक तनाव दिखाई देता है। यदि किसी व्यक्ति के जीवन में इस प्रकार का दोष दिखाई दे तो अपनी कुंडली की विवेचना कराकर उसे नारायणबलि, नागबलि, पितृतर्पण, देवतर्पण, दानादि कर्म करना चाहिए। इसके साथ ही सूक्ष्म जीवों की सेवा, जिसमें गाय को चारा अमावस्या के दिन देना, कुत्तों का भोजन प्रत्येक शनिवार को देना या चिट्टी या चिडिया, कौओं को दाना डालना जीवन में सुख तथा समृद्धि का रास्ता प्रष्स्त करता है।
Pt.P.S Tripathi
Mobile no-9893363928,9424225005
Landline no-0771-4035992,4050500
Feel Free to ask any questions in

Tuesday 19 May 2015

शास्त्रों में गरु पुष्य नक्षत्र का महत्व

शास्त्रों में गुरु पुष्य नक्षत्र के लिए चित्र परिणाम

गुरु-पुष्य नक्षत्र का महत्व शास्त्रों में सबसे अधिक है । इस समय में किया गया दान और पुण्य कई गुना अधिक फल देता है। आइए देखे विभिन्न मूलांक वाले लोगों को इस शुभ योग में क्या खरीदना चाहिए और क्या दान करना चाहिए। विशेषकर तब जब हमारे युवा इस दिन किसी परीक्षा या इंटरव्यू के लिए जाना चाहते हो।

* मूलांक 1 : सूर्य का अंक है. सूर्य अभी मेष में उच्च के है। अतः ये जातक सफेद और नारंगी वस्त्र पहने, इन्हीं रंगों की वस्तुओं का दान करे और माणिक रत्न पहने।

* मूलांक 2 : यह चन्द्र का अंक है। चन्द्र इस दिन कर्क राशि में है। अतः ये जातक सफेद ड्रेस पहने, चावल का और दूध का दान करे और मोती रत्न धारण करें।

* मूलांक 3 : यह गुरु का अंक है। गुरु अभी कुंभ में है अतः इन जातकों को पुखराज या सुनहला धारण करना चाहिए, हल्के पीले वस्त्र पहने और चने की दाल और गुड का दान करना चाहिए।

मूलांक 4 : यह राहू का अंक है। राहू अभी धनु में मैं है अतः इन जातकों को गहरे रंग के वस्त्रों से बचना चाहिए, गहरे नीले वस्त्र का दान करना चाहिए और राहू की जडी धारण करना चाहिए।

* मूलांक 5 : यह बुध का अंक है और बुध अभी सूर्य के साथ है। अत: इन जातकों को हरे वस्त्र धारण करना चाहिए, गाय को चारा खिलाना चाहिए और पन्ना पहनने के लिए भी यह दिन शुभ है।

* मूलांक 6 : यह शुक्र का अंक है। शुक्र अभी अपनी राशि वृषभ में है अतः इन जाताकों को सफ़ेद ड्रेस पहननी चाहिए, साबूदाना दान करना चाहिए और हीरा धारण करना चाहिए।

* मूलांक 7 : यह केतु का अंक है। केतु अभी मिथुन में है। स्लेटी और काले वस्त्र न पहने, हलके रंगों का प्रयोग करे। केतु की जडी धारण करे और कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएँ।

* मूलांक 8 : यह शनि का अंक है। शनि अभी कन्या में है अतः इन जातकों को गहरे रंगों से बचना चाहिए, काली वस्तुओं का व तेल का दान करना चाहिए। नौकरों को कुछ खाद्य सामग्री दान दें।

* मूलांक 9 : यह मंगल का अंक है। मंगल अभी कर्क में नीच के है। अतः इन जातकों को लाल रंग का प्रयोग करना चाहिए, मूंगा पहन सकते हैं और चुकंदर, मसूर की दाल का दान करें। रक्त दान भी बेहतर उपाय है।

विशेष : अपने मूलांक के अनुसार इष्ट का ध्यान करना और दान करना सफलता के प्रतिशत को निश्चित ही बढ़ाएगा।
ज्योतिष शास्त्र में ग्रह, नक्षत्र, वार, करण, तिथि, मास आदि अनेक महत्त्वपूर्ण घटक हैं जो अपने प्रभाव व युति के कारण शुभ व अशुभ समय का निर्माण करते हैं। जिसके कारण मानव इच्छित कार्यों में उच्च सफलता प्राप्त करता है। चाहे वह जीवन का कोई भी क्षेत्र हो।

गुरुवार के दिन यदि पुष्य नक्षत्र हो वह बहुत ही शुभ होता है। इस दिन व नक्षत्र के योग से गुरु पुष्य योग का निर्माण होता है, जो अत्यन्त शुभ व किसी कार्य में 99.5 प्रतिशत सफलता दिलाने वाला कहा गया है।

'गुरू' ग्रह ज्ञान व सफलता का प्रतीक है इसलिए इस योग में उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कला, साहित्य, नाट्य, वाद्य या किसी विषय में शोध प्रारम्भ करना, शैक्षणिक व आध्यात्मिक गुरु चुनना, तंत्र, मंत्र व दीक्षा लेना, विदेश यात्रा, व्यापार, धार्मिक कार्यों का आयोजन आदि कार्य करना शुभ होता है।

किन्तु मुहूर्त की सूक्ष्मता पर इसमें विचार किया जाए तो इस दिन बनने वाले योग में भी चंद्रबल, तारा बल, गुरु-शुक्रादि ग्रहों का उदय-अस्त, ग्रहणकाल, पितृपक्ष व अधिक मास आदि तथ्यों का भी विचार किया जाता है। इसलिए नूतन गृह निर्माण व प्रवेश तथा विवाह आदि कार्यों में सभी तथ्यों पर विचार कर ही करना लाभकारी रहेगा।

इस गुरु-पुष्य नक्षत्र अर्थात्‌ जिन जातकों की कुण्डली में गुरु प्रतिकूल है या उच्च का होकर भी प्रभावहीन है अर्थात्‌ अपना फल नहीं दे रहा उन्हें इस अवसर पर पीले रंग की दालें, हल्दी, सोना, आदि वस्तुओं दान देना चाहिए।

इसके अतिरिक्त कोई भी जातक इस दिन अपने कल्याण हेतु व गुरु की अनुकूलता प्राप्त करने के लिए धर्मस्थलों में या गरीबों को विविध प्रकार की खाद्य सामग्री, वस्त्रादि भेंट कर सकते हैं। कोई धार्मिक अनुष्ठान जैसे भगवान विष्णु व उनके अवतारों की पूजा-पाठ हवनादि कर ब्राह्मणों को प्रसन्न कर अपने सौभाग्य में वृद्धि सकते हैं।

दुर्भाग्य व दरिद्रता का नाश करने वाला, मनोवांछित फल देने वाला तथा धार्मिक कार्यों को संपन्न करने वाला, यह गुरु-पुष्य योग अत्यधिक पवित्र एवं शुभ है।
==========================================================================================

गुरु-पुष्य अत्यंत ही शुभ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन खरीदी गई वस्तु के साथ लक्ष्मी, सुख, सौभाग्य, समृद्धि और हर्ष लेकर आती है। इस पवित्र संयोग को विष्णु-लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त है। इस योग में सारा दिन मंगलकारी रहता है लेकिन फिर भी शुभ मुहूर्त देखकर ही वस्तुएँ खरीदी जाएँ तो अत्यंत शुभ फल की प्राप्ति होती है। प्रश्न यह उठता है कि इस मुहूर्त में खरीदा क्या जाए? प्रस्तुत है, राशियों के अनुसार विशेष जानकारी :

मेष : इस राशि का स्वामी मंगल है। यह पराक्रम का कारक है। इस राशि वालों को अपने लिए रत्न मूँगा खरीदना शुभ रहता है। मेष राशि वाले लाल रत्नों के गहने भी खरीद सकते हैं। सामर्थ्य अनुसार लाल रंग की वस्तुएँ भी खरीदी जा सकती है। गुरु के शुभ संयोग के कारण साथ में पीले फूल अवश्य खरीदें और नृसिंह भगवान को चढ़ाएँ।

वृषभ : इस राशि का स्वामी शुक्र है। यह सौन्दर्य, प्रेम और गुप्त भावनाओं का कारक है। अत: इस राशि वालों को शुभ मुहूर्त में हीरा अवश्य खरीदना चाहिए। हीरा खरीदने के साथ ही धारण भी इसी दिन करें। अगर हीरा (डायमंड) खरीदने की क्षमता नहीं हो तो चमकते सफेद रंग, सिल्वर कलर के परिधान खरीदना अत्यंत मंगलकारी होगा। ‍गुरु के शुभ संयोग के कारण साथ में मौसमी पीले फल खरीदें और जिस हाथ में हीरा धारण किया है उस हाथ से गुरु को भेंट करें।

मिथुन : इस राशि का स्वामी बुध है। यह वाणी का कारक है। इस राशि वालों को इस दिन शैक्षणिक सामग्री खरीदना चाहिए। क्षमता हो तो पन्ना रत्न खरीद कर धारण करें। अगर नहीं खरीद सकते हैं तो हरे रंग से मुद्रित दुर्गा चालीसा के पाँच छोटे संस्करणों का देवी मंदिर में वितरण करें। गुरु के शुभ संयोग की वजह से पीली ध्वजा सजाकर मंदिर में अर्पित करें।

कर्क : इस राशि का स्वामी चन्द्र है। यह मन का कारक है। इस राशि वालों को मोती के आभूषण अवश्य खरीदना चाहिए। हो सके तो सफेद फूल शिव मंदिर में चढ़ाएँ। इस दिन घर के किसी बुजुर्ग को सफेद रंग की मिठाई खिलाएँ। वाहन खरीदना हो तो कर्क राशि वालों के लिए इससे बेहतर कोई मुहूर्त नहीं है। गुरु के शुभ संयोग में पीले रंग का एक रूमाल खरीदना भी लाभकारी होगा।

सिंह : इस राशि का स्वामी सूर्य है। यह आत्मा का कारक है। इस राशि वालों को स्वर्णाभूषण अवश्य खरीदना चाहिए। हो सके तो प्रात: सूर्य को मिश्री व कुँकू मिलाकर जल चढ़ाएँ। इस दिन मंगल मुहूर्त में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खरीद सकते हैं। विशेषकर फ्रिज या माइक्रोवेव। युवा वर्ग मोबाइल हैंडसेट बदलने पर विचार कर सकते हैं। गुरु के शुभ संयोग में संतरा खरीद कर गरीब बस्तियों में बाँटना अत्यंत प्रगतिकारक रहेगा।

कन्या : इस राशि का फल मिथुन राशि के अनुसार देखें।

तुला : इस राशि का फल वृषभ राशि के अनुसार देखें।

वृश्चिक : इस राशि का फल मेष राशि के अनुसार देखें।

धनु : इस राशि का स्वामी गुरु है। यह जीवन में शुभ कार्यों का कारक है। यह व्यक्तित्व में गंभीरता प्रदान करता है। इस राशि वालों को इस दिन पीले वस्त्र ही धारण करने चाहिए। पुखराज रत्न खरीदना चाहिए। हो सके तो आटे में हल्दी मिलाकर दीपक बनाएँ और हनुमान मंदिर में जलाएँ। मंदिर ना हो तो पीपल के पेड़ को बिना स्पर्श किए दीपक रखें। जीवन की बाधाएँ दूर होगी। इस दिन सोना, पीले परिधान, पीले फूल, पीले फल तथा पीली मिठाई खरीदें। गुरु के शुभ संयोग में केसर का तिलक लगाएँ तथा जुबान पर शुभ मुहूर्त में केसर रखें।

मकर : इस राशि का स्वामी शनि है। इस राशि वालों को तेल की बनी वस्तुएँ, मोटरबाइक, कार, रेफ्रिजरेटर, कूलर, एसी तथा मोबाइल जैसी हर इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ खरीदना मंगलकारी रहेगा। इस दिन हनुमान मंदिर में सिंदूर का चोला चढ़वाना विशेष फलदायक रहेगा। गुरु के शुभ संयोग के कारण मकर राशि वाले अपने गुरु को श्रीफल तथा पीले फूल भेंट करें। हो सके तो वृद्धाश्रम में पीले फल दान करें।

कुंभ : अगर क्षमता हो तो इस राशि वालों को शहर में प्याऊ खुलवाना चाहिए। यह आने वाले समय के लिए अत्यंत शुभ फलदायी रहेगा। अगर यह क्षमता नहीं हो तो मिट्टी के मटके, सुराही या पानी रखने के अन्य पात्र खरीद कर दान देना चाहिए। पक्षियों के लिए सकोरे लगवाना, पक्षियों को पीला अनाज चुगवाना भी फलदायक रहेगा। नीलम रत्न खरीदना शुभ होगा लेकिन नीलम संभव नहीं हो तो ब्लू टोपाज अवश्य खरीदें।

मीन : इस राशि का फल धनु राशि के अनुसार देखें।